अवैध रूप से काटे जा रहे वाहन, चार गिरफ्तार

दिल्ली में वाहनों को स्क्रैप करना गैरकानूनी, परिवहन विभाग के आदेश का उल्लंघन
नई दिल्ली। पुलिस ने रणहौला में अवैध रूप से चल रहे स्क्रैप यार्ड का खुलासा कर गोदामों के चार मालिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को यहां चोरी के वाहन काटे जाने का संदेह है। आरोपियों के पास से यार्ड चलाने से संबंधित कोई भी वैध दस्तावेज नहीं मिले हैं। यहां से पुलिस को काफी संख्या में स्क्रैप वाहनों के ढांचे, कलपुर्जे और गैस कटर आदि उपकरण मिले हैं। आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और 5/15 पर्यावरण अधिनियम, 1986 के तहत रणहौला थाने में तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।

पुलिस के अनुसार, शुक्रवार को बाहरी जिला स्पेशल स्टाफ को रणहौला में चोरी के वाहनों को काटे जाने की सूचना मिली थी। निरीक्षक प्रवीण कुमार के नेतृत्व में पुलिस की तीन टीमें गठित की गईं। पुलिस टीमों ने बापरौला के तीन गोदामों पर छापा मारा। यहां पुराने वाहनों को गैस कटर और अन्य उपकरणों से काटा जा रहा था। पुलिस ने गोदामों की फोटोग्राफी कराई। वाहन मालिकों और गोदाम मालिकों से स्क्रैपिंग के लाइसेंस के संबंध में अनुमति पत्र की मांगी गई, लेकिन दोनों कोई भी वैध कागजात दिखा नहीं पाए। पुरानी गाड़ियों के कोई कागजात भी नहीं मिले।

बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सभी आरोपी परिवहन विभाग के आदेश का उल्लंघन करते हुए पाए गए। दिल्ली में पुराने वाहनों को स्क्रैप करना गैरकानूनी है। पुलिस ने गोदाम चलाने वाले तिलक नगर निवासी तरलोचन (50), हरिनगर घंटाघर निवासी रामायण यादव (59), पश्चिम विहार निवासी जसबीर सिंह (76) और गुरदीप सिंह (39) को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि चारों काफी साल से इस धंधे से जुड़े हैं। आशंका है कि स्क्रैप के आड़ में चोरी के वाहन काट रहे थे।

मायापुरी इलाके में करते थे स्क्रैप का काम
सभी आरोपी पहले मायापुरी में काम करते थे। यहां स्क्रैप का काम बंद होने के बाद वह रणहौला में दो एकड़ जमीन पर गोदाम बनाकर अवैध रूप से स्क्रैप का काम करने लगे। दिल्ली पुलिस ने अवैध यार्ड के बारे में परिवहन विभाग, एसडीएम पंजाबी बाग और जीएनटीसीडी को जानकारी दी है। पुलिस बरामद वाहनों के रजिस्ट्रेशन, इंजन और चेसिस नंबर परिवहन विभाग को सौंपकर इसकी स्थिति के बारे में जानकारी हासिल कर रही है। इसके जरिए पता लगेगा कि काटे जा रहे वाहन चोरी के थे या नहीं।

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