बिना व्यवस्था शिक्षा: MP के सरकारी स्कूलों का बुरा हाल, 6 हजार से अधिक में शौचालय तक नहीं
MP School Education: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों (School Education) में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है. सुविधाओं के अभाव में बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. हजारों सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय तक की व्यवस्था नहीं हैं. वहीं कई विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें अभी तक चारदीवारी भी नहीं हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को विधानसभा में बताया कि कम से कम 6,610 सरकारी स्कूलों में शौचालय नहीं हैं और 2,700 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं हैं. राज्य के 83,239 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में से 50,417 (60%) में चारदीवारी नहीं है.
प्राथमिक और मीडिल स्कूलों में नहीं है शौचालय
प्रदेश के 58,506 प्राथमिक स्कूलों में से 2,025 में छात्राओं के शौचालय नहीं है. वहीं 24,733 मीडिल विद्यालयों में से 679 में शौचालय नहीं है. 3,900 से अधिक स्कूलों में छात्रों के लिए भी शौचालय नहीं है. कम से कम 65 फीसदी प्राथमिक विद्यालय और 49 फीसदी मध्य विद्यालयों में चारदीवारी भी नहीं है.
1,336 स्कूलों में नहीं है हैंडपंप
मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हर स्कूल में पीने योग्य पानी उपलब्ध है. पानी की गुणवत्ता की नियमित रूप से जांच भी की जाती है. सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं पर कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी मिली. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि जल जीवन मिशन के तहत कितने स्कूलों को नल कनेक्शन दिए गए हैं.
जिससे जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि पीने का पानी हर स्कूल में उपलब्ध है.1,336 स्कूलों को छोड़कर बाकी सभी स्कूलों में पीने के पानी के लिए हैंडपंप की व्यवस्था हैं. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 41,942 स्कूलों को नल से पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है.