क्या बहाल होगी राहुल की सांसदी या करना होगा अभी और इंतजार?

 क्या बहाल होगी राहुल की सांसदी या करना होगा अभी और इंतजार? जानें क्या कहता है नियम
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में कांग्रेस नेता की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी। इसके साथ ही हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर अब राहुल गांधी की सांसदी का क्या होगा? क्या उनकी संसद सदस्यता बहाल हो जाएगी? क्या राहुल 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ सकेंगे? इन सब को लेकर जनप्रतिनिधित्व कानून क्या कहता है? आइये जानते हैं….
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो जाएगी?
सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत के बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल होने को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं। पूर्व लोकसभा सचिव पीडीटी आचारी कहते हैं कि सजा पर रोक का मतलब है कि अब राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो जाएगी। नियम यही कहता है भले ही ये अंतरिम रोक क्यों न हो। इससे पहले भी ऐसा हो चुका है जब किसी सांसद को निचली अदालत से सुनाई गई सजा की वजह से उनकी सदस्यता गई, लेकिन ऊपरी अदालतों के आदेश के बाद उनकी सदस्यता बहाल हो गई।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता कहते हैं, ‘सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसलों पर मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ही सरकारें कार्रवाई कर देती हैं। लेकिन इस मामले में सरकार और लोकसभा स्पीकर आदेश की सर्टिफाईड कॉपी का इंतजार कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार लोकसभा सचिवालय अधिसूचना जारी करेगा उसके बाद ही राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो पाएगी। इसके पहले लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल के मामले में केरल हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद चुनाव आयोग ने उनकी सीट पर उपचुनाव कराने का ऐलान कर दिया था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोकसभा सचिवालय ने फैजल की सदस्यता बहाल करने की नोटिफिकेशन जारी किया था। संविधान के अनुच्छेद-141 के तहत सुप्रीम कोर्ट के आदेश सभी अदालतों और सरकारों के लिए सर्वोपरि होते हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लोकसभा की नोटिफिकेशन के अनुसार राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो जायेगी। लेकिन, उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले में अंतिम फैसले के अनुसार ही सजा या दोषमुक्ति का निर्धारण होगा।’
तो क्या राहुल के 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने का भी रास्ता भी साफ हो गया?
सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहुल को मिली राहत फौरी है। कोर्ट ने मामले को खारिज नहीं किया गया, बल्कि सजा पर रोक लगाई है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल को इस मामले में दो साल की सजा सुनाता है तो राहुल चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाएंगे। वहीं, कोर्ट से बरी होने या दो साल से कम सजा मिलने पर राहुल चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि, ये फैसला कब तक आएगा ये देखना होगा। ऐसा भी हो सकता है कि कोर्ट का फैसला 2024 के चुनाव के बाद आए। ऐसे में राहुल 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने किस आधार पर दी राहुल को राहत?
सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राहुल गांधी को जो राहत मिली है उसके तीन बड़े आधार हैं। पहला-ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में अधिकतम 2 साल की सजा दी थी लेकिन उसके लिए सेशन कोर्ट  और हाईकोर्ट ने ठोस आधार नहीं दिये। दूसरा- उस कठोर फैसले से राहुल गांधी के सार्वजनिक जीवन का अधिकार प्रभावित हुआ है। तीसरा- उस फैसले से राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र के वोटरों का भी अधिकार प्रभावित हुआ है इसलिए उस पर रोक लगाना जरुरी है। लेकिन यह समझने की जरुरत है कि अभी सिर्फ सजा पर रोक लगी है और फाइनल फैसले से यह साफ होगा कि उन्हें मानहानि के मामले में सजा मिलेगी या फिर रिहाई।

कैसे बहाल होगी राहुल सदस्यता?

 सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय बताते हैं कि अब राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय को आवेदन देना होगा। इसमें वो बताएंगे कि उनकी सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस आवेदन के साथ उन्हें कोर्ट के फैसले की कॉपी भी लगानी होगी। इसके बाद सचिवालय सचिवालय उनकी सदस्यता बहाली का आदेश जारी करेगा। इस संबंध में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और तत्काल राहुल की सांसदी बहाल करने का अनुरोध किया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने फैसले की कॉपी आने तक इंतजार करने की बात कही है।

पहले कभी किसी नेता की सदस्यता बहाल हुई?
लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल को भी कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई। इसके बाद उनकी सदस्यता चली गई। चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा पर उप-चुनाव कराने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी। हालांकि, बाद में केरल हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी। इसके बाद उनकी सदस्यता बहाल हो गई। अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। फैजल पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद और मोहम्मद सालिया पर हमला करने का आरोप था। इस मामले में 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें से चार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इनमें मोहम्मद फैजल भी शामिल थे।

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