ग्वालियर : पेच रिपेयरिंग में पेंच …?
मटेरियल डालने के बाद रोलिंग नहीं कर रहा निगम अमला, लाेग गड्ढों में खा रहे हिचकाेले…
बारिश से सड़कों पर हो रहे गड्ढों को भरने के लिए नगर निगम पेच रिपेयरिंग का काम चल रहा है, लेकिन इस दाैरान डाला जाने वाला मटेरियल चार-पांच दिन भी गड्ढाें में नहीं ठहर पा रहा है। वजह ये भी है कि मटेरियल डालने के बाद ठीक से रोलिंग नहीं की जा रही है। इस कारण सड़कों में उन स्थानों पर फिर गहरे-गहरे गड्ढे दिख हो रहे हैं, जहां पेच रिपेयरिंग का काम किया गया है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि गिट्टी और मुरम के स्थान पर क्रेशर रन मैकाडम (सीआरएम) मटेरियल डालकर रोलिंग बेहतर तरीके से कर दी जाए तो सड़कों के गड्ढे बारिश में भी भरे रह सकते हैं।
निगम के अधिकारियों का दावा है कि सड़कों में पेच रिपेयरिंग का काम पिछले तीन महीने से चल रहा है। अभी तक 100 से ज्यादा सड़कों पर 2000 से ज्यादा गड्ढों को भरा जा चुका है। दैनिक भास्कर की टीम ने ऐसी कुछ सड़कों का जायजा लिया, जहां पर पेच रिपेयरिंग का काम किया गया है।
रोड कटिंग मटेरियल भी भरा
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर की कुछ सड़कों के गड्ढों को भरने के लिए 50 डंपर रोड कटिंग मटेरियल भी डाला गया है। यह मटेरियल सीआरएम मटेरियल का ही बाई प्रोडक्ट होता है।
देखिए… पेच रिपेयरिंग के बाद इन सड़कों पर फिर हो गए गड्ढे
- बाल भवन मार्ग: ओल्ड रेस्ट हाउस के बगल वाले मार्ग पर गड्ढे काफी हो गए थे। सफेद गिट्टी डालकर पेच रिपेयर किया, लेकिन यहां फिर से गड्ढे दिखने लगे हैं।
- गोला का मंदिर: यहां निगम ने गड्ढे को मटेरियल डालकर भरा। लेकिन हालात जस के तस दिख रहे हैं।
- पाताली हनुमान मंदिर: बारिश में यहां पानी जमा हो जाता है। यहां के गड्ढों को भरा गया। अभी फिर से गड्ढे हो चुके हैं।
- शिंदे की छावनी रामदास घाटी: यहां भी पेच रिपेयरिंग के बाद गड्ढे होने लगे हैं।
- दाल बाजार: यहां तो डामर मिक्स मटेरियल डाला गया था। फिर से गड्ढे हो चुके हैं।
सीआरएम मटेरियल बेहतर
अभी बारिश में गिट्टी-मुरम और स्टोन डस्ट से गड्ढों को भरा जाता है। यदि निगम इसे सीआरएम मटेरियल से भरने के साथ रोलिंग बेहतर तरीके से कर दे, तो गड्ढों से मटेरियल नहीं निकलेगा। हालांकि यह थोड़ा महंगा होता है। -प्रेम पचौरी, सेवानिवृत कार्यपालन यंत्री ननि
खनिज विभाग से मांगा मटेरियल
ननि सड़कों के गड्ढों को भरने के लिए तेजी से पेच रिपेयरिंग करा रहा है। इसके बाद फिर से गड्ढे होने की यह समस्या को देखते हुए हमने खनिज विभाग से अलग से मटेरियल मांगा है। 10 ड्रम मिल चुके हैं। शेष की जल्दी ही मिल जाएंगे। -किशोर कन्याल, निगमायुक्त