प्रॉपर्टी वापस लेने का क्या है तरीका; मालिकाना हक के लिए जरूरी हैं ये डॉक्यूमेंट्स …?

सवाल: किसी के जमीन हड़प लेने के बाद असली मालिक को जमीन वापस लेने के लिए क्या करना होगा?
जवाब:
 अगर धोखाधड़ी कर जमीन हड़प ली गई है, इसका मतलब यह है कि आप के साथ धोखा कर आपसे विक्रय पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए गए हैं और रजिस्ट्रेशन भी कराया जा चुका है।

ऐसे में सबसे पहले रजिस्ट्रार के पास आपत्ति पेश करनी होगी और रजिस्ट्री कैंसिल करने के लिए आवेदन देना होगा।

अगर रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है तो रजिस्ट्रेशन ना किए जाने की आपत्ति पेश करनी होगी।

साथ ही साथ सिविल कोर्ट में कॉन्ट्रैक्ट लेटर यानी अनुबंध पत्र को शून्य घोषित करने के लिए केस फाइल कराना होगा।

सवाल: जमीन हड़पने वाले खिलाफ के शिकायत कहां दर्ज करा सकते हैं?
जवाब:
 IPC यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत अगर किसी व्यक्ति को उसकी प्रॉपर्टी से डरा-धमका कर जमीन से बेदखल कर दिया है, तो इस धारा के अंतर्गत पुलिस थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं।

अब जमीन और प्रॉपर्टी से रिलेटेड सवालों के बारे में बात करते हैं…

सवाल: प्रॉपर्टी कितने तरह की होती है?
जवाब:
 प्रॉपर्टी दो तरह की होती है। नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं…

प्रॉपर्टी एक्ट के अनुसार, अचल संपत्ति को कई ढांचों में बांटा गया है:

जमीन: जिसमें खेत, खलिहान जैसी जमीन शामिल होती हैं।

बिल्डिंग: परमानेंट और रेगुलर चलने वाला स्ट्रक्चर, जो एक साथ कई लोगों के रहने के उद्देश्य से बनाई जाती है, जैसे अपार्टमेंट, विला।

प्लॉट: ये अचल संपत्ति के रूप में आता है।

विशेषाधिकार: प्रॉपर्टी एक्ट ने कुछ विशेषाधिकारों को भी अचल संपत्ति में शामिल किया है। जैसे- आकस्मिक अधिकार, अधिराज्य अधिकार, भू-स्वामित्व अधिकार।

सवाल: जमीन के कागज पर अगर कोई बहला-फुसलाकर हस्ताक्षर करा लेता है, तो उस कंडीशन में क्या जमीन वापस मिलने की उम्मीद रहती है?
जवाब:
 जमीन के कागज पर बहला-फुसलाकर हस्ताक्षर करवाने से जमीन के अधिकार यानी स्वामित्व में कोई बदलाव नहीं होता है।

जमीन के स्वामित्व का लीगलाइजेशन केवल प्रॉपर्टी रिकॉर्ड और ऑफिशियल लीगल प्रोसेस के जरिए होता है। ऐसे में अगर किसी ने धोखाधड़ी से जमीन के कागज पर साइन करवाए हैं, तो यह कानून और प्रॉपर्टी रिकॉर्ड के अनुसार अमान्य माना जाएगा।

सवाल: अगर अपनी जमीन किसी दूसरे व्यक्ति को इस्तेमाल करने को दी है, लेकिन वो प्रॉपर्टी का गलत यूज कर रहा है तो क्या करें?
जवाब:
 IPC की धारा 406 के अनुसार, अगर जमीन के मालिक ने किसी दूसरे व्यक्ति को विश्वास पर अपनी जमीन दी है और वो संपत्ति का गलत इस्तेमाल कर रहा है, जैसे- जमीन को ही बेच दिया है, जमीन के मालिक के मांगने पर नहीं लौटा रहा है, तो थाने में इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उसे कानून के हिसाब से तीन साल की जेल हो सकती है या फिर उसे मालिक को जमीन की कीमत देनी होगी।

सवाल: किसी ने जमीन के नकली दस्तावेज बनवा लिए हैं और बार-बार कब्जा करने की धमकी दे रहा है तो क्या करें?
जवाब:
 IPC की धारा 467 के तहत, अगर किसी भी व्यक्ति ने धोखाधड़ी करके नकली दस्तावेज बनाए हैं, तो वह व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 463 के तहत जालसाजी का अपराधी होगा। इसके तहत आप पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

सवाल: जमीन से रिलेटेड मामलों को सुलझाने और निपटाने के लिए कहां जाएं?
जवाब:
 जमीन से रिलेटेड किसी भी तरह का मामला हो, तो आप अपने शहर के इन कार्यालयों पर जा सकते हैं।

जिला कोर्ट: जमीन की रजिस्ट्री से रिलेटेड हर काम यहां होता है।

सब रजिस्ट्रार कार्यालय: जमीन के डेवलपमेंट और रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां जा सकते हैं।

लीगल एडवाइजर: अगर आप जमीन से रिलेटेड किसी विवाद में फंसे हैं तो विधिक सलाहकार से सलाह लेना चाहिए।

ग्राम पंचायत या नगर पालिका ऑफिस: जमीन के खतौनी, भू-नक्शा और रिलेटेड डॉक्यूमेंट के लिए आप ग्राम पंचायत या नगर पालिका के ऑफिस में जा सकते हैं।

भू-अभिलेख विभाग: भू-अभिलेख विभाग जमीन रिलेटेड मुद्दों की जानकारी और रिकॉर्ड्स रखता है। आप यहां से जमीन रिलेटेड जानकारी ले सकते हैं।

सवाल: जमीन पर मालिकाना हक दिखाने के लिए किन कागजों की जरूरत होती है?
जवाब:
 जमीन पर मालिकाना हक दिखाने के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है। नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं-

सवाल: जमीन पर मालिकाना हक हासिल करने के लिए किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
जवाब:
 जमीन पर मालिकाना हक या कब्जा हासिल करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा-

प्रॉपर्टी रिकॉर्ड की जांच सबसे पहले जमीन के प्रापर्टी रिकॉर्ड की जांच करें। ताकि आप उस जमीन से रिलेटेड जरूरी जानकारी और स्वामित्व का पता कर सकें। इसके लिए भू-नक्शा, खतौनी, खसरा, रजिस्ट्री के डॉक्यूमेंट को देखें।

जमीन के मालिक से संपर्क करें: अगर जमीन के वास्तविक मालिक का पता चलता है, तो उससे संपर्क करें और जमीन के मालिकाना हक के बारे में जानें। उससे रिलेटेड पूरी जानकारी लें।

लीगल एडवाइजर से सलाह करें: जमीन के स्वामित्व और मालिकाना हक को प्राप्त करने के लिए लीगल एडवाइजर से उसकी राय लें। वे आपको सही कानूनी प्रक्रिया और डॉक्यूमेंट्स के बारे में बताएंगें।

सवाल: प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के कितने तरीके हैं?
जवाब: 
प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के 4 तरीके हैं। ट्रांसफर करने का तरीका अलग-अलग प्रॉपर्टी और सिचुएशन के आधार पर अलग हो सकता है।

सेल डीड: ये एक समझौता होता है, जिसमें प्रॉपर्टी को दूसरे नाम पर ट्रांसफर करने का एग्रीमेंट होता है। इसे ट्रांसफर डीड भी कहा जाता है।

वसीयत: जब कोई व्यक्ति अपने जीते जी अपनी सारी प्रॉपर्टी का उत्तराधिकारी किसी दूसरे व्यक्ति को बना देता है उसे विल कहते हैं। उसके मरने के बाद प्रॉपर्टी विल के अनुसार उसी व्यक्ति के नाम हो जाती है।

गिफ्ट डीड: ये गिफ्ट के रूप में दी जाने वाली प्रॉपर्टी होती है। जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी प्रॉपर्टी दे देता है तो उसे गिफ्ट डीड कहते हैं।

त्यागनामा: वह होता है जिसमें प्रॉपर्टी के मालिक एक से ज्यादा हो तो उसमें से एक मालिक अपना हिस्सा छोड़कर दूसरे के नाम पर अपनी मर्जी के अनुसार कर सकता है।

नोट: प्रॉपर्टी ट्रांसफर करते समय सही डॉक्यूमेंटेशन होना चाहिए। इसलिए ट्रांसफर करने से पहले वकील या लीगल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।

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