मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस रद्द …! CBI ने चुप्पी साधी ….
PNB घोटाले के आरोपी ने इंटरपोल में अपील की थी; CBI ने चुप्पी साधी ….
195 देश इंटरपोल के मेंबर हैं। रेड नोटिस जारी होने पर संबधित व्यक्ति को अस्थायी तौर पर हिरासत में लिया जा सकता है, अस्थायी तौर पर ही गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके बाद जिस देश में उसे गिरफ्तार किया गया है, उस देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाती है। कई मामलों में उसे उस देश के हवाले (प्रत्यर्पण) कर दिया जाता है, जिस देश में वो वांटेड होता है।
सियासी साजिश का आरोप
चोकसी 2018 में देश छोड़कर भाग गया था। 10 महीने बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ। तब तक वह एंटीगुआ और बारबूडा में छिपा हुआ था। बाद में उसे यहां की नागरिकता मिल गई। चौकसी ने CBI की एप्लिकेशन के जवाब में दलील दी थी कि भारत में जेलों के हालात बहुत खराब हैं। वहां उसे खतरा हो सकता है। इसके अलावा उसने सेहत से जुड़ी दलीलें भी दीं थीं।
इंटरपोल की पांच मेंबर्स की कमेटी ने इस पर सुनवाई की थी। इसे कमीशन फॉर कंट्रोल फाइल्स कहा जाता है। इस लीगल कमेटी को यह अख्तियार हासिल है कि वो किसी शख्स या आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस को रद्द कर दे।
डोमिनिका की जेल में चोकसी को 51 दिन गुजारने पड़े थे
CBI की चार्जशीट में चोकसी के अलावा नीरव मोदी का भी नाम है। चोकसी मई 2021 में एंटीगुआ से गायब होकर पड़ोसी देश डोमिनिका पहुंच गया था। यहां उसे अरेस्ट कर लिया गया। CBI की एक टीम उसका प्रत्यर्पण कराने के लिए डोमिनिका पहुंची, लेकिन इसके पहले ही ब्रिटिश क्वीन की प्रिवी काउंसिल से उसे राहत मिल गई। बाद में उसे फिर एंटीगुआ के हवाले कर दिया गया। हालांकि, डोमिनिका की जेल में 62 साल के चोकसी को 51 दिन गुजारने पड़े थे।
यहां उसने दलील दी थी कि वो एंटीगुआ जाकर वहां के एक न्यूरोलॉजिस्ट से ट्रीटमेंट कराना चाहता है। एंटीगुआ पहुंचने के कुछ दिन बाद डोमिनिका की अदालत ने चोकसी के खिलाफ दर्ज केस भी खारिज कर दिए।
7 साल बाद हुआ PNB घोटाले का खुलासा
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रेडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत से 14 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है। 2011 से 2018 के बीच फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LOU) के जरिए रकम विदेशी खातों में ट्रांसफर की गई।