नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली का इतिहास में बहुत महत्व रहा है। सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्व भी कम नहीं है। दिल्ली में आपको पुराने इतिहास से लेकर आधुनिकता की झलक दिख जाएगी। आप कभी कन्फ्यूज हो जाते होंगे, जब आप दिल्ली, पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली का नाम सुनते होंगे। साथ ही आप दिल्ली के साथ एनसीआर का भी नाम सुनते हैं।

आप इस खबर के जरिए सभी कफ्यूजन को दूर करेंगे। साथ ही इन नामों के इतिहास के बारे में भी जानेंगे।

दिल्ली क्या है?

दिल्ली देश की राजधानी है, जो केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली में 11 जिले हैं, जिसमें से एक जिला है नई दिल्ली। वहीं, दिल्ली उत्तर, पश्चिम और दक्षिण दिशा में हरियाणा राज्य से घिरी हुई है, जबकि इसके पूर्व में उत्तर प्रदेश है। दिल्ली में कुछ इलाकों को पुरानी दिल्ली कहा जाता है। इन इलाकों का इतिहास में जिक्र होता है।

दिल्ली में 11 जिलों के नाम

नॉर्थ (North Delhi), नॉर्थ ईस्ट (North East Delhi), नॉर्थ वेस्ट (North West Delhi), वेस्ट (West Delhi), साउथ (South Delhi), साउथ वेस्ट (South West Delhi), साउथ ईस्ट (South East Delhi), न्यू दिल्ली (New Delhi), सेंट्रल (Central Delhi), शाहदरा (Shahdara) और ईस्ट (East Delhi)।

नई दिल्ली की आधारशिला

नई दिल्ली की आधारशिला 12 दिसंबर 1911 की दिल्ली दरबार के दौरान अंपायर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर जॉर्ज पंचम (Umpire of the British Empire George V) ने रखी थी। इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस (British architects Sir Edwin Lutyens) और सर हर्बर्ट बेकर (Sir Herbert) ने मुख्यता डिजाइन किया था।

नई दिल्ली की नींव कैसे रखी गई

नई दिल्ली का लुटियंस जोन इन्हीं के नाम से चर्चित है। देश की नई राजधानी का उद्घाटन 13 फरवरी 1931 को वायसराय एंड गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया लॉर्ड इरविन ने किया था।

नई दिल्ली की कुछ महत्वपूर्ण इमारतों में राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, भारत की संसद, लोधी गार्डन, अक्षरधाम मंदिर, कनॉट प्लेस, जंतर मंतर शामिल है। यहां के मार्गों और इमारतों की वास्तुकला ज्यादातर पश्चिमी वास्तुकला से प्रभावित है।

क्या है पुरानी दिल्ली?

पुरानी दिल्ली को शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में इसे बसाया था। आगरा छोड़ने के बाद शाहजहां ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। यह 17वीं शताब्दी से पहले कई बार बनी और उजड़ी थी। यहां खिलजी, तुगलक, मुगलों ने राज किया था। शाहजहां ने जब इसे बसाया तो इसे शाहजहानाबाद के नाम से जाना जाने लगा। इसी इलाके को ही पुरानी दिल्ली कहते हैं।

पुरानी दिल्ली में मुगल काल के किले, भवन, मकबरे और ऐतिहासिक स्थल देखने को मिल जाएंगे। मशहूर बाजार जैसे चांदनी चौक, खारी बावली का मसाला बाजार, चावड़ी बाजार, दरीबा कलान, चोर बाजार आदि भी पुरानी दिल्ली में ही हैं। जामा मस्जिद भी पुरानी दिल्ली में आती है। यहीं पर लाल किला, दिल्ली गेट, अजमेरी गेट, जैन मंदिर आदि भी हैं।

दिल्ली का इतिहास

दिल्ली का इतिहास ईसा पूर्व छठवी शताब्दी का बताया जाता है। यहां पर अलग-अलग सात शासकों का शासन रहा, जिसमें खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश, लोधी और अंत में मुगलों ने राज किया। इस दौरान दिल्ली सात बार उजड़ी और सात बार इसे बसाया गया।

दिल्ली नाम पड़ने का इतिहास

चंदरबरदाई की रचना पृथ्वीराज रासो में तोमर वंश के राजा अनंगपाल को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है। दिल्ली में तोमरवंश का शासनकाल 900 से 1200 ईसवी तक माना जाता है। दिल्ली या दिल्लिका शब्द का सबसे पहले प्रयोग उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों में मिला है, जो कि 1170 ईसवी के बताए गए हैं।

तो कुछ इतिहासकारों का मानना है कि दिल्ली शब्द दहलीज से बना है जिसके मतलब चौखट होता है। इसे सिंधु गंगा समभूमि के प्रवेश द्वार के तौर पर देखा जाता होगा।

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक, दिल्ली का नाम राजा ढिल्लू के दिल्हीका (800 ई पू) से माना गया है। यह मध्यकाल का पहला बसाया हुआ शहर था, जो कि वर्तमान में महरौली के पास है।

12वीं शताब्दी में राजा अनंगपाल तोमर ने लालकोट से अपना शासन चलाया। लालकोट की इमारत महरौली में देखने को मिल सकती है। इसके बाद 1170 ईसवी में दिल्ली या दिल्लिका शब्द का प्रयोग सबसे पहले उदयपुर में प्राप्त शिलालेखों में मिला।

एनसीआर क्या है?

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (National Capital Region) यानी एनसीआर में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के शहर शामिल हैं। दिल्ली से कई सौ किलोमीटर तक एनसीआर का विस्तार है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, 1985 के नियोजन बोर्ड के कानून के मुताबिक, NCR में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुल 23 जिलों को शामिल किया गया है।

NCR में आने वाले उत्‍तर प्रदेश के जिले– बागपत, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर जिला (नोएडा और ग्रेटर नोएडा), गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुड़।

NCR में शामिल हरियाणा के जिले- करनाल, जिंद, महेंद्रगढ़, भिवानी, पलवल, चरखी, दादरी, गुड़गांव, फरीदाबाद, झज्‍जर, रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, रोहतक और नूंह।

NCR में आने वाले राजस्‍थान के जिले अलवर और भरतपुर ये दोनों जिले एनसीआर क्षेत्र में शामिल हैं।