50 करोड़ की जमीन: प्रशासन के प्रतिवेदन पर भी एफआइआर अटकी,बोर्ड लगा
50 करोड़ की जमीन: प्रशासन के प्रतिवेदन पर भी एफआइआर अटकी,बोर्ड लगा
गोला का मंदिर इलाके के दीनारपुर क्षेत्र में जिस 50 करोड़ की सरकारी जमीन से प्रशासन व पुलिस ने अतिक्रमण हटाया,उसी मामले में पुलिस ने अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं की है।
![Gwalior News: 50 करोड़ की जमीन: प्रशासन के प्रतिवेदन पर भी एफआइआर अटकी,बोर्ड लगा](https://img.naidunia.com/naidunia/ndnimg/31052024/31_05_2024-dinarpur_encrochment1.jpg)
- दीनारपुर में लोगों को नोटरी से सरकारी जमीन बेचने वालों पर अब तक नहीं मामला दर्ज
- आपसी कागजी कार्रवाई के कारण वे भू माफिया अब तक तो भाग भी गए होंगे जिनपर एफआइआर होना है
दीनारपुर क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए आवंटित की गई शासकीय जमीन पर भू-माफियाओं द्वारा अतिक्रमण कराने की शिकायत सामने आई थी। जांच में शिकायत सही पाई जाने पर शनिवार को राजस्व विभाग की टीम, नगर निगम का मदाखलत दस्ता एवं पुलिस बल शनिवार को मौके पर पहुंचा। दल ने दीनारपुर के सर्वे नंबर 383, 386 व 387 की कुल 5.395 हैक्टेयर सरकारी जमीन पर बनाए गए करीब 70 से 80 कच्चे व पक्के मकान ध्वस्त किए गए। एसडीएम मुरार अशोक चौहान के नेतृत्व में राजस्व, नगर निगम व पुलिस की संयुक्त टीम दीनारपुर क्षेत्र में स्थित 5.395 हैक्टेयर बेशकीमती सरकारी जमीन को मुक्त कराया गया। शासकीय भूमि नोटरी के जरिए राघवेंद्र राजौरिया पुत्र रामसिया राजौरिया निवासी भिंड, मोनू शर्मा पुत्र रामस्वरूप शर्मा निवासी नारायण विहार कालोनी, नीरज पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी चार शहर का नाका, अजीज खान पुत्र विलायत खान निवासी किशनपुर मुरैना, अरविंद पुत्र केशव सिंह निवासी कृष्णा नगर द्वारा लोगों को बेची गई। इन लोगों पर ही एफआइआर होना है।
जिला प्रशासन की ओर से गोला का मंदिर थाना को एफआइआर के लिए प्रतिवेदन भेज दिया गया है,एफआइआर अभी नहीं हुई है,यह शीघ्र होना चाहिए।
अशोक चौहान,एसडीएम मुरार
प्रशासन ने जो नोटरी भेजी हैं वह मूल नहीं है, इसके लिए पत्र लिखा है। दस्तावेजों पूरे होने पर एफआइआर होगी।
राजकुमार शर्मा, टीआइ, थाना गोला का मंदिर