ग्वालियर हाईकोर्ट की दो सख्त टिप्पणी – बैकडोर से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले सरकारी सिस्टम के खिलाफ
बैकडोर से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले सरकारी सिस्टम के खिलाफ, ग्वालियर हाईकोर्ट की दो सख्त टिप्पणी …..
नर्सिंग घोटाला- हैरान हैं, आखिर कैसे लोग सरकार को चला रहे
नर्सिंग परीक्षा पर लगी अंतरिम रोक फिलहाल बरकरार रहेगी। मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी के कॉलेजों को बैकडेट से संबद्धता देने पर मप्र हाईकाेर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने कड़ी नाराजगी जताई।
बेंच ने कहा- हम हैरान हैं कि किस तरह के लोग सरकार चला रहे हैं, जिनको आमजन के स्वास्थ्य की बिल्कुल भी चिंता नहीं है। मप्र शासन की पैरवी कर रहे महाधिवक्ता प्रशांत सिंह से डिवीजन बेंच ने पूछा कि जिन 20 हजार बच्चों को बैकडेट से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है, वह किस तरह से औचित्यपूर्ण हैं, जब आपके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।
महाधिवक्ता से 3 सवाल, जिनका वे नहीं दे सके ठोस जवाब
- यदि यूनिवर्सिटी को मान्यता देने की अनुमति दे दी गई तो सीबीआई की जांच का क्या होगा? क्या दोनों चीजें साथ-साथ चल सकती हैं?
- क्या आपने सीबीआई जांच के संबंध में दिया आदेश पढ़ा है? आपको नहीं लगता कि हमारा आदेश संबद्धता मामले में आड़े आ रहा है?
- एक तरफ मप्र नर्सेस काउंसिल ने कोर्ट में ये कहा कि उसके पास कॉलेजों से जु़ड़े कोई दस्तावेज नहीं है। दूसरी ओर काउंसिल मान्यता दिए जा रही है। ऐसा क्यों?
हाई कोर्ट की पीड़ा
ये वो बच्चे हैं, जिन्होंने परीक्षा के नाम पर फॉर्म तो भरा लेकिन कॉलेज नहीं गए। एक मरीज का 80% ख्याल नर्सिंग स्टाफ रखता है। जिन छात्र को नर्सिंग के बारे में नहीं पता, वो मरीज का क्या इलाज करेंगे?
चंबल में खनन- आपकी सेवा नहीं हुई, इसलिए आदेश नहीं मान रहे
कहा- खनिज अफसर, डिप्टी डायरेक्टर भ्रष्ट
अवैध उत्खनन के मामले में ग्वालियर-चंबल अंचल में पदस्थ जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने गंभीर टिप्पणी की है। जस्टिस रोहित आर्या और जस्टिस सत्येंद्र कुमार सिंह की बेंच ने बुधवार को हुई सुनवाई में भिंड के खनिज अधिकारी और डिप्टी डायरेक्टर काे अवमानना का दाेषी करार देते हुए पूछा कि क्याें न आपकाे सजा दी जाए? आप दाेनाें भ्रष्ट अधिकारी हैं, चूंकि इनके हाथाें में ग्रीस नहीं लगा है, इसलिए ये काेर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। हम देखते हैं, मुरैना के पास चंबल नदी के किनारे रोज सुबह पांच से आठ बजे तक ट्रैक्टरों की लाइन लगी रहती है। कोई पूछने वाली नहीं कि रेत कहां से ला रहे हो।
डिप्टी डायरेक्टर से कहा- आप आदतन बदमाश हैं
काेर्ट ने सुनवाई के दाैरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी से पूछा कि चीफ जस्टिस के 14 मार्च 2023 के आदेश का पालन क्यों नहीं किया? इस पर उन्होंने बताया कि भिंड के खनिज अधिकारी दिनेश सिंह मौजूद हैं। कोर्ट ने जब उनसे पूछा कि ईटीपी जारी क्यों नहीं की तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। कोर्ट ने कहा- तुम आदेश का पालन इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि तुम्हारी सेवा पूजा नहीं हो पाई। कोर्ट में मौजूद डिप्टी डायरेक्टर संतोष पटेल जब सही तरीके से जवाब नहीं दे सके तो कोर्ट ने कहा- ये आदतन बदमाश है। कोर्ट ने दोनों को अवमानना का दोषी ठहराया और ये पूछा कि क्यों ना आपको अवमानना की सजा दी जाए?
ये है मामला
दरअसल, भिंड निवासी रवि मोहन त्रिवेदी ने याचिका दायर करते हुए 1.94 लाख क्यूबिक मीटर रेत के संबंध में ईटीपी जारी करने और रेत की सुपुर्दगी देने की गुहार लगाई है।