प्रदेश में अब 300 होम स्टे ?
प्रदेश में अब 300 होम स्टे …
11 महीने में दोगुने हो गए, इनमें 27.5 फीसदी संचालक महिलाएं, भोपाल में इनकी संख्या 23 तो इंदौर में अभी सिर्फ 15
प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे शुरू किए गए हैं। पर्यटन विभाग ने इन्हें इस दृष्टि से शुरू किया कि कम किराये पर घरों में ही होटल जैसी सुविधाएं पर्यटकों को मिल जाएं। ऐसा करने से स्थानीय निवासियों को रोजगार भी मिलेगा और पर्यटक भी उस स्थान की खूबियों और परंपराओं को बेहतर तरीके से जान सकेंगे। अब मप्र टूरिज्म बोर्ड ने इनका इम्पैक्ट असेसमेंट किया है। इसमें इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) भी शामिल है।
पिछले साल सितंबर तक मप्र में 157 होम स्टे थे, लेकिन अब इनकी संख्या करीब 300 हो गई है। होम स्टे की खासियत यह है कि उसके ओनर का यहां रहना भी जरूरी है। यह न्यूनतम एक और अधिकतम छह कमरे का हो सकता है। गांव स्तर पर एमपीटी भी 50 प्रतिशत तक की राशि का सहयोग करता है। असेसमेंट में यह तथ्य सामने आया है कि होम स्टे का संचालन करने वाली 27.5 प्रतिशत महिलाएं हैं। संचालकों में पीजी करने वाले 23.2% हैं, और इतने ही यूजी वाले हैं।
56.5 फीसदी ने माना, पुलिस का सहयोग अच्छा
होम स्टे संचालकों में 56.5 प्रतिशत लाेगों का मानना है कि सहयोग के मामले में पुलिस का काम अच्छा है। वहीं 2.9 फीसदी ने इनके काम को अच्छा नहीं माना है। सबसे अच्छा काम स्थानीय निकाय का 58 प्रतिशत माना गया है। इसके लिए अलग-अलग पैमाने के आधार पर यह देखा गया कि स्थानीय प्रशासन, स्थानीय निकाय, एमपीटी और पुलिस का सहयोग उनके प्रति कैसा है। 4.3% ने पुलिस के सहयोग को एक्सीलेंट बताया, जबकि एमपीटी के सहयोग को 11.6% ने एक्सीलेंट करार दिया है।
फैमिली मैटर साझा न करने की सलाह
होम स्टे के संचालकों से चर्चा में यह बात सामने आई है कि कई संचालक अपने पारिवारिक मुद्दे गेस्ट से साझा करते हैं। इसके लिए उन्हें यह सलाह भी दी गई है कि वे किसी भी तरह के पारिवारिक मुद्दे उनसे साझा न करें। परिवार के बुजुर्ग सदस्यों को भी गेस्ट सर्विस में न लगाएं।
उज्जैन में ज्यादा
होम स्टे का कॉन्सेप्ट बढ़ रहा है। महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन में इनकी संख्या बढ़ी है। इससे स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलता है। इसके लिए एमपीटी के तय पैमाने पूरे करने होते हैं। यह अपेक्षाकृत सस्ते भी होते हैं। इनकी संख्या प्रदेशभर में 1000 करने की योजना है।
-विवेक श्रोत्रिय,एएमडी, एमपी टूरिज्म