‘15 मिनट शहर’ की परिकल्पना की ओर बढ़ रही है दुनिया
मैं यहां परिवहन के कोई नए साधन की बात नहीं कर रहा हूं, बल्कि बात कर रहा हूं ‘15 मिनट शहर की।’ जी हां, यह शहर को विकसित करने का एक नया तरीका है, जिसमें आपकी जरूरत की हर संभव चीज या आपका गंतव्य 15 मिनट की ही दूरी पर होंगे।
यूरोप के कई शहर जैसे फ्रांस की राजधानी पेरिस एवं स्पेन के शहर बार्सिलोना इस परिकल्पना को अपना रहे हैं। इसके पीछे पर्यावरण का संरक्षण करना मुख्य वजह है। उदाहरण के तौर पर किसी भी बड़े शहर को देख लीजिए। लाखों लोग रोज एक जगह से दूसरी जगह परिवहन करते हैं, क्योंकि उनके स्कूल या दफ्तर घर से काफी दूर रहते हैं। फल और सब्जियां भी यहां पर नहीं उगतीं। वह आती हैं सैकड़ों किलोमीटर दूर के गांवों से। इससे अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन होता है, जो पर्यावरण के लिए बेहद हानिकारक है।
वर्ष 2016 में पेरिस शहर ने अपनी सीन नदी के किनारे बने एक प्रमुख मार्ग को एक पार्क में बदल दिया। करीब 40 हजार वाहनों के रोज गुजरने से वह मार्ग प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण बन गया था। उस मार्ग पर व्यस्त समय पर बहुत जाम लगता था और वह सीन नदी के तट को अप्रिय बना रहा था, जो कि यूनेस्को का विश्व विरासत स्थल है।
पेरिस की प्रथम महिला मेयर ऐनी हिडैल्गो ने शहर को 15 मिनट शहर बनाने के अपने संकल्प के तहत यह कदम उठाया। इस संकल्प के अंतर्गत पेरिस में साइकल से और पैदल चलने को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं कारों के प्रयोग को कम किया जा रहा है। बढ़ती कारों से शहरों को भी यातायात सुगम बनाने के लिए कई सारे चौड़े मार्ग बनाने पड़ते हैं, जिससे शहर की जमीनें, रहवासियों की जरूरतें जैसे पार्क इत्यादि के बजाय सड़क बनवाने में खर्च करनी पड़ती है।
सड़क निर्माण से अक्सर जमीन के दाम बढ़ जाते हैं और उसे सामान्य वर्ग के लोग खरीद नहीं पाते। इस कारण लोगों को दूर जाकर रहना पड़ता है। परंतु रोजगार के लिए उन्हें शहर के मध्य बने दुकान-दफ्तरों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इस वजह से आमतौर पर शहरों के दायरे बढ़ जाते हैं और ज्यादा लोगों को लंबी-लंबी दूरियों से आवागमन करना पड़ता है।
अब बात भारत की। हमारे छोटे शहर पहले से ही 15 मिनट शहर हैं, क्योंकि वहां पर किसी भी जगह 15 मिनट में पहुंचा जा सकता है। लेकिन बढ़ते विकास के साथ ये शहर भी धीरे-धीरे कारों की गिरफ्त में आ रहे हैं। ऐसे में इनके विकास के दौरान ज्यादा सड़कें बनाने के बजाय सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए ताकि समाज के सभी तबके उसका उपयोग कर सकें।
भारत की विकास यात्रा में छोटे शहरों के डेवलपमेंट पर काफी जोर दिया जा रहा है। हालांकि हमारे छोटे शहर पहले से ही 15 मिनट शहर हैं, क्योंकि वहां पर किसी भी जगह 15 मिनट में पहुंचा जा सकता है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)