बच्चों का स्कूल सफर कैसे होगा सुरक्षित, शिकायत की तो गाड़ी बंद

ग्वालियर. स्कूली वाहन 5 दिन में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के हिसाब से सुरक्षा का इंतजाम करेंगे। यातायात पुलिस का अल्टीमेटम मंगलवार को पूरा होगा। जिन गाड़ियों में अब खामियां मिलेंगी उन कार्रवाई होगी। लेकिन इस पैमाने में किन स्कूली वाहनों को लिया जाएगा, पुलिस भी तय नहीं कर पाई है। फिलहाल उसके रडार पर स्कूली बसें हैं, ऑटो और वैन कसावट के दायरे मेें नहीं दिख रहे हैं। उधर अभिभावकों इसे अधूरी कसावट मान रहे हैं। लोगों का कहना है बसों से ज्यादा बच्चे तो ऑटो और वैन से स्कूल जाते हैं। खतरा तो उनमें भी है। इन वाहनों में तो गाइडलाइन को बिल्कुल नहीं माना जा रहा है। फिर पुलिस सिर्फ चालक की वर्दी और बैच की जांच क्यों सिमटी है।

ऑटो वाले ने बच्चे ले जाने से मना कर दिया

हॉस्पिटल रोड निवासी जितेन्द्र कहते हैं, परिवार के बच्चे नामी गिरामी स्कूल में जाते हैं, लेकिन स्कूल वाहन सुविधा नहीं देता, इसलिए ऑटो लगाना पड़ा है। चालक तय क्षमता से दोगुने बच्चे गाड़ी में बैठाता है। उसकी शिकायत भी की, कार्रवाई तो नहीं हुई। बच्चे जरूर फजीहत में आ गए। वाहन चालक ने बच्चों को स्कूल ले जाने से मना कर दिया। दूसरे वाहन चालक भी बच्चों को ले जाने के लिए राजी नहीं हुए। क्योंकि इनकी टोली है, इसलिए मनमानी झेलना मजबूरी है।

शिकायत की तो कोई ले जाने को तैयार नहीं

तारागंज निवासी पंकज भाटिया ने बताया तादात से ज्यादा बच्चे बैठाने पर वैन चालक को हटा दिया था। गाड़ी में ओवरलोड बच्चों के फोटो खींचकर उससे कहा था शिकायत करेंगे। फिर दूसरा वाहन चालक ज्यादा पैसा देने पर भी बच्चे को स्कूल ले जाने के लिए राजी नहीं हुआ। बल्कि गाड़ी चालकों ने कहा सबको एक साथ धंधा करना है। हम आपस में बैर नहीं लेते।

ऑटो चालक ले जाने को तैयार नहीं

कारोबारी ब्रह्मकुमार गुप्ता कहते हैं भतीजे, भतीजी वैन से स्कूल जाते हैं। सबको पता है गाड़ी चालक गैस का इस्तेमाल कर रहा है। बच्चे बताते हैं थोड़ी चढ़ाई पर भी उनकी वैन की दम फूल जाती है। जाहिर है गाड़ी गर्म होती है। वाहन चालक को कई बार टोक चुके हैं। लेकिन वह नहीं सुनता। कुछ साल पहले पुलिस ने इन वाहनों पर कसावट की थी। तब कार्रवाई का हवाला देकर स्कूली वाहन चालकों (ऑटो, वैन ऑपरेटर) ने किराया बढ़ाया था। दलीलें दी थीं कि गाड़ी में क्षमता के आधार पर ही बच्चे बैठेंगे। फिर कोरोना आ गया उसके बाद स्कूल खुले तो वाहन चालकों ने बैठक क्षमता के नियम को खूंटी पर टांग दिया।

सभी वाहनों में देखे जाएंगे सुरक्षा के इंतजाम

यह बात सही है स्कूल बस के अलावा बच्चे तो ऑटो और वैन भी स्कूल जाते हैं। सुरक्षा उनमें भी जरूरी है। स्कूली वाहनों में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के हिसाब से सुरक्षा के इंतजाम होना चाहिए। स्कूल संचालकों दिया गया अल्टीमेटम पूरा हो गया है। अब सभी वाहनों की जांच होगी।

मोती उर रहमान, एएसपी यातायात

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