मणिपुर में नहीं थम रहा हिंसा का दौर …. मणिपुर में 3 मई के बाद से ही हिंसा का दौर जारी है।

मणिपुर में नहीं थम रहा हिंसा का दौर, भीड़ ने सुरक्षा बलों की 2 बसों में आग लगाई
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कुछ उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों की 2 बसों को आग के हवाले कर दिया। सूबे में 3 मई के बाद शुरू हुई हिंसा अभी भी पूरी तरह थम नहीं पाई है।

इंफाल: मणिपुर को लेकर एक तरफ जहां संसद में हंगामा चल रहा है वहीं जमीन पर भी हालात कुछ अच्छे नहीं हैं। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भीड़ ने सुरक्षा बलों की 2 बसों में आग लगा दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यह घटना सपोरमीना में उस समय हुई, जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा में शामिल एक समुदाय के लोगों ने मणिपुर की पंजीकरण संख्या वाली बसों को सपोरमीना में रोक लिया।

अधिकारियों ने कहा कि लोगों के इस ग्रुप ने बसों को रोकने के बाद कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि इनमें कहीं दूसरे समुदाय का कोई सदस्य तो नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि उनमें से कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं।

महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा बढ़ा
बता दें कि राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं। मणिपुर में 2 महिलाओं की निर्वस्त्र परेड का वीडियो बीते बुधवार, 19 जुलाई को सामने आया था जिसके बाद देश भर में आक्रोश फैल गया और विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो 4 मई का है। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हुईं लेकिन इस मुद्दे पर सड़क से संसद तक हंगामा बदस्तूर जारी है।

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