4 साल में 6 आइएएस अफसरों ने नौकरी छोड़ी, मिश्रा राजनीति में, चंद्रशेखर अब ‘लिखेंगे’
4 साल में 6 आइएएस अफसरों ने नौकरी छोड़ी, मिश्रा राजनीति में, चंद्रशेखर अब ‘लिखेंगे’
नौकरी से मोहभंग: किसी की सरकार से पटरी नहीं बैठी तो किसी ने कारणों का नहीं किया खुलासा
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भोपाल. यूं तो आइएएस काडर ब्यूरोक्रेसी में सबसे पावरफुल नौकरी है, लेकिन ऐसे भी अफसर हैं, जो इस नौकरी को छोड़ देते हैं। मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 से 2023 तक चार वर्षों में छह आइएएस अफसरों ने नौकरी छोड़ी है, जबकि इससे पहले वर्ष 2016 में वीआरएस ले चुके प्रवेश शर्मा स्टार्टअप चला रहे हैं। वर्ष 2022 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले वरदमूर्ति मिश्रा राजनीति के अखाड़े में उतर चुके हैं। इन अफसरों में से किसी की सरकार से पटरी नहीं बैठी तो किसी ने कारणों का खुलासा नहीं किया है।
अब ताजा मामला मामला आइएएस अफसर बी.चंद्रशेखर का है। जबलपुर कमिश्नर रहते हुए इन्होंने नौकरी से वीआरएस लेने के लिए आवेदन दिया है। इसलिए राज्य सरकार ने उन्हें बिना विभाग मंत्रालय में पदस्थ कर दिया है। चंद्रशेखर के आवेदन को दिल्ली मंजूरी के लिए भेज दिया गया। वे लेखन के लिए नौकरी छोड़ना बताते हैं।
फोटो सौजन्य: sambadenglish.com
गौरी सिंह: सरकार की बात नहीं मानी
आइएएस अफसर गौरी सिंह ने विवादों के बाद नौकरी छोड़ दी थी। वे अब एक इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन में जुड़ी हैं।
गौरी सिंह कमलनाथ सरकार के समय महिला एवं बाल विकास विभाग में पोषण आहार को लेकर विवादों में आई थीं, इसके बाद उन्हें हटा दिया गया था।
बताया जाता है कि वे सरकार के फैसले से नाखुश थीं। बाद में उन्होंने सरकार की बात मानने से इनकार कर दिया था। 2019 में नौकरी छोड़ने के बाद वे इंटरनेशनल संस्था में जुड़ गई।