भोपाल : एक चार्जिंग स्टेशन के भरोसे आठ हजार इलेक्ट्रिक वाहन !
राजधानी में एक चार्जिंग स्टेशन के भरोसे आठ हजार इलेक्ट्रिक वाहन, कैसे मिले स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा
दो वर्ष पहले शहर में 120 चार्जिंग स्टेशन बनाने का किया था दावा। पांच बने, उसमें भी चार बंद।
भोपाल । केंद्र और राज्य सरकारें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पालिसी में बदलाव कर रही हैं। इवी खरीदने वाले ग्रहकों से नाम मात्र का टैक्स वसूल रही है। लेकिन स्थानीय निकायों की लापरवाही से शहर में स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा नहीं मिल रहा है। शहर के आठ हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन एक चार्जिंग स्टेशन के सहारे चल रहे हैं। हालांकि दो वर्ष पहले स्मार्ट सिटी ने शहर के विभिन्न स्थानों पर 120 चार्जिंग स्टेशन लगाने का दावा किया था, इसके बावजूद अब तक शहर में केवल पांच ईवी चार्जिंग स्टेशन ही बन पाए। उसमें भी चार बंद हैं, जबकि केवल गोविंदपुरा स्थित स्मार्ट सिटी परिसर में चार्जिंग की सुविधा मिल रही है।
हर माह बढ़ रही ईवी की संख्या
आरटीओ के अधिकारियों ने बताया कि शहर में हर माह 150 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन किया जा रहा है। लेकिन इनके लिए शहर में पर्याप्त चार्जिंग स्टेशन नहीं हैं। यदि मुख्य मार्ग व सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाते हैं, तो लोग भी इन वाहनों को खरीदने के लिए जागरुक होंगे।
यहां बनाए जाने थे चार्जिंग स्टेशन
भोपाल में 120 चार्जिंग स्टेशन नगर निगम की पार्किंग, मल्टी लेवल पार्किंग, मुख्य बाजार जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बनाए जाने थे। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी गाइड लाइन जारी की थी। देश के जिन 45 शहरों में इवी चार्जिंग स्टेशन बना जाने का प्रस्ताव था, उसमें भोपाल को भी शामिल किया गया है। इसके लिए रील कंपनी को काम भी दिया गया। लेकिन अब तक ये चार्जिंग स्टेशन हवा में हैं।
चार्जिंग स्टेशनों की कमी से परेशान हो रहे उपभोक्ता
शहर में अभी टीटी नगर, एमपी नगर और बैरागढ़ मल्टी लेवल पार्किंग के अलावा आइएसबीटी और स्मार्ट सिटी परिसर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इनमें केवल स्मार्ट सिटी में चार्जिंग स्टेशन चालू हैं। ऐसे में ईवी का सफर करने वाले उपभोक्ताओं को सार्वजनिक स्थलों पर चार्जिंग स्टेशन नहीं होने से परेशानी होती है। इसके साथ ही भेल और ऊर्जा विकास निगम में एक-एक चार्जिंग स्टेशन हैं, लेकिन ये केवल वहां के कर्मचारियों के लिए हैं।
चार्जिंग स्टेशन बढ़े तो स्वच्छ परिवहन को मिलेगा बढ़ावा
इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने में सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग स्टेशनों की कमी है। चार्जिंग की सुविधा मिलने पर लोगों का रुझान इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़गे जिससे ध्वनि और वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी और लोगों को महंगा पेट्रोल भी नहीं खरीदना पड़ेगा। वहीं स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या
ई रिक्शा – 3,500
ईवी कार – 600
ईवी स्कूटर – 4,000
अन्य ईवी – 300