क्वॉइल जलाने से 100 सिगरेट के बराबर निकलता है जहरीला धुआं .!

मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती से 6 की मौत:क्वॉइल जलाने से 100 सिगरेट के बराबर निकलता है जहरीला धुआं, मच्छरदानी बेहतर

दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में मच्छर भगाने वाली क्वॉइल के धुएं से एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। क्वॉइल बंद कमरे में जलाई गई थी जिससे पूरे कमरे में धुआं भर गया। साथ ही गद्दे में भी आग लग गई। इससे लोगों का दम घुटने लगा। कुछ ही मिनटों में उनकी जान चली गई।

मच्छर भगाने वाली क्वॉइल हमारी सेहत के लिए कितनी नुकसानदेह है आइए जानते हैं-

सौ सिगरेट के बराबर निकलता है धुआं

क्या आप जानते हैं कि मच्छरों को भगाने वाली एक क्वॉइल से 100 सिगरेट के बराबर धुआं निकलता है। ये धुआं हमारे फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। एक रिसर्च के अनुसार, अगर लंबे समय से ऐसी क्वॉइल का धुआं ले रहे हैं तो फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। इनसे उतना ही PM 2.5 निकलता है जितना सिगरेट से।

 

ये क्वॉइल लकड़ी के पाउडर, नारियल के रेशे का पाउडर, चारकोल, डाई, DDT और कई कीटनाशक केमिकल से मिलाकर बनाई जाती हैं। इसमें सबसे मुख्य चीज पायरीथ्रिन केमिकल है। इसके जलने पर मच्छर घर से बाहर भाग जाते हैं, लेकिन धुआं हमारी सांसों में चला जाता है। अगर बंद कमरे में कोई आठ घंटे तक इन क्वॉइल का धुआं लेता है तो उसे कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है।

बच्चों के गले से आती है घरघराहट की आवाज

दिल्ली के शादीपुर स्थित आरकेएलसी हॉस्पिटल के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. राकेश कुमार यादव बताते हैं कि क्वॉइल का धुआं सबसे ज्यादा बच्चों को नुकसान पहुंचाता है। बच्चों के गले से घरघराहट की आवाज आने लगती है। वो जोर-जोर से सांस लेते और छोड़ते हैं। खांसी, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी हो सकती है। इसलिए अगर घर में क्वॉइल जला रहे हैं तो इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें। जिस कमरे में बच्चे सो रहे हैं वहां भूलकर भी क्वॉइल न जलाएं।

ऑक्सीजन की हो जाती है कमी

डॉ. राकेश बताते हैं कि जब क्वॉइल जलाते हैं तो कमरे में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बनती है। यह बेहद खतरनाक गैस है। यह सांसों में प्रवेश कर हीमोग्लोबीन से जुड़ जाती है। ऑक्सीजन के मुकाबले 200 गुना तेजी से यह फैलती है। इससे सांस लेने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, दम घुटने लगता है।

अस्थमा रोगियों की बढ़ती है तकलीफ

दत्ता मेघे इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर डॉ. बाबा जी घेवाड़े बताते हैं कि अगर कोई ज्यादा समय तक क्वॉइल का धुआं सांस के जरिए लेता है तो उसे अस्थमा होने का डर बढ़ जाता है। जो अस्थमा पीड़ित हैं उनके लिए तो यह जानलेवा हो सकता है।

आंखों की रोशनी तक छिन सकती है

कई बार लोग आंखों में जलन की शिकायत करते हैं। यदि आप घर में क्वॉइल जलाते हैं तो हो सकता है कि इसके धुएं के कारण ही आंखों में जलन हो। यदि लंबे समय से इस धुएं के संपर्क में हैं तो आंखों में ड्राईनेस बढ़ सकती है। आंखों की रोशनी कम होते-होते पूरी तरह जा भी सकती है।

स्किन में लाल चकत्ते पड़ जाते हैं

क्वॉइल का धुआं केवल हमारे फेफड़ों को ही नहीं बल्कि स्किन को भी नुकसान पहुंचाता है। स्किन पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। इनमें खुजली बढ़ने से घाव तक हो सकता है।

मच्छरदानी है सबसे बेहतर विकल्प

कई लोग मच्छर भगाने के लिए घर में अगरबत्ती, कपूर जलाते हैं, लेकिन इसके धुएं से भी सेहत बिगड़ सकती है। स्किन पर लोशन लगाना भी हानिकारक हो सकता है। डॉ. राकेश बताते हैं कि मच्छरों से बचने के लिए सबसे सुरक्षित मच्छरदानी ही है। सोने से पहले घर में पूरे कपड़े पहन कर रहें। भूलकर भी क्वॉइल का इस्तेमाल न करें।

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