फेस पाउडर, चूना, चॉक मिला मावा पहुंचा देगा हॉस्पिटल; फर्क पहचानें …!

होली के त्योहार के आसपास नकली मावा बनाने और बेचने का गोरखधंधा फलने-फूलने लगता है। जैसे ही मावे की डिमांड बढ़ती है, इसमें मिलावट की खबरें आने लगती हैं। मिलावट करने वाले अपना काम इतनी सफाई से करते हैं कि इसका पता ही नहीं चल पाता।

आज  ….. में बात करेंगे कि मावे में मिलावट से क्या-क्या नुकसान हो सकता है, मिलावट की पहचान कैसे करें और मिलावट वाले सामान से कैसे बचें।

आज के हमारे एक्सपर्ट हैं  .…..

सवाल: नकली खोया में किस-किस तरह की मिलावट की जाती है?
जवाब:
 मावा यानी खोया में खराब क्वालिटी का मिल्क पाउडर, टेलकम पाउडर, चूना, चॉक और सफेद केमिकल्स मिलाएं जाते हैं।
इसके अलावा नकली मावा बनाने के लिए दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और वनस्पति घी यानी डालडा मिलाया जाता है। कई लोग मावे में शकरकंद, सिंघाड़े का आटा, मैदा या आलू भी मिलाते हैं। इसके अलावा आजकल दूध का फैट कंटेंट निकालकर उसकी जगह खराब क्वालिटी का तेल मिला दिया जाता है।

सवाल: मावा खरीदते हुए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब:
 मावा खरीदते हुए इन 4 चीजों को रखें याद…

  • हाथों से दबाकर मावे का टेक्सचर चैक करें। अगर मावा नरम है तो वो फ्रेश और असली है।
  • मावे को मसलने पर अगर घी की खुशबू आ रही है तो वो असली है।
  • मावा खाकर देखें। असली मावा मुंह में घुल जाएगा और नकली मुंह में चिपकता है।
  • हल्का ब्राउन मावा ठीक होता है। बिल्कुल सफेद या क्रीमी मावा नकली हो सकता है।

नकली मावे की पहचान करने के लिए ये तरीकें अपनाएं

  • मावा खाने पर मुंह में चिपक रहा है, मतलब नकली है।
  • खाने पर खारापन महसूस हो तो समझ लें उसमें कास्टिक सोडा मिलाया गया है।
  • जरा भी मिलावट होने पर उसकी लोइयां फटने लगती हैं।
  • चीनी मिलाकर गर्म करने पर नकली मावा पानी छोड़ता है।
  • मिलावट वाले मावे को पानी में घुलने में टाइम लगता है।

इसके अलावा कुछ और ट्रिक्स हैं जिन्हें आप नीचे लगी क्रिएटिव में पढ़कर ट्राई कर सकते हैं। इसे पढ़ें और दूसरों को शेयर भी करें…

सवाल: क्या मावे का कोई विकल्प है?
जवाब: 
नकली मावे से बचने के लिए आप घर पर दूध से मावा बना सकते हैं। इसके अलावा कई ऐसी मिठाईयां बना सकते हैं जिसमें मावे का इस्तेमाल नहीं होता। जैसे नारियल की बर्फी, लौकी की बर्फी, पेठे की मिठाई और सूजी की मिठाई।
साथ ही गुंजिया में मावे की फिलिंग की जगह ड्राय फ्रूट्स या खजूर की फिलिंग कर सकते हैं।

सवाल: क्या मिलावट करने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत की जा सकती है?
जवाब: 
हां बिल्कुल। मिलावटी चीजों की शिकायत आप फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड ऑथारिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI के कानून के तहत कर सकते हैं। याद रखें कि इसके लिए आप डायरेक्ट मैजिस्ट्रेट के पास नहीं जा सकते है। पनीर के उदाहरण से ही इसे समझते हैं। अगर पनीर मिलावटी है तो उसके सैंपल को लेकर आपको फूड सेफ्टी अथॉरिटी के पास जाना होगा। वहां एक लिखित शिकायत दर्ज करवाएंगे कि ये जो पर्टिकुलर प्रोडक्ट हम रख रहे हैं आपके सामने उसकी जांच करवाई जाए, उसमें मिलावट है। अथॉरिटी उसे लैब भेजकर जांच करवाएगी, जैसे ही रिपोर्ट आपके फेवर में आएगी, वारंट जारी हो जाएगा।

सवाल: क्या हर शहर में फूड सेफ्टी के अधिकारी होते हैं?
जवाब:
 हां, हर शहर में एक फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर मौजूद है। उसका काम ही इंस्पेक्शन और जांच दोनों है।
देश के सभी राज्यों के फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर की जानकारी के लिए FSSAI की ऑफिशियल आईडी के हेल्पडेस्क पर जाने के लिए यहां क्लिक करें

सवाल: मिलावट करने वालों के लिए कानून में क्या सजा है?
जवाब: 
खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदारों पर जुर्माने का प्रावधान है। उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। अगर किसी ने मिलावटी खाने की कोई चीज खा ली है तो उसके लिए नॉन बेलेबल वारंट जारी होगा। इसके बाद दोषी को 6 महीने से 3 साल की जेल होगी। लेकिन इसके लिए वो खाने की चीज लैब में टेस्ट की जाएंगी और मिलावट साबित होने पर सजा निश्चित है।
दूसरी ओर अगर मिलावटी चीज किसी ने नहीं खाई है तो बेलेबल वारंट दोषी के खिलाफ जारी होगा।

त्योहारों में लोग पनीर की सब्जी, खीर भी अक्सर बनाते हैं, इन चीजों में भी मिलावट देखी जा रही है। अब इनके बीच असली और नकली के पहचान का तरीका बता रहे हैं ये भी याद रखें।

पनीर शुद्ध है या नहीं चेक करें ऐसे

  • पनीर को हाथों से मसलकर देखें। मिलावटी पनीर का चूरा बन जाएगा, क्योंकि यह पाउडर मिल्क से बनता है। प्योर पनीर के साथ ऐसा नहीं होगा।
  • पनीर को थोड़ी देर के लिए गर्म पानी में उबालें। इस पानी में सोयाबीन का आटा या अरहर दाल का पाउडर डालें। इसके बाद नकली पनीर का रंग लाल होने लगेगा।
  • पानी में पनीर को उबालकर ठंडा कर लें। फिर इसमें ट‍िंचर आयोडीन की कुछ ड्रॉप डाल दें। अगर पनीर का रंग नीला हो जाए, तो पनीर में मिलावट है।

घी असली है या नकली, इसकी पहचान करने का तरीका सीख लें

  • हथेलियों पर थोड़ा सा घी रखकर अच्छे से रगड़ें। सात से आठ मिनट के बाद उसे सूंघकर देखें। अगर प्योर होगा, तो खुशबू आएगी। अगर नहीं तो समझें नकली है।
  • तीन से चार चम्मच घी को धीमी आंच पर उबालें। एक उबाल के बाद इसे 24 घंटे के लिए अलग रख दें। इसके बाद भी उसकी खुशबू आए और वो दानेदार दिखें, तो समझिए असली है वरना नकली।
  • एक ग्लास पानी में एक चम्मच घी डालें। घी पानी के ऊपर तैरने लगे, तो वह असली है और नीचे बैठ जाए, तो घी नकली हो सकता है।

दूध में मिलावट है कि नहीं पहचान करना आसान है

  • दूध में पानी की मिलावट चेक करने के लिए अपनी उंगली की टिप पर दूध की एक बूंद लें। उसे बहने दें, अगर तेजी से बह गया, तो समझो ज्यादा पानी मिला हुआ है। दूध अगर रुका रहता है या फिर धीरे-धीरे बहता है, तो उसमें कम पानी या कोई पानी नहीं मिलाया गया।
  • दूध में स्ट्रार्च अक्सर मिलाया जाता है। इसकी जांच करने के लिए एक चम्मच दूध लें। उसमें दो चम्मच नमक मिला दें। मिलावट होने पर वो नीला हो जाएगा। अगर असली होगा, तो दूध का रंग नहीं बदलेगा।
  • आधा चम्मच दूध में सोयाबीन पाउडर मिलाएं। पांच मिनट के बाद, लिटमस पेपर को 30 सेकंड के लिए इसमें डुबोएं। अगर पेपर का रंग नीला हो जाए, तो मतलब दूध में यूरिया मिलाया है।

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