नूंह दंगों : दंगाई 3 थानों से गुजरे, 2km दूर साइबर थाना जलाया ..?

नूंह दंगों की आड़ में कहीं 11 FIR निपटाना तो नहीं था प्लान ….

हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को भड़की हिंसा के प्री-प्लांड होने का दावा CM मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज ने किया है। भास्कर की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि भले ही पूरा दंगा प्लांड नहीं था, लेकिन नूंह के साइबर पुलिस स्टेशन को जलाया जाना सवालों के घेरे में है।

इस हिंसा के तार 28 अप्रैल को नूंह के 14 गांवों में हुई पुलिस रेड, 11 FIR और नूंह को साइबर क्राइम का अड्डा बनाने वाले लोगों से जुड़ते नजर आ रहे हैं।

ये रेड 5 हजार पुलिसवालों ने मिलकर नूंह के गांवों में कुल 320 जगहों पर मारी थी। 126 लोग हिरासत में लिए गए और 66 गिरफ्तार किए गए। बिछौर और पुन्हाना थाने में 29 अप्रैल को 11 FIR दर्ज हुई थीं। इन सभी FIR से संबंधित इन्वेस्टिगेशन नूंह साइबर पुलिस स्टेशन में की जा रही थी। इन केसेज का ज्यादातर रिकॉर्ड भी यहीं रखा था।

भीड़ ने 31 जुलाई की दोपहर करीब 3.30 बजे साइबर क्राइम थाने पर हमला किया था। उन्होंने बाहर खड़ी पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी….

3 थाने छोड़कर भीड़ ने आखिर साइबर थाना ही क्यों जलाया
31 जुलाई को नूंह के नल्हर शिव मंदिर से ब्रज मंडल यात्रा शुरू हुई। यात्रा में मौजूद लोगों और दूसरे समुदाय के लोगों के बीच सबसे पहले तिरंगा पार्क के पास टकराव हुआ। यही वो जगह है, जहां समुदाय विशेष के लोगों ने कथित तौर पर यात्रा पर पथराव किया। पथराव के बाद हिंसा शुरू हो गई।

यात्रा में शामिल कुछ लोग वापस मंदिर की तरफ भागे और करीब एक घंटे तक तिरंगा पार्क और आसपास के इलाकों में जमकर हिंसा हुई। भास्कर की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है कि तिरंगा पार्क से सिर्फ 500 मीटर दूर नल्हर मेडिकल कॉलेज की तरफ जाने वाले रोड पर सिटी थाना, सदर थाना और महिला थाना है।

समुदाय विशेष की भीड़ मेडिकल कॉलेज से होते हुए शिव मंदिर तक भी गई थी। ये भीड़ तीनों थानों के सामने से गुजरी, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।

इसी भीड़ में शामिल लोग दोपहर 3 बजे तिरंगा पार्क से उलटी दिशा में करीब 2 किलोमीटर चले और नूंह की अनाज मंडी में स्थित साइबर क्राइम थाने पर हमला कर दिया। दंगाइयों ने सबसे पहले एक बस लूटी और फिर उससे साइबर थाने के बाहर पुलिस की 2 PCR वैन को टक्कर मारी।

CCTV फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि दंगाइयों ने बस से पहले थाने के गेट में टक्कर मारी। गेट नहीं टूटा तो बस को रिवर्स किया और फिर थाने की दीवार को टक्कर मारकर तोड़ दिया।

हथियारों से लैस थे हमलावर, पुलिस पर गोलियां चलाईं
मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, दंगाइयों ने थाने में मौजूद पुलिस के जवानों पर अवैध हथियारों से फायरिंग की। बाहर खड़ी 10 गाड़ियों और एक बाइक में आग लगा दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, लेकिन दंगाई ज्यादा थे।

दंगाई भीड़ ने न सिर्फ थाने में आग लगाई, बल्कि कूलर, इन्वर्टर, बैटरी और पुलिसवालों के पैसे भी लूट ले गए। पुलिस के मुताबिक, दंगाइयों ने रिकॉर्ड जलाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए। जवाबी कार्रवाई करने पर वे भाग गए। हमले के दौरान थाने में मौजूद PSI सूरज के मुताबिक, दंगाइयों से बचने के लिए पुलिस ने भी 100 से ज्यादा राउंड फायर किए।

रिकॉर्ड लूटने और जलाने की कोशिश कर रही थी भीड़
हमले के वक्त ASI सुरेश भी थाने के अंदर मौजूद थे। वे बताते हैं कि भीड़ कम्प्यूटर, पुलिस स्टेशन और यहां तक कि हमें भी जलाना चाहती थी। हम डर गए और दरवाजे बंद कर पहली मंजिल पर पहुंचे। भीड़ ज्यादा थी और पुलिस फोर्स आने में वक्त था।

हमने भीड़ को चकमा देने के लिए अलग-अलग साइड से गोलियां चलानी शुरू कीं। इससे उन्हें लगा कि थाने में काफी फोर्स है और हमारे पास मॉडर्न हथियार हैं। इसके बाद हमलावर भाग गए, पर उन्होंने कई गाड़ियों में आग लगा दी।

मामले में पुलिस की ओर से दर्ज FIR में लिखा है कि 31 जुलाई को करीब 3.30 बजे थाने में SI सुरेश, ASI सुधीर, हेड कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र, कॉन्स्टेबल सुरेंद्र, सिपाही गुलशन, रघुवीर, रविकांत और शुभम मौजूद थे। तभी जलाभिषेक यात्रा के दौरान भड़की भीड़ ने थाने पर हमला कर दिया। उन्होंने थाने को चारों तरफ से घेरकर पथराव किया।

कुछ लोग पुलिसवालों को जिंदा जलाने के लिए कह रहे थे। भीड़ ने दीवार और छत पर चढ़कर पुलिस पर फायरिंग की। पुलिसवालों ने अंदर से आंसूगैस के गोले दागे। फिर भी भीड़ पथराव करती रही। सेल्फ डिफेंस में पुलिसवालों ने थाने के अंदर से फायरिंग की। पुलिस की तरफ से 115 राउंड फायरिंग की गई।

1 अगस्त को थाने पर हमले की FIR दर्ज कराई गई है। इसमें लिखा है कि भीड़ पुलिसवालों को जिंदा जलाने की बात कह रही थी।

साइबर थाने पर हुआ हमला शक के घेरे में क्यों
इसके पीछे 28 अप्रैल को नूंह के 14 गांवों में हुई रेड मानी जा रही है। साइबर क्राइम को लेकर की गई ये हरियाणा पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी रेड थी। इलाके के 66 लोग गिरफ्तार हुए थे और दंगाई भीड़ के निशाने पर उनके केस से संबंधित रिकॉर्ड को मिटाना हो सकता है।

भीड़ ने जिस तरह तिरंगा पार्क के पास 3 थानों को छोड़ दिया और 2 किमी दूर जाकर साइबर थाना जलाया, इससे शक और बढ़ जाता है। हमले की FIR में थाने में मौजूद पुलिसवालों ने भी बताया है कि भीड़ रिकॉर्ड लूटने की कोशिश में थी।

हमले पर पुलिस ने क्या कहा
साइबर थाने पर दंगाइयों के हमले को लेकर नूंह के SP वरुण सिंगला ने बताया कि हिंसा के हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है। हिंसा से जुड़े हर सबूत जुटाए जा रहे हैं। हमारी टीमों ने नूंह में हुई हिंसक घटनाओं में 116 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्हें रिमांड पर लिया जा रहा है। जांच के बाद सब कुछ क्लियर किया जाएगा।

क्या जिन 14 गांवों में रेड हुई, वहां के लोग भीड़ में शामिल थे
28 अप्रैल की रात हरियाणा पुलिस के 5000 जवानों ने एक साथ मिलकर नूंह जिले के गांव नई, तिरवाड़ा, अविनाबाद, लोहिंगा, लोहिंगा खुर्द, खेड़ला, जैवंत, गोछोला, गोछोली समेत 14 गांवों में रेड की थी। इसके लिए 102 टीमें बनाई गई थीं। रेड में 200 से ज्यादा मोबाइल सिम के अलावा मोबाइल फोन, लैपटॉप बरामद हुए थे।

31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद नूंह के गांवों में पुलिस दंगाइयों की तलाश में छापेमारी कर रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल जिन गांवों में साइबर क्राइम के लिए रेड हुई थी, वे इस पुलिस स्टेशन से सिर्फ 50 किमी दूर हैं।

यात्रा से पहले ही सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी और दूसरे समुदाय के लोगों के बीच विवाद शुरू हो गया था। ऐसे में बदला लेने के लिए आस-पास के गांवों के लोग इकट्‌ठा हुए थे या नहीं, इसकी जांच की जा रही है।

हिंसा में अब तक 6 की मौत, CM बोले- दंगाइयों से नुकसान की कीमत वसूलेंगे
हरियाणा के नूंह में विश्व हिंदू परिषद की ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार को भड़की हिंसा के दो दिन बाद भी नूंह में कर्फ्यू रहा। गुरुग्राम और पलवल जिले में भी तनाव है। गुरुग्राम पुलिस ने कहा है कि छोटे-छोटे ग्रुप हिंसा फैला रहे हैं।

नूंह की हिंसा के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली-NCR के 23 इलाकों में रैलियां निकालने का ऐलान किया है। इन रैलियों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है….

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