UP: आंगनबाड़ी केंद्र बनेंगे प्री-प्राइमरी स्कूल, अगले सत्र से शुरू होगी व्यवस्था

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि प्रदेश की बेसिक शिक्षा परिषद (Basic Education Council) के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Center) को प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में तब्दील किया जाएगा. सीएम योगी ने यहां के लोकभवन में ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना‘ (Kanya Sumangala Scheme) के शुभारंभ के मौके पर कहा कि प्री-प्राइमरी स्कूलों में 3 साल के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला दिया जाएगा. प्रदेश में यह व्यवस्था अगले सत्र से शुरू हो जाएगी.

उन्होंने कहा कि अभी प्राइमरी स्कूलों में 5 साल के बच्चों को ही पहली कक्षा में दाखिला दिया जा रहा है. सरकार के इस फैसले के बाद अब प्री-प्राइमरी स्कूलों में 3 साल के बच्चों को भी दाखिला मिल सकेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना के माध्यम से बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित कर उन्हें आर्थिक सहायता देकर सशक्त बनाएगी. इस योजना को लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ जोड़ा गया है, जिससे उनका भविष्य बेहतर हो सकेगा.

सीएम योगी ने कहा कि भारतीय परंपरा के अनुसार, ‘नारी’ शक्ति की प्रतीक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के जरिए देश में नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से प्रधानमंत्री के अभियान को बल मिलेगा.

उन्होंने कहा कि इस योजना में सरकार बालिका के जन्म के समय से लेकर इंटर में पहुंचने तक छह श्रेणियों में 15 हजार रुपये देगी. सरकार ने योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट रखा है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लिंगानुपात को बराबरी पर लाने व कन्या भ्रूणहत्या को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को सुदृढ़ करने, बालिका के परिवार को आर्थिक सहायता देने तथा बालिका के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना शुरू की गई है.

सीएम योगी ने कहा कि योजना के अंतर्गत बालिकाओं के जन्म के समय 2000 रुपये, एक वर्ष के टीकाकरण पूरा करने पर 1000 रुपये, कक्षा 1 में प्रवेश के समय 2000 रुपये, कक्षा 6 में प्रवेश के समय 2000 रुपये कक्षा-9 में प्रवेश के समय 3000 रुपये और दसवीं व बारहवीं परीक्षा उत्तीर्ण कर डिग्री या दो वर्षीय या अधिक के डिप्लोमा कोर्स के प्रवेश लेने पर 5000 रुपये एकमुश्त प्रदान किए जाने की व्यवस्था है.

उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत ऐसे लाभार्थी पात्र होंगे, जिनका परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो, जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम 3 लाख रुपये तथा जिनके परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों. किसी परिवार की अधिकतम दो बच्चियों को योजना का लाभ प्राप्त हो सकता है.

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