जोशीमठ के बाद अब उत्तरकाशी पर खतरा ..?

जोशीमठ के बाद अब उत्तरकाशी पर खतरा, मस्तड़ी गांव के 30 घरों में दिखी दरारें; दहशत में लोग
उत्तरकाशी जिले के मस्तड़ी गांव में दरारें आने से पूरे इलाके दहशत का माहौल है. मस्तड़ी गांव क प्रधान सत्यनारायण सेमवाल ने का कहना है कि गांव के कई घरों में ताजा दरारें आई हैं जो कि चिंताजनक है. हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अब आगे क्या होगा, अगर खतरा बढ़ता है तो लोग कैसे रहेंगे.
Uttarkashi Sinking: जोशीमठ के बाद अब उत्तरकाशी पर खतरा, मस्तड़ी गांव के 30 घरों में दिखी दरारें; दहशत में लोग

उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब उत्तरकाशी जिले में भू-धंसाव का खतरा पैदा हो गया है. उत्तराखंड में हो रही लगातार भाारी बारिश के चलते उत्तरकाशी जिले के मस्तड़ी गांव में जमीन धंसने से गांव के कई घरों में ताजा दरारें दिखाई दीं हैं. जमीन धंसने और उसके बाद घरों में आई दरारों से गांववासी दहशत में हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरकाशी जिले के मस्तड़ी गांव में दरारें आने से पूरे इलाके दहशत का माहौल है. मस्तड़ी गांव क प्रधान सत्यनारायण सेमवाल ने का कहना है कि गांव के कई घरों में ताजा दरारें आई हैं जो कि चिंताजनक है. हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि अब आगे क्या होगा, अगर खतरा बढ़ता है तो लोग कैसे रहेंगे.

ग्राम प्रधान ने कहा कि सरकार को इस मामले में तुरंत संज्ञान लेकर लोगों को सुरक्षित करते हुए कार्रवाई करनी चाहिए. गांव के प्रधान सत्यनारायण सिंह ने आगे कहा कि, प्रशा सन को गंभीर रूप से प्रभावित 30 घरों में रहने वाले परिवारों को स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

1991 उत्तरकाशी भूकंप के बाद बढ़ी भू-धंंसाव का खतरा

हालांकि, गांव के लोगों ने बताया कि साल 1991 में उत्तरकाशी में आए विनाशकारी भूकंप के बाद से इस इलाके में जमीन धंसने की गतिविधि की शुरूआत हुई थी.तबसे जमीन धंसने का खतरा लगातार बना हुआ था. ग्राम निवासियों ने बताया कि उत्तरकाशी के भूकंप के बाद साल 1997 में भू-वैज्ञानिकों के एक टीम गांव का सर्वेक्षण के लिए आई थी. टीम ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में भू-धंसाव की समस्या से निपटने के लिए तत्काल उपायों की सलाह दी थी.

प्रभावित इलाके में भेजी जाएगी विशेषज्ञों की टीम

गांव वालों का कहना है कि आज तक भू-वैज्ञानिकों की उस टीम के सुझाव के बावजूद सरकारों की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. नतीजतन आज फिर से पूरे इलाके पर भू-धंसाव का खतरा पैदा हो गया है और कई घरों में ताजा दरारें दिखाई दी हैं. उत्तरकाशी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने कहा कि, प्रभावित क्षेत्र में भू-वैज्ञानिकों की एक टीम भेज रहे हैं. विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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