धर्म की आड़ में राजनीति

धर्म की आड़ में राजनीति

ग्वालियर में 50 साल से हूं। कुलैथ गांव में रथयात्रा के अलावा शहर में कभी कोई रथयात्रा निकलते नहीं देखी।पहली बार जगन्नाथ को भाजपा ने घेर लिया।रथ पर नेता, सड़क पर नेता, झाड़ू लगाते नेता देखकर हैरत में पड़ गया हूं। भगवान जगन्नाथ के रथ पर पुरी तो क्या कहीं भी किसी नेता को भाषण देने की जुर्रत करते भी पहली बार देख रहा हूं।सोच रहा हूं कि राजनीति कोई मंच छोड़ेगी भी या नहीं? जनता सब जानती है लेकिन असहाय है। ये इस्कॉन वाले भी भाजपा के लिए ठेके पर हाजिर हो गये। खेल समझने की जरूरत है। क्योंकि न चुनाव आयोग को कुछ दिखता है,न अदालतों को कुछ दिखता है।धर्म का राजनीतिक गठजोड़ हो चुका है। विकास गया भाड़ में।इस हाथ लो,उस हाथ दो। पहले बेटियां निशाने पर थीं,अब बहनें हैं।कल कोई और होगा। भगवानों, देवी देवताओं के लिए लोक बन रहे हैं।राजमाताओ के स्मारक बन रहे हैं। पैसा सरकार का है ही। पिताजी का माल समझ रखा है।जय जगन्नाथ। प्रतिक्रिया तभी दें जब साहस हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *