लाड़ली बहना में उभरी दस्तावेज के प्रति लापरवाही

लाड़ली बहना योजना का लाभ लेने के लिए दस्तावेज में सुधार करवाने हर शहर में सुबह से महिलाओं की कतार लग रही है …

म हिलाओं को आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री ने जिस दिन से लाड़ली बहना योजना शुरू की है, उस दिन से प्रदेश के हर आधार केंद्र और लोक सेवा केंद्र के कियोस्क सेंटरों पर महिलाओं की भारी भीड़ है। इन सेंटरों पर योजना के लिए महिलाओं की समग्र आईडी को आधार से ई-केवॉयसी किया जा रहा है। इसमें महिला के आधार नंबर के साथ दर्ज मोबाइल पर ही ओटीपी नंबर जा सकता है। इसका सत्यापन होने के बाद ही वह महिला योजना का लाभ लेने की पात्र बन सकती है। अधिकांश महिलाओं की परेशानी यहीं से शुरू होती है, क्योंकि आधार और समग्री आईडी जैसे जरूरी उनके दस्तावेज अपडेट ही नहीं हैं। किसी में मोबाइल नंबर पुराना लिखा है, जो बंद हो चुका है, तो किसी का पता बदल गया है। किसी की जन्म तारीख गलत है। कई महिलाओं की समग्र आईडी में आधार ही नंबर नहीं है। नतीजा यह हुआ है कि पूरे प्रदेश में इन सेंटरों पर एक साथ बड़ी संख्या में ई-केवायसी के लिए आवेदन आ रहे हैं। इससे सर्वर का दम निकल गया है। घंटों लाइन में खड़े रहने के बाद जैसे-तैसे बारी आने पर प्रक्रिया पूरी होती है, तो ओटीपी की अड़चन आ जाती है। ओटीपी आता ही नहीं है। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को हो रही है। ये महिलाएं अपना घर का कामकाज छोड़कर कई किलोमीटर दूर से चलकर आधार केंद्रों के चक्कर काट रही हैं। कई महिलाओं का नंबर ही नहीं आता। ऐसे में उन्हें दूसरे दिन, तीसरे दिन फिर से आना पड़ता है। इस परेशानी के लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं। अपने दस्तावेज को लेकर लापरवाही बरतते हैं। जब जरूरत होती है, तभी उन्हें खंगालते हैं। अन्यथा तो सालों तक उनकी सुध नहीं लेते। नर्मदापुरम जिले में 14 लाख 30 हजार 494 लोगों के पास आधार कार्ड हैं। पिछले तीन साल में इनमें से 53,724 महिलाओं ने या तो अपना मोबाइल नंबर बदल लिया है, या फिर उनका वार्ड और घर का पता बदल चुके हैं। अब लाडली बहना बनने के लिए इनमें सुधार करवाना पड़ रहा है। हालांकि मप्र स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने आधार केंद्रों को सप्ताह के सातों दिन खोलने के निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार को उन्हें सुविधा पहुंचाने के लिए और भी कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा महिलाओं की अनभिज्ञता का लाभ लेकर उनके साथ लूट करने वाले सक्रिय हैं। इन केंद्रों पर वे महिलाओं से औपचारिकता पूरी करने के लिए बेतहाशा फीस ले रहे हैं। सरकार के पास इसकी शिकायतें भी भरमार संख्या में हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए।

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