एक अध्यादेश के खिलाफ 8400KM की दौड़ लगा चुके अरविंद केजरीवाल ..?
एक अध्यादेश के खिलाफ 8400KM की दौड़ लगा चुके अरविंद केजरीवाल, अब महारैली की तैयारी
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 11 जून को रामलीला मैदान के मंच से केंद्र सरकार पर हमला बोलने के साथ लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार का आगाज भी करेंगे.
आप के राष्ट्रीय संयोजक एक तरफ विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान महारैली करने की तैयारी में भी दमखम के साथ जुटे हैं. दिल्ली महारैली को सियासी जानकार बीजेपी के खिलाफ आप का शक्ति प्रदर्शन भी मान रहे हैं. महारैली को सफल बनाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता घर-घर जाकर लोगों से इसमें शिरकत करने की भी अपील कर रहे हैं. आप नेता घर-घर मुहिम के दौरान लोगों को केंद्र सरकार की कारगुजारियों के खिलाफ एक पर्चा भी थमा रहे हैं. इसके पीछे आप का मकसद दिल्ली की जनता को मोदी सरकार की जन विरोधी अध्यादेश के प्रति जागरूक करना है.
विपक्षी एका के तहत अभी तक यहां-यहां पहुंचे केजरीवाल
केंद्र द्वारा दिल्ली में लागू अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इतना नाराज हैं कि उन्होंने इस सियासी घटना को लगभग आम आदमी पार्टी के अस्तित्व से जोड़ लिया है. इतना ही नहीं, उन्होंने केंद्र के इस फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की मुहिम भी छेड़ दी है. इस मुहिम के तहत दिल्ली के सीएम अभी तक अगल-अलग दलों के नेताओं से उनके गृह प्रांत की राजधानी में मुलाकात के क्रम में 8400 किलोमीटर से ज्यादे की दूरी तय चुके हैं. अपनी इस सियासी मुहिम के तहत वह दिल्ली से कोलकाता, दिल्ली से मुंबई, दिल्ली से चेन्नई, दिल्ली से हैदराबाद, दिल्ली से रांची और आज दिल्ली से लखनऊ पहुंच चुके हैं. मेक माई ट्रिप के मुताबिक दिल्ली से इन महानगरों का सफर करने क्रम में सीएम अरविंद केजरीवाल करीब 8400 किलोमीटर की दूरी तय चुके हैं. इनमें दिल्ली से कोलकत्ता 1467 किलोमीटर, दिल्ली से रांची 1214 किलोमीटर, दिल्ली से मुंबई 1408 किलोमीटर, दिल्ली से चेन्नई 2183 किलोमीटर, दिल्ली से हैदराबाद 1559 किलोमीटर और दिल्ली से झारखंड 532 किलोमीटर की दूरी शामिल है.
इन दलों ने दिया समर्थन का भरोसा
इन राज्यों के दौरा करने के क्रम में वो पश्चिमी बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, तेलंगाना के सीएम केसीआर, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर अध्यादेश के खिलाफ समर्थन हासिल कर चुके हैं. दिल्ली में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और आरजेडी नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी मुलाकात कर चुके हैं. दिल्ली के सीएम इसी क्रम में आज यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात करेंगे. इसके अलावा, सीएम भविष्य में शेष राज्यों के दौरा कर अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे और सभी से एक मंच पर आने की अपील करेंगे. इसके पीछे उनका पहला मकसद अध्यादेश को राज्यसभा में पारित होने से रोकने के साथ लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को सियासी मात देने के लिए एक मंच पर लाना है.
रामलीला मैदान से करेंगे लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज
चूंकि, देश की तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल अध्यादेश को दिल्ली की जनता के खिलाफ मानते हैं, इसलिए वह केंद्र के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के मोर्चे पर भी काम कर रहे हैं. इस मुहिम के तहत 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में आम आदमी पार्टी के नेता प्रस्तावित महारैली को सफल बनाने की मुहिम में जुटे हैं. इसके लिए पार्टी के नेता, मंत्री और कार्यकर्ता घर-घर जाकर दस्तक दे रहे हैं. लोगों से कहा जा रहा है कि दिल्ली के बेहतर भविष्य के लिए 11 जून को रामलीला मैदान जरूर पहुंचे. लोगों को आप की ओर से एक पर्चा भी दिया जा रहा है. माना जा रहा है कि सीएम केजरीवाल रामलीला मैदान के मंच से केंद्र सरकार पर निशाना साधेंगे. साथ ही शक्ति प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार का आगाज भी करेंगे.