ग्वालियर : 185 बीएड कॉलेजों को देनी थी शिक्षकों की जानकारी, 40 ने ही दी
#JiwajiUniversity पूरे दस्तावेज जमा करने पर ही मिलेगी संबद्धता …
प्रबंधन ने अचानक बुलाई स्थाई समिति की बैठक …
ग्वालियर. जेयू में चार दिन पूर्व हुई कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद बुधवार शाम तक 40 बीएड कॉलेजों के संचालक ही शिक्षकों के दस्तावेज उपलब्ध करा पाए। जबकि कार्यपरिषद ने 30 अप्रैल तक डीसीडीसी कार्यालय में दस्तावेज जमा कराने का वक्त दिया था। इस तारीख तक नाममात्र कॉलेज ही दस्तावेज प्रस्तुत कर सके। कम समय मिलने पर अशासकीय महाविद्यालय संघ की मांग पर कॉलेजों को 3 मई तक की मोहलत दी गई थी। लेकिन 80 फीसदी से ज्यादा कॉलेजों के दस्तावेज जमा न कर पाने के चलते अब इनकी संबद्धता का मामला फंस गया है, क्योंकि एनसीटीई के पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रकिया शुरू करने के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को 5 मई तक संबद्धता देने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब हैं कि जब से ईसी मेंबरों ने शिक्षकों के आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेज मांगे है, तब से कॉलेज संचालकों में खलबली मच गई हैं। सदस्यों का कहना हैं कि प्राइवेट कॉलेजों में मापदंड के अनुसार शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में आंख बंद कर इन कॉलेजों को कोर्सेस संचालित करने की अनुमति कैसे दी जा सकती हैं। आखिर छात्रों के भविष्य का सवाल है।
जानकारी के मुताबिक़ 195 बीएड कॉलेजों में सिर्फ 40 कॉलेजों ने शिक्षकों से संबंधित जानकारी विवि में जमा कराई हैं और इनमे से भी कई कॉलेजों ने आधी अधूरी जानकारी उपलब्ध कराई है।
अभी भी 150 कॉलेज ऐसे हैं, जिन्होंने जानकारी नहीं दी है ….
उधर बुधवार को जेयू में आननफानन में बिना एजेंडे के स्थाई समिति की बैठक बुलाई गई। दोपहर 4 बजे से मीटिंग शुरू होनी थी, लेकिन स्थिति यह थी कि साढ़े तीन बजे तक मीटिंग का एजेंडा ही तैयार नहीं था। कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्थाई समिति के सदस्यों को निरीक्षण समिति द्वारा पेश की गई 185 परंपरागत कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट का अध्ययन कर संबद्धता देनी है या नहीं, इस पर निर्णय लेना था, लेकिन फाइल ज्यादा होने के चलते शाम 6 बजे तक हुई बैठक में समिति के सदस्य 20 कॉलेजों पर ही चर्चा कर पाए। वहीँ अचानक बुलाई गई मीटिंग को लेकर असंतोष व्यक्त करते हुए संकाध्यक्षों ने कहा कि बिना कोई एजेंडा के संबद्धता पर विचार कैसे किया जा सकता है।
साथ ही सदस्यों ने कहा कि हमारे निर्णय कार्यपरिषद में पलट दिए जाते हैं इसलिए पहले नियम बनाए जाएं, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए। बैठक में तय हुआ कि महाविद्यालयों में टीचरों के लिए परिनियम के तहत विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। इसके साथ ही सदस्यों ने सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ ऐसी निरीक्षण समितियां भी गठित की गई है, जिनमें फैकल्टी का विषय विशेषज्ञ ही शामिल नहीं है। ऐसी स्थिति में संबद्धता कैसे दें। अब गुरुवार को भी स्थाई समिति की बैठक दोपहर रखी गई है। बैठक में प्रो राजेंद्र खटीक, प्रो योगेश उपाध्याय, प्रो हेमंत शर्मा, प्रो संजय कुलश्रेष्ठ, प्रो विवेक बापट सहित अन्य उपस्थित थे।
बीएड कॉलेजों को 30 अप्रेल तक शिक्षकों के दस्तावेज जमा करने थे, जेयू के अधिकारियों ने कार्यपरिषद में चर्चा किए बिना 3 मई तक का समय बढ़ा दिया। फिर भी सिर्फ दस प्रतिशत कॉलेज ही दस्तावेज जमा कर पाए। ईसी की अलगी मीटिंग में सिर्फ उन्हीं कॉलेजों को संबद्धता दी जाएगी जिन्होंने दस्तावेज जमा किए हैं।
शिवेंद्र राठौर, कार्यपरिषद सदस्य, जेयू