तमिलनाडु CM के बेटे ने सनातन धर्म को बीमारी बताया !

तमिलनाडु CM के बेटे ने सनातन धर्म को बीमारी बताया …..
14 जज, 130 ब्यूरोक्रेट्स और सेना के 118 रिटायर्ड अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग की
उदयनिधि ने 2 सितंबर को चेन्नई में सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। अपनी स्पीच में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की।

सनातन धर्म को बीमारी बताने वाले तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ 262 शख्सियतों ने सुप्रीम कोर्ट को चिट्‌ठी लिखी है। इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से खुद दखल देने की मांग की है।

इनमें 14 जज, 130 ब्यूरोक्रेट्स और सेना के 118 रिटायर्ड अफसर शामिल हैं। इन्होंने तमिलनाडु सरकार के खिलाफ स्टालिन पर कोई एक्शन ना लेने के लिए कार्रवाई करने की मांग की है।

उदयनिधि ने 2 सितंबर को सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की। उसने कहा- मच्छर, डेंगू, फीवर, मलेरिया और कोरोना ये कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनका केवल विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उन्हें खत्म करना जरूरी होता है।

हाईकोर्ट के जज रह चुके एसएन ढींगरा और गोपाल कृष्ण ने शुरू की पहल
लेटर लिखने की पहल दिल्ली हाईकोर्ट के जज रह चुके एसएन ढींगरा और शिपिंग सेक्रेटरी गोपाल कृष्ण ने की थी। इन्होंने नफरत भरी भाषा के प्रचार को रोकने और शांति-व्यवस्था को संभालने के लिए विचार करने की मांग भी की है।

स्टालिन का बयान संविधान के खिलाफ
लेटर में लिखा गया कि उदयनिधि स्टालिन के बयान ने भारत के एक बडे हिस्से के खिलाफ नफरत फैलाने वाला भाषण दिया है। संविधान में भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है इसलिए यह बयान सीधेतौर पर संविधान के खिलाफ है। इसके अलावा तमिलनाडु सरकार ने स्टालिन के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया बल्कि उन्हें बचाने की कोशिश की। यह कानून का उल्लंघन है।

2021 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को नफरत फैलाने वाले भाषण या बयान पर तुरंत एक्शन लेने का ऑर्डर दिया था। लेटर में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का हवाला दिया और लिखा कि तमिलनाडु सरकार ने एक्शन लेने में देरी की यह सुप्रीम कोर्ट का अपमान है।

उदयनिधि का सिर कलम करने पर 10 करोड़ रुपए का इनाम

उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।
उदयनिधि स्टालिन 2 सितंबर को सनातन उन्मूलन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वहां उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।

अयोध्या के संत परमहंस आचार्य ने 4 सितंबर को उदयनिधि के बयान पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि जो उदयनिधि का सिर कलम करके लाएगा, उसे 10 करोड़ रुपए का इनाम मिलेगा। इस दौरान उन्होंने उदयनिधि के पोस्टर पर तलवार चलाई।

उदयनिधि अपने बयान पर कायम, बोले – ये बात मैं लगातार कहूंगा
उधर, उदयनिधि अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने 3 सितंबर की शाम को फिर से सनातन धर्म को खत्म करने की बात दोहराई। उदयनिधि ने चेन्नई में पत्रकारों से बातचीत में कहा- मैं फिर से कह रहा हूं कि मैंने केवल सनातन धर्म की आलोचना की है और सनातन धर्म को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। ये बात मैं लगातार कहूंगा। कुछ लोग बचकाना व्यवहार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैंने नरसंहार के लिए आमंत्रित किया है।

कुछ लोग द्रविड़म को भी समाप्त करने की बात करते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि DMK वासियों को भी मार दिया जाना चाहिए?’

2 सितंबर को BJP IT सेल प्रमुख अमिल मालवीय ने उदयनिधि के बयान को नरसंहार के लिए उकसाने वाला बताया था। जिसके बाद उदयनिधि ने कहा- PM मोदी भी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेसियों को मार दिया जाना चाहिए?

उदयनिधि के खिलाफ अब बिहार में याचिका
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर अब बिहार के मुजफ्फरपुर में कोर्ट में याचिका दायर की गई है। ये याचिका सुधीर कुमार ओझा ने चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट में फाइल की है। इस पर 14 सितंबर को सुनवाई होगी। इससे पहले उदयनिधि के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज कराई थी।

उदयनिधि के बयान पर संत और नेताओं ने क्या कहा

  • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार (4 सितंबर) को कहा कि मैं तमिलनाडु की जनता और मुख्यमंत्री स्टालिन का सम्मान करती हूं। भारत की मूल भावना अनेकता में एकता है। हमें ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे एक समुदाय के लोगों को ठेस पहुंचे।
  • कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उदयनिधि स्टालिन को उदयनिधि हिटलर करार दिया। बोम्मई ने कहा कि यह उन पार्टियों के समूह की मानसिकता है जो किसी भी कीमत पर सत्ता में आना चाहते हैं। यह अलोकतांत्रिक और मानवता विरोधी है।
  • राम जन्मभूमि के प्रमुख पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा, ‘सनातन धर्म को किसी भी कीमत पर खत्म नहीं किया जा सकता है। ये धर्म सदियों से चला आ रहा है और सदियों तक चलता रहेगा। उदयनिधि को सनातन का असल मतलब नहीं पता है। वे जो भी कह रहे हैं वो बिल्कुल गलत है।’
  • चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने कहा, उदयनिधि स्टालिन एक कैबिनेट मंत्री हैं। वह एक संवैधानिक पद पर हैं। उन्हें इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।
  • केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद प्रधान ने कहा, ‘तमिलनाडु के कुछ लोगों की हकीकत अब सामने आ रही है। कुछ दिन पहले ही हमने काशी-तमिल समागम का आयोजन किया था और तमिलनाडु के हर गांव में भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। सनातन धर्म अमर है, ऐसे राजनीतिक बयानों से कुछ नहीं होने वाला।’
  • भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘एमके स्टालिन I.N.D.I.A की मजबूत कड़ी हैं और उनका बेटा ऐसे बयान दे रहा है। गठबंधन में शामिल कांग्रेस और बाकी दलों को इस बयान पर अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए। ये बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निंदा होनी चाहिए।’

कांग्रेस ने उदयनिधि के बयान से किनारा किया
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने कहा- हमारा रुख स्पष्ट है। कांग्रेस न तो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर टिप्पणी करती है और न ही इसमें विश्वास रखती है। उन्होंने कहा- हम किसी और के बयान की जिम्मेदारी नहीं ले सकते।

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