कितना मुश्किल हुआ बच्चों को पढ़ाना …!
School Fees: कितना मुश्किल हुआ बच्चों को पढ़ाना, देखें स्कूल-कॉलेज की फीस का पूरा हिसाब-किताब …
स्कूल-कॉलेजों के बढ़ते खर्च से और महंगाई के चलते मां-बाप अक्सर चिंतिंत रहते हैं कि क्या वे अपने बच्चे के विकास के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। बच्चे की पढ़ाई मां-बाप की पहली प्राथमिकता है। ऐसे में क्या है सही रास्ता, बता रहे हैं एक्सपर्ट
प्राइवेट स्कूल vs सरकारी स्कूल फीस का फर्क
2012-20 के बीच भारत में शिक्षा की लागत करीब 10-12 फीसदी बढ़ी है। न केवल एजुकेशन कॉस्ट बल्कि ट्रांसपोर्ट और एग्जाम कॉस्ट भी वक्त-वक्त पर बढ़ते रहते हैं, जो परिवार के पूरे बजट पर असर डालते हैं। -एडु फंड
स्कूल से ज्यादा महंगी कॉलेज की पढ़ाई
चार्टर्ड एकाउंटेंसी कोर्स पूरा करने के लिए ट्यूशन फीस को छोड़कर, कुल खर्च 86 हजार रुपये है। -वरुण जैन, माइल्स एजुकेशन
बढ़ती मंहगाई के बीच बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने का तरीका
बच्चे के भविष्य की योजना बनाने का सबसे अच्छा तरीका है, उसके जीवन के महत्वपूर्ण चरणों जैसे शिक्षा, उच्च शिक्षा और शादी पर विचार करना और जल्द से जल्द निवेश शुरू करना। – तरुण बिरानी, सीईओ, टीबीएनजी कैपिटल एडवाइजर्स