ग्वालियर : अफसरों के लिए प्रयोगशाला बना बाड़ा ? न हॉकर्स हटे न ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त हुई, हालात जैसे के तैसे
अफसरों के लिए प्रयोगशाला बना बाड़ा:जो भी अफसर आए उन्होंने अपने हिसाब से कराई तोड़फोड़, आए दिन बदलावों से जनता परेशान, कारोबार ठप
महाराज बाड़े पर कभी फुटपाथ बनवाए गए तो कभी तुड़वाए गए
ऐतिहासिक शहर ग्वालियर का हृदय स्थल महाराज बाड़ा जिला प्रशासन, नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अफसरों के लिए विकास कार्यों की प्रयोगशाला बन गया है। पिछले दो दशक में अफसरों ने यहां अपने हिसाब से विकास कार्य कराए।
खास बात यह रही कि एक अधिकारी द्वारा कराए गए कार्यों को उसके जाने के बाद दूसरे अधिकारी ने पसंद नहीं किया। यही कारण है कि यहां जो जरूरी कार्य थे, वे अभी तक शुरू ही नहीं हो पाए हैं। महाराज बाड़े को सुंदर बनाने के नाम पर कभी यहां फुटपाथ बनवाए गए तो कभी तुड़वाए गए। ट्रैफिक और अतिक्रमण को लेकर भी बार-बार नए प्लान तैयार किए गए। लेकिन इनमें से कोई भी प्लान यहां आने वाले लोगों को राहत नहीं दे पाया।
महाराज बाड़े की सबसे बड़ी समस्या यहां का अस्थायी अतिक्रमण है। निगम और पुलिस का मैदानी अमला रोजाना होने वाली बड़ी वसूली के कारण यहां हॉकर्स की दुकानें लगवाता है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी यहां नियमित रूप से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जाती।
पुलिस और मदाखलत अमले की तैनाती के दौरान पूरे बाड़े की रोड और फुटपाथ पर दुकानें भरती हैं। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि पेडेस्ट्रियन जोन के पत्थर काटने में समय लगेगा और जो निर्माण हो रहे हैं, उनसे जनता को कोई असुविधा हो रही है तो मौके पर जाकर अधिकारियों से चर्चा करूंगा।
न हॉकर्स हटे न ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त हुई, हालात जैसे के तैसे
- अतिक्रमण… लगभग 20 साल पहले महाराज बाड़े पर गुमटियों के साथ हॉकर्स की भारी भीड़ थी। यहां आने वाले लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए कंपू पर हॉकर्स जोन बनाया गया। कंपू क्षेत्र में रोड किनारे का नाला पाटकर हॉकर्स को पूरी ताकत के साथ हॉकर्स जोन में शिफ्टिंग कराई गई। लेकिन अपनी दुकानें दूसरों को बेचकर हॉकर्स दोबारा बाड़े पर आ गए।
- पार्किंग… एक दशक पहले बाड़े से चार पहिया वाहन पार्किंग पूरी तरह हटा दी गई। इसे महारानी स्कूल की पुरानी इमारत के कैंपस में तैयार कराया गया। इसके बाद विक्टोरिया मार्केट के सामने हिस्से में ठेका दे दिया गया। दो पहिया वाहन पार्किंग पहले भूतपूर्व सैनिकों के नाम पर दी गई। इसकेे बाद फिर से ठेका दे दिया गया।
- ट्रैफिक… बाड़े पर ट्रैफिक लोड कम करने के लिए पिछाड़ी ढ्योड़ी से टेंपो-ऑटो आदि के निकलने का रूट तैयार हुआ। उसके बाद दोबारा से वही हालात बन गए। अब एक बार फिर से पेडस्ट्रीयन जोन की कवायद शुरू हो गई है। हाल ही में टाउन हॉल के सामने वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी। व्यापारियों की आपत्ति के बाद फिर यहां वाहनों का रास्ता तैयार किया जा रहा है।
- सुंदरता… वर्ष 2010-11 में चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत दुकानों के बाहर का अतिक्रमण हटाया गया। दुकानदारों के काउंटर दुकानों के अंदर कराए गए। धर्मपुरी मंदिर के प्रवेश द्वार से हॉकर्स को हटाकर रास्ता खाली कराया । सभी दुकानदारों को एक जैसे साइन बोर्ड तैयार कराने के निर्देश दिए गए। स्मार्ट सिटी द्वारा अब फिर यही प्रक्रिया कराई जा रही है।
कोर्ट के निर्देश के बाद भी भाजपा कार्यालय के सामने से नहीं हटे ठेले
- भाजपा कार्यालय के सामने फलों और खान-पान के ठेलों को हटाने के लिए जनहित याचिका लगाई गई थी। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में नियमित रूप से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। कलेक्टर और एसपी को निगम का सहयोग करने के आदेश दिए गए थे, लेकिन मैदानी अमला ऐसी कार्रवाई बहुत दबाव होने पर ही करता है।
- गांधी मार्केट के स्थान पर एक बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स का निर्माण प्रस्तावित है। तलों पर मल्टीलेवल पार्किंग का प्रावधान है। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद भी इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो पा रहा।
- महाराज बाड़े पर ऑटो और टेंपों को पूरी तरह से प्रतिबंधित करके ई-रिक्शा के रूट तय किए जाने थे। ई-रिक्शा की भी संख्या तय होना थी, जिससे अनावश्यक भीड़ न बढ़े, लेकिन पिछले चार साल में जिम्मेदार इसका प्लान तैयार नहीं कर पाए।
टेंपो का आना प्रतिबंधित हो दुकानों के एक जैसे बोर्ड हों …
बाड़ा क्षेत्र को पूरी तरह से पेडस्ट्रीयन जोन के रूप में ही विकसित किया जाना चाहिए। टेंपो का आना यहां पूरी तरह प्रतिबंधित होना जरूरी है। बाड़े के आस-पास के क्षेत्रों में एक निर्धारित दूरी तक ही टेंपो जाएं। लोगो की सुविधा के लिए तय संख्या में ई रिक्शा इस क्षेत्र में चलाना चाहिए। यहां से सटे हुए इलाकों में पार्किंग की व्यवस्था हो ताकि लोगों को भी परेशानी न हो। यह आकर्षक ऐतिहासिक विरासत है। इसकी सुंदरता बढ़ाने के लिए यहां के बाजारों में दुकानों के एक जैसे बोर्ड होने चाहिए। साथ ही आने वाले लोगों को यहां घूमने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए अस्थायी अतिक्रमण हटाया जाना आवश्यक है।
निर्माण कार्य हों, लेकिन महीनों तक सड़कें खुदी न पड़ी रहें
महाराज बाड़ा शहर का ह्रदय स्थल और हेरीटेज है, इसके लिए व्यवस्थित प्लान बनना चाहिए। इस प्लान में महत्वपूर्ण बात यह होना चाहिए निर्माण कार्य समय सीमा में पूरे हों और कई माह तक सड़कें खुदी न पड़ी रहें क्योंकि अव्यवस्था का बड़ा कारण यही है। अतिक्रमण हटाने, पार्किंग, ट्रैफिक के मुद्दे पर संयुक्त रूप से प्लान बने, ट्रैफिक-पार्किंग को लेकर मनमानी खत्म होना चाहिए। संयुक्त रूप से चर्चा कर हॉकर्स व अतिक्रमण को हटाने का प्लान बने और लागू किया जाए। हॉकर्स को हॉकर्स जोन में शिफ्ट किया जाए अौर फिर नए हॉकर्स को न बैठने दिया जाए। इसी तरह अतिक्रमण भी फिर न होने दिए जाएं। -प्रवीण अग्रवाल, अध्यक्ष चैंबर ऑफ कॉमर्स