ग्वालियर –   शहर के जिस स्कूल के खेल मैदान पर कभी देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी खेला करते थे, वह खेल मैदान अब मल्टीलेवल पार्किंग की भेट चढ़ गया है। शा. गोरखी स्कूल में कक्षा 12वीं तक पढ़ने वाले लगभग 1500 छात्र हैं, जो खेलने कूदने के लिए अब तक गाेरखी स्कूल के बगल में मौजूद मैदान का उपयोग करते थे, लेकिन उसमें भी पिछले आठ महीने से स्मार्ट सिटी द्वारा मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा रही है।

यह सब शहर के जिम्मेदाराें और माननीयों की जानकारी में हुआ, लेकिन किसी के भी जहन में यह सवाल नहीं आया कि अब स्कूल के छात्र खेलेंगे कहां? असर यह हुआ कि धीरे-धीरे अब ये 1500 छात्र पूरी तरह से खेलकूद जैसी सभी गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। वहीं शहर के जनप्रतिनिधियों से इस बारे में सवाल किए तो किसी के पास इस समस्या का समाधान नहीं मिला। देश के भविष्य के प्रति माननीयों और जिम्मेदारों का इतना गैर जिम्मेदाराना रवैया बेहद चिंताजनक है। यहां बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के यमुनानगर के स्कूल के खेल मैदान पर अनाधिकृत कब्जे के मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि विद्यार्थी भी एक अच्छे वातावरण के हकदार हैं। खेल मैदान के बिना कोई भी स्कूल नहीं हो सकता है। कोर्ट ने उस स्कूल के खेल मैदान से कब्जा हटाने के आदेश जारी किए हैं। गौर करें तो पूरे ग्वालियर शहर में भी स्कूलों में खेल के मैदान की स्थिति ठीक नहीं है।

जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा

बचाया जा सकता था खेल मैदान गोरखी के छात्रों का खेल मैदान बचाया जा सकता था, हम यह इसलिए कह रहे हैं कि कुछ वर्ष पहले कांग्रेस की सरकार के दौरान गजराराजा विद्यालय और पद्मा विद्यालय के लिए भी खेल के मैदानों में निर्माण कार्य करवाने का प्रस्ताव केंद्र से अाया था। तत्कालीन विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के कडे विरोध के बाद दोनों प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया गया था। यदि मैदान को हटा कर पार्किंग बनाने के स्थान पर किसी अन्य स्थान को मल्टीलेवल पार्किंग के लिए चुन लिया जाता तो यह समस्या नहीं आती।

स्कूल के पास पार्किंग बनने से खेल का मैदान हटाना पड़ा है। मेरा मानना है कि शहर के भीतर इतना स्थान नहीं है जहां स्कूल के साथ एक अच्छा खेल का मैदान बच्चों को मिल सके। ऐसे में स्कूलों को उचित स्थान देखकर शिफ्ट करवाना ही बेहतर विकल्प होगा।

र सांसद ग्वालियर

उचित जगह देखकर स्कूल शिफ्ट करवाना होगा

नौनिहालों के सर्वांगीण विकास को मल्टीलेवल पार्किंग के नाम पर स्मार्ट सिटी की मनमानी के चलते भेंट चढ़ा दिया गया। बिना योजना के किसी काम को करने पर यही अंजाम होता है। पता नहीं क्यों प्रदेश सरकार शिक्षा को दरकिनार कर बिना सोचे विचारे सिर्फ पैसे फूंकने में लगी है।

विधायक दक्षिण विधानसभा क्षेत्र

बिना योजना के सिर्फ पैसा फूंका है

स्कूली छात्रों के विकास के लिए एक खेल का मैदान बहुत महत्वपूर्ण होता है। गाेरखी स्कूल में छात्रों की संख्या भी काफी है। मल्टीलेवल पार्किंग सरकार का प्रोजेक्ट है, ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए शहर के जनप्रतिनिधियों को जिम्मेदारी समझते हुए आगे आना होगा।

अजय कटियार जिला शिक्षा अधिकारी