ग्वालियर – सुसेरा के जंगल में 50 लाख रुपए से लगाए 54 हजार से ज्यादा पौधे, बचे सिर्फ 29%,

अफसरों की अनदेखी:सुसेरा के जंगल में 50 लाख रुपए से लगाए 54 हजार से ज्यादा पौधे, बचे सिर्फ 29%, अफसर बोले- 22 हजार तो बकरियां चर गईं
सुसेरा कोठी के पास पौधरोपण के बाद भी वीरान पड़ा जंगल …

अफसरों की अनदेखी और स्टाफ में आपसी कलह के चलते वन रेंज ग्वालियर की सुसेरा बीट का जंगल खत्म होने की कगार पर है। पांच साल पहले (साल 2017-18) यहां पर 50 लाख रुपए खर्च कर वन विभाग ने 56 हेक्टेयर भूमि पर 54,263 पौधे रौपे थे। वर्तमान में सिर्फ 29 प्रतिशत पौधे ही जिंदा बचे हैं। ये आंकड़ा वन विभाग की आनलाइन वृक्षारोपण निगरानी प्रणाली में एसडीओ राजीव कौशल ने अपलोड किया है।

खत्म होते जंगल का सुसेरा ही एक उदाहरण नहीं है। उत्तर घाटीगांव में दमतोर खालसा में साल 2016 में बांस के 5000 पौधे लगाए थे। यहां के एसडीओ रहे दोजीराम जाटव ने साल 2021 में सिर्फ 21.39 फीसदी पौधों को जिंदा बताया। इसके बाद दो साल से घाटीगांव एसडीओ के पद पर रहे अफसरों ने इसको अपडेट नहीं किया। वन विभाग के जानकार कहते हैं कि पौधरोपण 75 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर कामयाब माना जाता है।

लापरवाही के चलते बकरियां चर गईं पौधे

“सुसेरा में पौधरोपण को नुकसान हुआ है। यहां पर दो वन रक्षकों के आपसी झगड़े के कारण बकरियां 22 हजार पौधे चर गई हैं। गेट भी टूटा हुआ है। वहां पर तार फेंसिंग की गई है। इस मामले में डिप्टी रेंजर से लेकर वन रक्षक की गलती समझ में आई है। उस पर सात से आठ लाख रुपए की रिकवरी निकाली है।”

 एसडीओ वन विभाग

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