ग्वालियर। तीन साल के बाद शहर में अव्यवस्थाओं की राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयाेजन हो रहा है। गुरुवार को शुरू हुई इस राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता को हम अव्यवस्थाओं की प्रतियोगिता इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि देश के अलग-अलग राज्यों से आए खिलाड़ियों को जहां ठहराया गया है वहां उन्हें मूलभुत सुविधाओं के लिए ही तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जहां खिलाड़ियों को ठहराया गया है वहां व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते खिलाड़ियों को पीने के पानी से लेकर चैन की नींद लेने में परेशानी झेलनी पड़ रही है। वास्तविक स्थिति जानने के लिए नईदुनिया ने श्रमोदय विद्यालय का निरीक्षण किया, वहां के हाल वास्तव मे बदहाल मिले। चिंता की बात है कि देशभर से आए 1100 से अधिक खिलाड़ियों को जो सुविधाएं मिलना चाहिए थी, उन्हें मुहैया करवाने में प्रशासन पूरी तरह से विफल नजर आ रहा है। इस समस्या के बारे में जब कलेक्टर से बात की तो उन्होंने शुक्रवार को समस्याओं का निराकरण कराने की बात कही।

ठंडा पानी चाहिए तो हास्टल से नीचे आइए

खिलाड़ियाें के लिए उनके कमरों में पानी की 20 लीटर वाली बोतल भरवाकर रख दी जाती है, जो थोड़ी ही देर में गर्म हो जाती है। अब इसके बाद अगर खिलाड़ियों को ठंडा पानी पीना हो तो उन्हें तीन मंजिल नीचे उतरकर आना होगा और हास्टल के बाहर मौजूद नल से पानी भरकर पीना होगा। राजस्थान से आए खिलाड़ी जगवीर ने कहा कि एक-एक बाेतल भरने के लिए नीचे उतर कर जाना पड़ता है। बार-बार ऊपर-नीचे आना जाना काफी परेशान करता है। टायलेट की कुंडी टूटी, 4 में से एक नल में पानी: श्रमाेदय विद्यालय में बने केंद्र पर जो खिलाड़ी रुके हैं, उन्हें नहाने धोने के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। ब्वायज हास्टल में ठहरे खिलाड़ी जिस टायलेट का उपयोग कर रहे हैं उनमें तीसरी मंजिल पर मौजूद टायलेट के अंदर कुंडी टूटी हुई हैं। साथ ही 4 वाशबेसिन में से सिर्फ एक में ही पानी आ रहा है ।

कूलर सिर्फ टाप फ्लोर, उसमें भी आधे खराब

खिलाड़ियों की सबसे बड़ी संख्या महाराजपुरा स्थित श्रमोदय विद्यालय में है, लेकिन यहां भी कमरों में कूलर की व्यवस्था सिर्फ टाप फ्लोर पर हुई है। अब वहां भी जितने कूलर लगे हैं उनमें से आधे गड़बड़ स्थिति में हैं। पुरानी घास लगे इन कूलरों में कुछ में पानी चल रहा है कुछ में नहीं, कुछ ऐसे हैं जाे बिलकुल ही ठप पड़े हैं। आंध्र प्रदेश के हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र ने खुद इसकी शिकायत वहां मौजूद प्रभारी से की, लेकिन शाम छह बजे तक उनको कोई दूसरा कूलर उपलब्ध नहीं करवाया गया।