Gwalior Vidhan Sabhaहम जर्जर और सीलनग्रस्त मकान पर कितनी भी बार पुट्टी या कलर करवा लें, उसमें वह खूबसूरती और ताजगी नहीं आ सकती, जितनी नए डिजाइन से बने मकान में आती है। कुछ यही हाल इस क्षेत्र का है। विकास हो तो रहा है, लेकिन दिख नहीं रहा। यूं कहें कि जितनी अधिक समस्याएं हैं, उसके आगे विकास नाकाफी है। यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास सेवक प्रद्युम्न सिंह तोमर विधायक हैं और प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री। 2020 में सिंधिया के सत्ता परिवर्तन में कांग्रेस छोड़ वे भाजपा में शामिल हुए थे। पुराने और ठेठ ग्वालियर के दर्शन इस क्षेत्र में होते हैं। यहां सामूहिक वोटों का मिजाज जिसने साध लिया, वह जीत जाता है। जैसे ग्वालियर किले पर कई राजाओं का राज बदलता रहा, वैसे ही इसके चारों ओर बसी इस विधानसभा की तासीर है। कोई इसे अपना गढ़ नहीं बना पाया। समय के साथ सत्ता बदलती रही, फिलहाल सिंधिया वाली भाजपा की है,उसके पहले कांग्रेस की और उससे पहले पुरानी भाजपा की थी। भाजपा से जयभान सिंह पवैया जैसे कद्दावर नेता मंत्री रह चुके हैं, लेकिन क्षेत्र में विकास की गंगा बह गई हो, ऐसा दिखाई नहीं देता।

कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए प्रद्युम्न सिंह तोमर उपचुनाव जीतकर फिर बने थे विधायक, अभी सरकार में ऊर्जा मंत्री विधानसभा क्षेत्र में विकास तो हुआ, लेकिन गंगा बहनी बाकी है।

इनकी सहजता से सरकार ही असहज

तोमर क्षेत्र का दौरा करते हुए किसी भी घर से मांगकर रोटी खा लेते हैं, कोई नाला-शौचालय गंदा दिखा तो साफ करने खुद ही उतर जाते हैं। बिजली मंत्री हैं तो कई बार नसेनी (सीढ़ी) से खंभे पर चढ़कर तार सही करने लगते हैं। हालांकि, उनकी इस अदा से विपक्ष हमलावर बना रहता है कि सिस्टम काम ही नहीं कर रहा, इसीलिए खुद मंत्री को नाले में उतरना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले तो अजब स्थिति बन गई, जब क्षेत्र की खराब सड़कों के कारण पूरे 65 दिनों तक उन्होंने जूते नहीं पहने। मंत्री को बिना जूते घूमता देख सरकार तक असहज हो गई। आखिरकार बिना सड़क पूरी हुए ही सिंधिया को जूते पहनाने पड़े।

लोगों को आस, अब सूरत बदलेगी

दशकों से इस क्षेत्र की हर उठापटक के गवाह श्रीविहार निवासी उमा शंकर द्विवेदी पुराना समय याद करते कहते हैं- अरे साब, कभी इस क्षेत्र की रौनक देखते बनती थी। समय 1992 के पहले का था, जब यहां कपड़ा मिल हुआ करती थी। रात-रात भर बाजार गुलजार रहते थे। द्विवेदी बोले- मिलों के साथ इस क्षेत्र के विकास पर भी ताला डल गया। सुकून इस बात का है कि कुछ बड़े काम शुरू हुए हैं। अब सूरत बदलेगी।

ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र फैक्ट

2020 उपचुनाव में हासिल मत

कुल मतदाता 2,91,021

प्रद्युम्न सिंह तोमर (भाजपा)

प्रद्युम्न सिंह तोमर (भाजपा) 96027 ( 58.35 प्रतिशत)

सुनील शर्मा (कांग्रेस) 62904 ( 38.23प्रतिशत )

जीत का अंतर 33123

मुद्दे

– मुख्य बाजारों में अतिक्रमण

– शुद्ध पेयजल आपूर्ति

– शासकीय योजनाओं का लाभ

– स्वास्थ्य सेवाएं -रोजगार

– सड़कें एवं संकरी गलियां

क्षेत्र में विकास कार्यों का लेखा जोखा

333 करोड़ रुपये – शुद्धपेय जल

26 करोड़ रुपये – स्वास्थ्य सेवा सुधार

140 करोड़ रुपये – बिजली व्यवस्था

102 करोड़ – शिक्षा

152 करोड़ – सीवर

132 करोड़ – खेल मैदान मल्टीपर्पस हाल

2.50 करोड़ श्मशान घाटों का जीर्णोद्धार

54 करोड़ रुपये – आइएसबीटी बस स्टैंड

217 करोड़ रुपये – पीएम आवास योजना

847 करोड़ रुपये – सड़क एवं एलिवेटेड रोड

(नोट : केंद्र और स्मार्ट सिटी की योजनाएं भी शामिल)