इंदौर  स्टार्टअप हब के रूप में उभर रहे इंदौर में बीते पांच-सात वर्षों में ऐसी तरक्की हुई है कि जो स्टार्टअप 10 या 20 लाख रुपये की लागत से शुरू हुए थे, वे अब 100 करोड़ रुपये का वैल्यूएशन पार कर गए हैं। इनकी खासियत है कि इन्होंने अपने यूनिक आइडिया के जरिए सामान्य बिजनेस को भी अनूठे कारोबार में बदल दिया है। यही वजह है कि निवेशकों ने भी इंदौर के स्टार्टअप की सफलता दर देखते हुए यहां करोड़ों रुपये की फंडिंग की है। आइए जानते हैं कि बीते करीब सात वर्षों में इंदौर कैसे स्टार्टअप के मामले में जबरदस्त ग्रोथ का गवाह बना है।

इंदौर में संचालित करीब 1000 स्टार्टअप में से 200 ऐसे हैं, जिनकी वैल्यूएशन पांच से दस गुना तक बढ़ी है। जिनका आइडिया अच्छा है, वे बंपर लाभ कमा रहे हैं। उन पर निवेशकों की भी नजर है। ऐसे स्टार्टअप जब फंडिंग लेने के पहले अपना मूल्यांकन कराते हैं, तो पता लगता है कि उनके व्यवसाय में ऐसी कई बातें हैं जो उन्हें यूनिक बनाती हैं। इंदौर में स्टार्टअप के लिए माहौल इतना शानदार है कि यहां 2015 के बाद शुरू हुए स्टार्टअप कुछ ही वर्षों में करोड़ों रुपये के वैल्यूएशन पर पहुंच गए हैं। ये न केवल पैसा कमा रहे हैं बल्कि समाज की समस्याओं को अनूठे ढंग से सुलझा भी रहे हैं।

यूनिक आइडिया से देश में बनाई अपनी पहचान

कैफे के साथ टायलेट और अन्य सुविधा दे रहा स्टार्टअप लूटेल कुछ ही वर्षों में करोड़ों के मूल्यांकन पर पहुंच चुका है। सेल्फ फंड से संचालित इस स्टार्टअप की वैल्यूएशन 30 करोड़ रुपये हो गई है। अनूठे आइडिया के चलते भारत सरकार द्वारा सम्मानित फाउंडर यशवंत सुतार ने पहला लूटेल कैफे एआइसीटीएसएल परिसर में शुरू किया था। अब तमिलनाडु, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश सहित देशभर में आठ कैफे हो गए हैं। कैफे में टायलेट, इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग, रिफ्यूल, रेस्ट जोन व अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।

जब घर बेचा था, अब वैल्यूएशन हुई 100 करोड़ पार

सस्ती कूलिंग के लिए एसी जैसा शानदार विकल्प खोजने वाले स्टार्टअप वायु की वैल्यूएशन 100 करोड़ रुपये पार कर चुकी है। स्टार्टअप 80 फीसद तक बिजली बचाने वाले एसी तैयार कर रहा है। शुरुआत में प्लांट, मशीनरी व अन्य सामग्री के लिए दो करोड़ रुपये की लागत आई थी। इसके लिए स्टार्टअप के फाउंडर प्रियंका मोक्षमार ने बाजार से फंडिंग न लेते हुए अपना घर बेच दिया था। अब भारत, दुबई सहित कई देशों में इसके उत्पाद को पसंद किया जा रहा है। कई निवेशक इसमें पैसा लगाने की होड़ लगाए हुए हैं।

शिक्षा नीति को ध्यान में रखा, मिली 20 करोड़ की फंडिंग

सात साल पहले इंदौर में छोटे रूप में शुरू हुआ स्टार्टअप क्लास मानिटर स्कूली विद्यार्थियों को अनूठे ढंग से शिक्षा प्रदान करने वाली सामग्री तैयार करता है। यह भारत सहित 18 देशों तक पहुंच बना चुका है। हाल ही में 20 करोड़ की फंडिंग मिली है। फाउंडर विजित पांडे बताते हैं, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रैक्टिकल पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। हम उसे ध्यान में रखकर ऐसे उत्पाद ला रहे हैं, जिनसे विद्यार्थी किन विषयों में मजबूत हैं, इसका पता चल सकेगा। 20 लाख रुपये से शुरू हुए थे, वैल्यूएशन अब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

निवेशक इंदौर के स्टार्टअप को कर रहे पसंद

इन्वेस्ट इंदौर के सचिव सावन लड्ढा ने बताया कि स्टार्टअप के मामले में आने वाले वर्ष में टियर टू और टियर थ्री शहरों को जबरदस्त ग्रोथ मिलेगी। इंदौर के कुछ स्टार्टअप, जिनमें यात्रीकार्ट, अनक्सेई डिजिटल, एआइ ट्रिलियन, पहल आदि शामिल हैं, ने भी कुछ वर्षों में अच्छी ग्रोथ पाई है। आगामी दिनों में कुछ और स्टार्टअप करोड़ों रुपये वैल्यूएशन वाले होंगे। ऐसी शानदार ग्रोथ को देखते हुए निवेशक भी अब इंदौर के स्टार्टअप को पसंद कर रहे हैं।

इमर्जिंग इंदौर में यह स्थिति ……
    • एक हजार स्टार्टअप हैं इंदौर में।
    • 20 हजार युवाओं को रोजगार मिल रहा इनसे।
    • 300 कंपनियां आइटी क्षेत्र की हैं।
    • एक स्टार्टअप यूनिकार्न (वैल्यूएशन 7500 करोड़ रुपये से अधिक) बन चुका है
  • 1500 से दो हजार करोड़ की फंडिंग स्टार्टअप को मिल रही है औसतन प्रतिवर्ष।