100 से अधिक निधि कंपनियों ने नहीं भरा एनडीएच-4 फॉर्म, फिर भी जमा कर रहीं पैसे

प्रदेश में 317 निधि कंपनियों में आम लोगों के करोड़ों जमा, आरओसी मप्र ने एनडीएच-4 फॉर्म जमा नहीं करने वाली कंपनियों को थमाए नोटिस

दूसरे राज्यों के कई जिलों में लोगों के पैसे लेकर फरार हो चुकी हैं ऐसी कंपनिया …

ग्वालियर. मध्यप्रदेश में संचालित 317 निधि कंपनियों में से 100 से अधिक निधि कंपनियों ने अभी तक एनडीएच-4 फॉर्म नहीं भरे हैं, लेकिन धड़ल्ले से लोगों के पैसे जमा कर रही हैं। इन कंपनियों में आम लोगों के करोड़ों रुपए जमा हैं। ऐसी सभी कंपनियों को एमसीए ने हाल ही में निशाने पर लेते हुए नोटिस थमाए हैं। हालांकि इस तरह की कंपनियों में पैसा जमा करना खतरे से खाली नहीं है। अधिकतर निधि कंपनियां ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रही हैं। ये स्थानीय बेरोजगार युवकों को कमीशन पर रखती हैं और उन्हें छोटी-छोटी राशि जमा करवाने के लिए प्रेरित करती हैं। दूसरे राज्यों के कई जिलों में इस तरह की कंपनियां लोगों के रुपए लेकर फरार हो चुकी हैं।

जमा करने से पहले कंपनी की जानकारी लें

आमजन को अपनी बचत को सही तरीके से सही कंपनी में लगाना चाहिए। किसी भी निधि कंपनी में संव्यवहार करने के पूर्व उसके एनडीएच-4 फॉर्म की स्थिति, डायरेक्टर के बारे में जानकारी और उसके पंजीकृत पते के संबंध में जानकारी मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के पोर्टल से नि:शुल्क प्राप्त की जा सकती है। इससे आपकी रकम गलत हाथों में जाने से बच सकती है।

मुकेश कुमार सोनी, आरओसी, मप्र

एनडीएच-4 फॉर्म भरना अनिवार्य

बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रदेश में करीब 317 निधि कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों का पंजीयन कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) में ऑनलाइन होता है। निधि (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत निधि कंपनियों को एनडीएच-4 फॉर्म भरना अनिवार्य होता है, ताकि यह पता चल सके कि वे केंद्र सरकार के नियम-कायदों का अक्षरश: पालन कर रही हैं। यह एक तरह से घोषणा पत्र है। इसमें कंपनी के सभी सदस्यों का नाम और पता रहता है। एमसीए में पंजीकृत ऐसी निधि कंपनियां, जिन्होंने एनडीएच-4 फॉर्म नहीं भरा है, वे जमा नहीं कर सकती हैं।

प्रदेश में कहां कितनी निधि कंपनियां

मध्यप्रदेश के इंदौर में 41, झाबुआ में 28, भोपाल में 27, मंदसौर में 20, छतरपुर में 18, जबलपुर में 16, उज्जैन में 12, छिंदवाड़ा, धार, ग्वालियर और रीवा में 10-10 निधि कंपनियां काम कर रही हैं।

जाने निधि कंपनियां क्या है

ऐसी कंपनियां जो सदस्यों में मितव्ययिता और बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाई जाती है, निधि कंपनियों की श्रेणी में आती हैं। ये अपने सदस्यों के पारस्परिक फायदे के लिए केवल उन्हीं से जमा प्राप्त करती हैं और उन्हें ही ऋण देती हैं। कंपनी अधिनियम की धारा 406 के तहत ऐसी कंपनियों का निर्माण किया जाता है। इन्हें कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय से लाइसेंस मिलता है और मंत्रालय ही रेगुलेट करता है। निधि (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत बनी निधि कंपनियों को अपने गठन के एक वर्ष के भीतर ही एनडीएच-4 फॉर्म जमा करना होता है। जो कंपनियां निधि (संशोधन) अधिनियम 2022 में गठित हुई हैं उन्हें अपने गठन के 140 दिनों के भीतर ये फॉर्म दाखिल करना होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *