ग्रेटर नोएडा – 101 बिल्डरों से निकाले जाएंगे खरीदारों के 503 करोड़ ..!
101 बिल्डरों को बेइज्जत कर वसूले जाएंगे खरीदारों के 503 करोड़
– आज से बकायेदार बिल्डरों के घर और कार्यालयों पर ढोल बजाकर कराई जाएगी मुनादी
नंबर
1705 आरसी की वसूली के लिए कार्रवाई
30 टीमें बनाई गईं कार्रवाई के लिए
ग्रेटर नोएडा। जिला प्रशासन शुक्रवार से 101 बकायेदार बिल्डरों को बेइज्जत कर खरीदारों के 503 करोड़ वसूलने की कार्रवाई शुरू करेगा। प्रशासन उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) पर कार्रवाई करेगा। इसके तहत बिल्डरों घर और कार्यालयों के बाहर ढोल बजाकर मुनादी कराई जाएगी। साथ ही नोटिस चस्पा किया जाएगा। पड़ोसियों को भी बिल्डरों के बारे में जानकारी दी जाएगी। फिर भी पैसे नही देने पर बिल्डरों के खिलाफ शहर भर में बकायेदार होने के पोस्टर और बैनर लगाए जाएंगे। इस पूरे कार्य को अंजाम देने के लिए प्रशासन ने 30 टीमों का गठन किया है।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि मई, 2018 से यूपी रेरा बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी कर रहा है। जिला प्रशासन के पास यूपी रेरा की 503 करोड़ रुपये की 1705 आरसी है। इन आरसी की वसूली के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। शुक्रवार से बकायेदार बिल्डरों के घर और कार्यालय पर जाकर मुनादी कराई जाएगी। ढोल बजाकर बिल्डरों का नाम, यूपी रेरा की आरसी और बकाया धनराशि समेत अन्य जानकारी दी जाएगी। साथ ही कार्यालय और घरों के बाहर नोटिस चस्पा किए जाएंगे। मुनादी के माध्यम से पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी बिल्डर के बकायेदार होने की जानकारी दी जाएगी। जिलाधिकारी ने बताया कि सामाजिक प्रभाव डालने के लिए उनके प्रोजेक्ट ही नहीं आसपास में भी मुनादी कराई जाती है। ताकि बकायेदार बिल्डर पैसा जमा करा दें। अगर बिल्डर फिर भी पैसा जमा नहीं करेगा तो उनके खिलाफ पोस्टर-बैनर पर भी शहर में बकायेदार लिखकर लगवाएगा और फिर उनकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। शुक्रवार और शनिवार दो दिन बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। दादरी और सदर तहसील की 30 से अधिक टीमें बिल्डरों के घर और कार्यालयों पर जाकर मुनादी करेंगी।
अब दिल्ली और हरियाणा में भी सुरक्षित नहीं रहेंगे बिल्डर
जिलाधिकारी ने कहा है कि नोएडा और ग्रेनो के प्रोजेक्टों के कई बिल्डर दिल्ली, फरीदाबाद और गुरुग्राम समेत अन्य शहरों में रहते हैं। अब इनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। जिले के अभियान चलाने के बाद इन बिल्डरों के खिलाफ अभियान शुरू किया जाएगा। दिल्ली और हरियाणा स्थित उनके घर व कार्यालय पर जाकर मुनादी कराई जाएगी। इसमें स्थानीय प्रशासन और नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मदद ली जाएगी।
पांच साल में हो चुकी है 365 करोड़ की वसूली
मई 2018 से यूपी रेरा आरसी जारी कर रहा है। अब तक गौतमबुद्ध नगर प्रशासन को 1728 करोड़ की 4571 आरसी मिल चुकी है। इनमें से 344 करोड़ की 724 आरसी में खरीदारों और बिल्डर के बीच समझौता हो गया। जिस कारण इनको लौटा दिया गया। वहीं एनसीएलटी के कारण 777 करोड़ की 781 आरसी वापस कर दी गई। प्रशासन अब तक 365 करोड़ की वसूली कर चुका है।
दादरी तहसील क्षेत्र में है सबसे अधिक बिल्डर
दादरी तहसील क्षेत्र में सबसे ज्यादा 73 बकायेदार बिल्डर हैं। जिनके पास यूपी रेरा की 1325 आरसी का 487 करोड़ रुपये बकाया है। सबसे बड़ा बकायेदार वेवमेगा सिटी सेंटर पर 80 करोड़ बकाया है। सदर तहसील में 28 बिल्डरों की 380 आरसी है। जो 129 करोड़ की है।
जिले के टॉप-12 बकायेदार बिल्डर
बिल्डर का नाम बकाया धनराशि
वेव मेगासिटी सेंटर 80.55 करोड़
रुद्रा बिल्डवेल होम्स 49.81 करोड़
लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर 34.57 करोड़
सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट 33.56 करोड़
कॉसमॉस इंफ्राएस्टेट 26.71 करोड़
महागुन इंडिया 19.97 करोड़
ग्रीनवे/ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्चर 17.63 करोड
अजनारा रियलटेक 15.41 करोड़
जयप्रकाश एसोसिएट्स 15.32 करोड़
पार्श्वनाथ डेवलपर्स 13.39 करोड़
सिक्का इंफ्रास्ट्रक्चर 13.38 करोड
फ्यूचर वर्ल्ड ग्रीन होम्स 12.44 करोड़
वर्ष 2022-23 में यूपी रेरा की आरसी पर विभिन्न बिल्डरों से करीब 200 करोड़ की वसूली की गई थी। इस साल 300 से 400 करोड़ वसूली का प्रयास किया जाएगा। हालांकि शत-प्रतिशत आरसी की वसूली का प्रयास होगा। यूपी से बाहर रहने वाले बिल्डरों के खिलाफ स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी।
मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी