सुसाइड की टेंडेंसी आसपास दिखे तो इसे रोकने के तरीके …!

आप भी पहचान सकते हैं किसी की सुसाइडल टेंडेंसी …..
सुसाइड की टेंडेंसी आसपास दिखे तो इसे रोकने के 6 तरीके

एक ताकतवर आदमी का चले जाना

जुलाई 29, 2019, दक्षिण भारत, कर्नाटक राज्य का मेंगलुरू इलाका, आसमान बादलों से भरा था। पिछले कुछ दिनों की भारी बारिश ने कर्नाटक के कॉफी बागानों को पानी देने वाली नेत्रवती नदी को उफान पर ला दिया था।

शाम 6:30 बजे का वक्त, मद्धम होते सूरज के प्रकाश में नदी का मटमैला पानी और भी अधिक मटमैला हो चला था। ‘मेंगलुरू’ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 66 पर इसी नदी पर बने ‘उल्लाल ब्रिज’ के पास एक काली टोयोटा इनोवा कार आकर रुकती है।

उस कार से साधारण कपडे पहने एक शख्स बाहर निकलता है, अपने ड्राइवर को कहता है ‘टहलने जा रहा हूं, यहीं इंतजार करें’। कुछ घंटे बाद तक भी जब वह शख्स नहीं लौटा तो ड्राइवर परिवारजनों को खबर करता है।

और कुछ ही देर में यह खबर समाचार चैनलों की हेडलाइन बन जाती है क्योंकि जो शख्स गायब हुआ वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। गायब होने वाले शख्स का नाम है वीजी सिद्धार्थ – देश-विदेश में फैले सैकड़ों कैफे कॉफी डे आउटलेट्स के मालिक।

वीजी सिद्धार्थ को भारत का कॉफी किंग कहा जाता था।
वीजी सिद्धार्थ को भारत का कॉफी किंग कहा जाता था।

सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया जाता है, और गायब होने के दूसरे दिन यानी जुलाई 31 की सुबह ‘उल्लाल ब्रिज’ से 4 किमी दूर वीजी सिद्धार्थ का मृत शरीर मछुआरों को मिलता है।

सुसाइड के इस मामले ने देश को हिला कर रख दिया था। लोग यह नहीं समझ पा रहे थे कि एक अमीर घर में पैदा हुए, कई सारे कॉफी बागानों के मालिक, प्रभावशाली और ताकतवर परिवार के सम्बन्धी (कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके एसएम कृष्णा के दामाद) की क्या मजबूरी रही होगी की उन्हें सुसाइड करना पड़ा।

कहते हैं उन पर विभिन्न बैंकों और संस्थाओं की 7000 करोड़ की देनदारी थी लेकिन उनके पास लगभग उतनी ही एसेट्स भी थी।

कॉम्प्लेक्स माइंड

मनुष्य का मनोविज्ञान भूलभुलैया की तरह है और ऐसा अक्सर होता है कि हम ऐसी घटनाओं से चौंक जाते हैं फिर वह जाने-माने फिल्म एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का मामला हो या हमारे घर-परिवार या आस-पास की कोई गुमनाम महिला या लड़की।

आज यह देखने की कोशिश करेंगे कि कैसे हम अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को पहचान सकते हैं जिसमें सुसाइड करने की प्रवृत्ति हो कैसे हम उसे ऐसा करने से बचा सकते हैं।

…………………….

भारत दुनिया में सबसे अधिक सुसाइड दरों वाले देशों में से एक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2019 में, भारत ने 139,000 से अधिक आत्महत्याएं हुई यानी प्रति एक लाख लोगों पर 10.4 आत्महत्या। 2021 में यह संख्या बढ़कर लगभग 1,64,000 हो गई है यानी प्रति एक लाख जनसंख्या पर 12।

क्यों कर रहे लोग ऐसा

भारत में उच्च सुसाइड दर में योगदान करने वाले प्रमुख कारकों में से एक मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे हैं, जैसे कि अवसाद, चिंता और तनाव।

भारत में सुसाइड से जुड़े अन्य कारकों में सामाजिक और आर्थिक दबाव, गरीबी, बेरोजगारी, पारिवारिक समस्याएं, रिश्ते के मुद्दे और ड्रग्स का सेवन शामिल हैं। छात्रों, किसानों और महिलाओं सहित कुछ समूहों में सुसाइड की दर अधिक है।

छात्रों के बीच सुसाइड की दर विशेष रूप से शैक्षणिक दबाव, माता-पिता की अपेक्षाओं और करिअर की अनिश्चितता के कारण है। किसान एक अन्य उच्च जोखिम समूह हैं, जिनमें फसल की विफलता, ऋण और ऋण चुकाने में असमर्थता कुछ प्राथमिक कारक हैं।

कुछ क्षेत्रों में महिलाओं के बीच सुसाइड की दर भी पुरुषों की तुलना में अधिक है, और घरेलू हिंसा, दहेज से संबंधित मुद्दों और सामाजिक और सांस्कृतिक अपेक्षाओं जैसे कारण पाए गए हैं।

किसी व्यक्ति में सुसाइड करने की टेन्डेन्सी है या डेवलप हो रही है, यह कैसे पता चल सकता है

इस सवाल का जवाब यह है कि यह एक मुश्किल काम है। कई बार तो इस फील्ड के प्रोफेशनल्स के लिए भी। सुसाइड करने वाले लोगों में हमेशा स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते हैं। हालांकि, ऐसे कई चेतावनी संकेत हैं जिन पर परिवार के सदस्य और दोस्त ध्यान दे सकते हैं-

1) यदि कोई व्यक्ति अचानक सुसाइड से सम्बंधित बात कर रहा हो, ऐसी कई फिल्में देख रहा हो, उस से सम्बंधित गूगल सर्च कर रहा हो, या इसी प्रकार की कोई गतिवधि कर रहा हो।

3) ऐसा कोई व्यक्ति जो सामान्य तौर पर मिलनसार हो लेकिन पिछले कुछ समय से दोस्तों और परिवारजनों से अपने को काट रहा हो। अचानक अकेले में रहना पसंद करने लगे, बोलना कम कर दे या बिलकुल बंद।

4) अचानक मूड स्विंग होना और गुस्सा आना या उदास हो जाना।

5) सोने के तरीके में बदलाव, जैसे बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना।

6) शराब या नशीले पदार्थों का अधिक सेवन।

7) संपत्ति दान करना या इसी तरह की अन्य तैयारी जैसे विल बनाना इत्यादि।

8) व्यवहार में आक्रामकता या लापरवाही का बढ़ना।

अपने आस-पास किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण होने पर ये काम करें-

1 बातचीत शुरू करें (Start talking freely)

व्यक्ति के बारे में जजमेंटल हुए बिना उससे बातचीत करना शुरू करें। उन्हें बताएं कि आप उन्हें सुनने और उनकी मदद करने के लिए मौजूद हैं, और आप उनकी भलाई के बारे में परवाह करते हैं।

2 उन्हें सचमुच सुनें (Listen passionately)

उन्हें अपना पूरा ध्यान दें और सुनें कि उन्हें क्या कहना है। उनकी समस्याओं को हल करने या उनकी भावनाओं को खारिज करने की कोशिश न करें। इसके बजाय, उनकी भावनाओं को मान्य करें और सहानुभूति दिखाएं।

3 सुसाइड के बारे में पूछें (Ask them openly)

उनसे सीधे पूछें कि क्या वे सुसाइड के बारे में सोच रहे हैं। यह पूछने के लिए एक कठिन प्रश्न हो सकता है, लेकिन प्रत्यक्ष होना महत्वपूर्ण है। यदि वे हां कहते हैं, तो शांत रहें और उनके उत्तर को गंभीरता से लें।

4 प्रोफेशनल हेल्प लें (Take professional help)

उन्हें एक प्रोफेशनल हेल्प, जैसे चिकित्सक या मनोवैज्ञानिक से मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करें। अपॉइंटमेंट लेने में उनकी मदद करने की पेशकश करें और अगर वे चाहें तो उनके साथ जाएं।

5 सुसाइड के साधनों तक पहुंच हटाएं (Keep them safe)

यदि उनके पास घातक चीजों, जैसे ज्वलनशील पदार्थ या दवाओं तक पहुंच है, तो उन्हें हटा दें।

6 फॉलोअप करें (Follow up)

नियमित रूप से उन पर ध्यान दें और अपना समर्थन देना जारी रखें। पेशेवर मदद लेने के बाद भी आपका उनके जीवन में शामिल रहना आवश्यक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *