ग्वालियर। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से शहर में नर्सिंग होम एक्ट के नियमों का मखौल उड़ाया जा रहा है। एक डाक्टर एक से अधिक अस्पतालों में स्थाई सेवा दे रहा है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जांच कमेटी भी बनाई, पर जांच के नाम पर कमेटी पिछले एक सप्ताह में इन अस्पतालों को केवल नोटिस ही जारी कर सकी है। जिसमें संबंधित अस्पतालों से डाक्टर व स्टाफ की जानकारी मांगी गई है। जिसके लिए तीन दिन का वक्त दिया गया जो रविवार को पूरा हो जाएगा। पर अभी तक किसी भी अस्पताल से स्वास्थ्य विभाग को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। हालांकि कुछ चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग में दस्तावेजों के दुरुपयोग की शिकायत की है। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की जांच ठंडी चल रही है।

बड़े अस्पतालों में डाक्टरों के दस्तावेज: सर्वोदय अस्पताल के संचालक डा.प्रशांत लहारिया दो अस्पताल में स्थाई सेवा दे रहे हैं। वह सर्वोदय अस्पताल व लिंक हास्पिटल में रजिस्टर्ड रेजिडेंट मेडिकल प्रक्टिसनर के तौर पर काम कर रहे हैं, जबकि उनके द्वारा उपलब्ध कराए नर्सिंग होम एक्ट में दो स्थान पर स्थाई सेवा नहीं दे सकते। इसी तरह से नारायण हास्पिटल में सेवा देने वाले कई डाक्टर एक से अधिक अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। इसमें केडीजे अस्पताल के डाक्टर भी पीछे नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग की साठगांठ से खुले अस्पताल: स्वास्थ्य विभाग की साठगांठ से शहर में अस्पतालों की लंबी चौड़ी चेन खड़ी हो गई। शहर में 364 निजी अस्पताल संचालित हो रहे हैं। एक डाक्टर के दस्तावेज एक से अधिक अस्पतालों में लगाए गए। यह कार्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही संभव हो सकता है। क्योंकि अस्पताल की परमिशन देने से पहले दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन का जिन लोगों का काम है उन्होंने उसमें लापरवाही बरती है।
स्पतालों में स्थाई सेवा डाक्टर नहीं दे सकता है। इस मामले में जांच कमेटी गठित की जा चुकी है और वह जांच कर रही है। अस्पताल से दस्तावेज मिलने पर उनका भौतिक सत्यापन व विभाग में जमा फाइल से मिलान होगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

डा. बिंदु सिंघल, प्रभारी सीएमएचओ