भगवा वस्त्र पहनकर मंदिरों में बलात्कार हो रहे हैं, सनातन धर्म को किया जा रहा है बदनाम: दिग्विजय सिंह
नई दिल्लीः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज फिर एक ऐसा बयान दिया है जिसपर हंगामा हो सकता है. दिग्विजय सिंह ने भोपाल में संत समागम को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘भगवा वस्त्र पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं. भगवा वस्त्र पहनकर बलात्कार हो रहे हैं. मंदिरों में बलात्कार हो रहे हैं, क्या यही हमारा धर्म है? हमारे सनातन धर्म को जिन लोगों ने बदनाम किया है, उन्हें ईश्वर भी माफ नहीं करेगा.’
दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा कि हमारा धर्म यह नहीं सिखाता है. आध्यत्म का मतलब अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण करना है. उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि मठों मंदिरों पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, इन्हें राजनैतिक अड्डा बनाया जा रहा है, हमें सनातन धर्म को बचाने की लड़ाई लड़नी होगी.
दरअसल मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार ने सन्तों का आशीर्वाद लेने के लिए सन्त समागम का आयोजन किया जिसमें प्रदेश भर से बाबाओं को भोपाल बुलाया गया था. कार्यक्रम में सीएम कमलनाथ भी खुद शामिल हुए और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कमलनाथ ने सन्तों के मठ आश्रमों को पट्टे देने की मांग भी मान ली.
मध्यप्रदेश के हजारों साधु संत राजधानी भोपाल में सन्त समागम कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. समागम में सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमारी हजारों सालों की संस्कृति की पहचान हमारे अध्यात्म से है इसलिए हमें इसे मजबूत करना ज़रूरी है, हमने इसी भावना के साथ आध्यत्म विभाग की स्थापना की है. इस दौरान सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा. सीएम ने कहा कि आज बीजेपी के पेट में बहुत दर्द हो रहा होगा. 15 साल में संतों के लिए जो काम बीजेपी नहीं कर पाई वो कांग्रेस ने 8 महीने में कर दिया. हम जो करते हैं उसका बखान नहीं करते यह हमारा कर्तव्य है. कमलनाथ ने कहा कि नर्मदा और सिंहस्त में जो घोटाले हुए हैं उनकी भी जांच कराई जाएगी और साधु संतों के आशीर्वाद से प्रदेश में नया इतिहास कांग्रेस सरकार बनाएगी.
मध्यप्रदेश सरकार के सन्त सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और आध्यत्म मंत्री पीसी शर्मा भी शामिल हुए थे. कार्यक्रम के दौरान मप्र नदी न्यास बोर्ड के अध्यक्ष कम्प्यूटर बाबा ने साधु संतों की तरफ से सरकार के सामने बाबाओं के आश्रम को पट्टे देने, स्वास्थ्य बीमा कराने, बिजली मुफ्त करने और वृद्ध अवस्था पेंशन देने की मांग भी रखी थी. कार्यक्रम के दौरान ही सीएम कमलनाथ ने साधुओं को पट्टा देने की बात स्वीकार भी की.