ग्वालियर – 15 लाख आबादी पर सिर्फ 162 कर्मचारी, उनमें भी अनट्रेंड, 24 वाहनों में से पांच खराब

15 लाख आबादी पर सिर्फ 162 कर्मचारी, उनमें भी अनट्रेंड, 24 वाहनों में से पांच खराब
ग्वालियर. शहर की 15 लाख आबादी की आग से सुरक्षा के लिए नगर निगम के पास न तो पर्याप्त अग्निशमन अमला है, न ही यंत्र। निगम का पुराना फायर सिस्टम वाहनों की कमी से विफल हो रहा है। आग लगने की सूचनाओं पर फायर वाहन समय पर नहीं पहुंच पा रहा है। निगम के पास आग बुझाने के लिए सिर्फ 24 वाहन हैं। इसमें पांच वाहन खराब पड़े हैं। वहीं कर्मचारियों की संख्या 162 बताई गई है। इसमें से अधिकांश कर्मचारी अनट्रेंड हैं। हाईटेक मशीनें और कुशल फाइटर भी नहीं हैं। जो फायर फाइटर मशीनें हैं, उनकी क्षमता भी 15 मीटर की ऊंचाई तक आग बुझाने की है। इससे आग लगने पर कई बार स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है। शहर में महाराज बाड़ा, आनंद नगर, मुरार, डीडी नगर में फायर सब स्टेशन हैं। मुख्यालय रूपङ्क्षसह स्टेडियम के पास बना है।
घनी बस्तियों में चल रहे फैक्ट्री, गोदाम
शहर के सराफा बाजार, दानाओली, रेशम मिल, आरा मिल, गदाई पुरा, घासमंडी, दही मंडी, नई सड़क, मोर बाजार, इंदरगंज, सुभाष मार्केट, नजरबाग मार्केट सहित दो दर्जन ऐसी जगह हैं, जिनकी बसावट 50 साल पहले की है। इन क्षेत्रों व घनी बस्तियों में खुलेआम ज्वलनशील पदार्थों की दुकानें, फैक्ट्री, गोदाम व कॉम्प्लेक्स संचालित किए जा रहे हैं। इनके ऊपरी मंजिल पर भी लोग निवास कर रहे हैं। अगर वहां आग लग जाए तो कई परिवार चपेट में आ सकते हैं। बाजार में भी कमोबेश हालात वैसे ही बने हुए हैं। उसके बाद भी नगर निगम-प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जबकि शहर में तीन साल में चार बड़े हादसों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। हाईकोर्ट द्वारा ज्वलनशील पदार्थों की दुकानों, गोदामों व कॉम्प्लेक्स को बाहर करने के निर्देश दिए गए हैं, उसके बाद भी निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
यह हैं आंकड़े
फायर ब्रिगेड पर वाहन 24
कर्मचारियों की संख्या 162
दमकल के खराब वाहन 05
रख-रखाव खर्च 1.25 लाख
ड्यूटी शिफ्टें 03
फायर सर्विस स्टेशन 05
गाड़ी में पानी आता है 4500 ली.
तैनात फायर वाटर टैंकर 04
बहुमंजिला इमारत 24
प्रमोटेड कंटेंट

शहर में आग लगने की ये बड़ी घटनाएं
केस-1
18 मई-2020 को इंदरगंज में रोशनी घर के पास पेंट कारोबारी हरिओम गोयल की दुकान में आग लग गई थी। आग दुकान के बाद ऊपरी मंजिल तक पहुंच गई। कारोबारी के परिवार के 11 लोग आग में फंस गए थे, इनमें 7 की मौके पर ही मौत हो गई थी। 4 लोगों को मकान की दीवार तोड़कर निकाला गया। दुकान में रखे पेंट, ज्वलनशील पदार्थ थिनर व अन्य केमिकल के कारण आग इतनी तेजी से फैली कि रेस्क्यू करने का मौका नहीं मिला।
केस-2
12 मार्च-2020 को मोची ओली में हरीश शिवहरे की फोम के गद्दे की दुकान व गोदाम में आग लग गई थी। इसमें 6 लोग फंस गए थे। इनमें हरीश व उनकी पत्नी व दो बच्चों ने तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान बचाई, लेकिन उनके माता-पिता ङ्क्षजदा जल गए। बाद में निगम ने सभी को नोटिस देकर गोदाम हटाने के निर्देश दिए, लेकिन आज तक गोदाम खाली नहीं हुए हैं।
केस-3
05 नवंबर-2021 को दही मंडी में राजेंद्र जुनेजा के दो मंजिला भवन में पंजाब फुटवियर फैक्ट्री के गोदाम में आग लग गई। आग इतनी विकराल थी कि भवन गिर गया। इस हादसे में लालाबाबू अग्रवाल जान बचाने के लिए टीन शेड से कूदे, लेकिन वह गंभीर रूप से घायल हो गए और एक सप्ताह बाद उनकी अस्पताल में मौत हो गई।
फायर विभाग के लिए वाहन खरीद रहे हैं
हम फायर विभाग के लिए वाहन खरीद रहे हैं। कुछ वाहन बीते वर्ष भी खरीदे थे। फायर विभाग के अधिकारी से चर्चा कर स्टाफ की समस्या को भी दूर किया जाएगा और जो गाडिय़ां खराब हैं, उन्हें ठीक कराया जाएगा।
किशोर कान्याल, आयुक्त नगर निगम

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