हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ .. नर्सिंग परीक्षाओं से रोक हटाने से इनकार .!

जज बोले- यह मामला गंभीर, छात्रों के भविष्य और उनकी भविष्य में सेवाओं से जुड़ा है …

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने बीएससी नर्सिंग की परीक्षाओं पर लगाई गई रोक को हटाने से इनकार कर दिया है। जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओर से प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह शुक्रवार को पेश हुए।

उन्होंने हाई कोर्ट से आग्रह किया कि बीएससी नर्सिंग परीक्षाओं को संपन्न कराया जाए और उस पर लगी रोक को हटा लिया जाए। भले ही बीएससी नर्सिंग के छात्रों के रिजल्ट कोर्ट के निर्देश के बाद ही जारी किये जाएं। लेकिन डिवीजन बेंच ने सरकार की ओर से दी गई इस दलील को मानने से इनकार कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि यह मामला छात्रों के भविष्य और उनके द्वारा भविष्य में दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं पर सीधा प्रभाव डालने वाला है ,इसलिए यह गंभीर है। ऐसे में सरकार को राहत नहीं दी जा सकती है। अब इस मामले में 10 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी। दरअसल बीएससी नर्सिंग की परीक्षाओं को चुनौती देते हुए अधिवक्ता दिलीप शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें बताया गया था कि प्रदेश के सौ से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों के हजारों छात्र ऐसी परीक्षा में शामिल हो रहे हैं जिन्हें जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी ने चार साल पहले ली जाने वाली मान्यता इस साल जनवरी में दी है। ऐसे में भूतलक्षी प्रभाव को देखते हुए पुराने सत्र की मान्यता को 3 या 4 साल बाद नहीं दिया जा सकता है। विश्वविद्यालय के अधिनियम में भी इसका स्पष्ट प्रावधान है।

नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने मेडिकल यूनिवर्सिटी के अफसरों से सांठगांठ करके किसी तरह हाल में मान्यता हासिल कर ली थी। कोर्ट के सामने 27 फरवरी को जब यह तथ्य लाए गए थे तब कोर्ट ने अगले ही दिन से शुरू होने वाली बीएससी नर्सिंग बीएससी पोस्ट बेसिक एमएससी नर्सिंग की परीक्षा पर रोक लगा दी थी। खास बात यह है कि इन नर्सिंग कॉलेज के छात्रों को बिना नामांकन बिना प्रैक्टिकल और थ्योरी के परीक्षा में शामिल होने कराने का षड्यंत्र किया गया था। जबकि जिन कालेजों में यह छात्र अध्ययनरत बताए गए थे उनका नर्सिंग काउंसिल द्वारा निरीक्षण भी नहीं किया गया था।ये कॉलेज विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की शर्तों को भी पूरा नहीं करते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *