बाथरूम में प्रति व्यक्ति रोज 70 लीटर पानी हो रहा बर्बाद ?
बाथरूम में प्रति व्यक्ति रोज 70 लीटर पानी हो रहा बर्बाद …
गांव के युवक ने बनाई शुद्धम मशीन, इससे 50 लीटर पानी रियूज कर सकेंगे
मेकेनिकल इंजीनियर जितेंद्र चौधरी ने पढ़ाई के दौरान बाथ-वॉशरूम में बर्बाद होते पानी को देखा और इसे रियूज करने का आइडिया निकाला। खुद शुद्धम नाम से डिवाइस तैयार किया, जिससे पानी को रिसाइकल कर पुन: उपयोगी बना सकते हैं।
पीने के पानी के लिए अलग मशीन बनाई …
जितेंद्र ने ग्रामीण क्षेत्र में आरओ वॉटर के अभाव को दूर करने के लिए भी अलग डिवाइस बनाई है। इसे भी शुद्धम नाम दिया है। इसमें पानी फिल्टर होकर ठंडा होता है। इस पर जितेंद्र ने आईआईटी कानपुर के साथ मिलकर काम किया। हाल ही में आईआईटी ने टेस्टिंग सफल होने पर सक्सेसफुल प्रोडक्ट बताते हुए इसे लॉन्च कर दिया। जितेंद्र को जल शक्ति मंत्रालय से वॉटर हीरोज अवॉर्ड, मप्र सरकार से स्टार इनोवेशन अवॉर्ड दिया जा चुका है।
वेस्ट वॉटर स्टोरेज टैंक से कनेक्ट कर ऐसे काम करती है मशीन
ग्रे वॉटर रिसाइकल मशीन शुद्धम के साथ जितेंद्र चौधरी।
शुद्धम में सिंगल फेज मोटर है। इसका पाइप घर के वॉश या बाथरूम से बहने वाले वेस्ट वॉटर स्टोरेज टैंक से कनेक्ट करेंगे। जैसे ही वेस्ट वॉटर (ग्रे वॉटर) उस पाइप तक पहुंचेगा, सेंसर से मशीन ऑटोमैटिक चालू होकर वेस्ट वॉटर को खींचना शुरू करेगी। जहां फिल्टर डिवाइस से पानी पुन: उपयोग लायक होगा और इसे एक अलग पाइप के जरिए फ्लश टैंक या अन्य स्टोरेज टैंक में डाला जाएगा। इसकी लागत 20 हजार रुपए के आसपास है, जिसमें 80 लीटर का स्टोरेज टैंक, फ्लश टैंक व शुद्धम इंस्टालेशन शामिल है। कचरा आने पर मशीन ऑटोमैटिक क्लीन होगी।