40 साल बाद पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू ….
.भोपाल-इंदौर के पहले कमिश्नर IG लेवल के अफसर होंगे; नामों की घोषणा आज ही होगी….
भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम गुरुवार शाम से लागू हो गया है। भोपाल-इंदौर में फिलहाल पुलिस महानिरीक्षक (IG) स्तर के अधिकारी कमिश्नर बनाने की पूरी तैयारी हो गई है। इसके आदेश गुुरुवार रात ही जारी किए जाएंगे। हालांकि, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि ADG लेवल के अफसर को कमिश्नर बनाया जा रहा है। लेकिन गृह विभाग के सूत्र बताते हैं कि दोनों शहराें में पहले पुलिस कमिश्नर आईजी रैंक के अधिकारी ही होंगे। दरअसल, सरकार ने जो व्यवस्था बनाई है उसमें इस पद पर ADG अथवा IG दोनों स्तर के अधिकारी बैठाए जा सकते हैं। भोपाल में 38 और इंदौर में 36 थाने पुलिस कमिश्नर के दायरे में आएंगे। कमिश्नर के अंडर में दो एसीपी (DIG लेवल) के बाद दोनों शहरों में आठ-आठ एसपी लेवल के अफसर भी रहेंगे।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए सिस्टम के ड्राफ्ट को गुरुवार सुबह मंजूरी दे दी थी। विधि विभाग अंतिम बार बारीकी से परीक्षण के बाद इसे फाइनल कर दिया। सिस्टम के अस्तित्व में आने के बाद अब पुलिस कमिश्नर व अन्य अफसरों की पोस्टिंग का आदेश भी जारी किया जाएगा।
आइए भोपाल के पदों के विवरण से बताते हैं यह सिस्टम काम कैसे करेगा
पुलिस कमिश्नर : यह जिले का सर्वोच्च पुलिस अफसर होगा। इसे अब हम पुलिस कप्तान भी कह सकते हैं जो पहले भोपाल-इंदौर जैसे शहरों में IG हुआ करते थे। यह एकमात्र पद होगा।
2 ACP : अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दो होंगे। ये सीधे पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करेंगे। इनकी जिम्मेदारियां अलग-अलग होंगी। ये DIG रेंज के अफसर होंगे। एक ACP लॉ एंड ऑर्डर के साथ सिस्टम देखेंगे तो दूसरे क्राइम और हेडक्वार्टर का जिम्मा।
8 DCP : शहर में आठ DCP यानी आठ एसपी हो जाएंगे। अभी ये तीन हुआ करते थे लेकिन डायरेक्ट फिल्ड में दो ही रहते थे। आठ एसपी होने पर यातायात, क्राइम, हेडक्वार्टर, इन्फॉरमेशन, सिक्योरिटी आदि की जिम्मेदारी अलग-अलग DCP के पास होगी।
12 Add. DCP : शहर में एडीशनल एसपी लेवल के 12 अफसरों की पोस्टिंग एडीशनल DCP के रूप में हो जाएगी। ये अलग-अलग मामलों को लेकर DCP को रिपोर्ट करेंगे। इनसे यातायात, क्राइम, हेडक्वार्टर संबंधी काम, आम लोगों के लिए जागरुकता कार्यक्रम, सिक्योरिटी, ST SC महिलाओं से जुड़े अपराध देखने होंगे।
30 सहायक पुलिस आयुक्त : सीएसपी लेवल के 29 सहायक पुलिस आयुक्त होंगे। ये एडिशनल एसपी को रिपोर्ट करेंगे। इनमें से 29 फिल्ड ऑफिसर होंगे जबकि 1 रेडियाे का जिम्मा संभालेंगे।
(नोट – इंदौर में लगभग यही स्थिति है। केवल एडिशनल डीसीपी और सहायक पुलिस आयुक्तों के पद में मामूली अंतर है।)
40 साल से चल रही थी कवायद
दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का 40 साल में यह 6वां प्रयास है। पहली बार 1981 में इस सिस्टम को लागू करने की पहल हुई थी।
कब-कब क्या हुआ
- 3 जून 1981 को अर्जुन सिंह कैबिनेट में 5 लाख से ज्यादा की आबादी वाले चार शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, लेकिन लागू नहीं हुआ।
- 27 मार्च 1997 को तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार में वित्त मंत्री रहे स्व. अजय नारायण मुशरान, आरिफ अकील, नंदकुमार पटेल व अजय सिंह की समिति बनाई गई थी। समिति ने दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, अमरावती सहित शहरों का दौरा भी किया था, पर फैसला नहीं हो सका।
- वर्ष 2000 में दिग्विजय सरकार के दूसरे कार्यकाल में फिर मंथन हुआ। विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। विधानसभा से पारित होने के बाद इसे अनुमोदन के लिए राजभवन भेजा गया, लेकिन तत्कालीन राज्यपाल डाॅ. भाई महावीर ने इस पर स्वीकृति नहीं दी। इस बीच दिग्विजय सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी।
- वर्ष 2012 में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किए जाने के संबंध में घोषणा की, लेकिन कार्यवाही नहीं हुई।
- वर्ष 2018 में राजस्व विभाग ने कमिश्नर सिस्टम को लेकर प्रस्ताव भी तैयार किया, पर इसे कैबिनेट में प्रस्तुत नहीं किया गया था। हालांकि, अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर ली गई थी।
- 9 दिसंबर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया है।
भोपाल : इस तरह चार जोन में बांटे….
पुलिस उपायुक्त जोन- 1 टीटी नगर, कमला नगर, रातीबड़, जहांगीराबाद, ऐशबाग, स्टेशन बजरिया, हबीबगंज, शाहपुरा और अशोका गार्डन।
पुलिस उपायुक्त जोन- 2 गोविंदपुरा, पिपलानी, अवधपुरी, एमपी नगर, अरेरा हिल्स, अयोध्या नगर, मिसरोद, कटारा हिल्स और बागसेवनिया।
पुलिस उपायुक्त जोन- 3 कोतवाली, तलैया, श्यामला हिल्स, शाहजहांनाबाद, टीला जमालपुरा, कोहेफिजा, हनुमानगंज, गौतम नगर और मंगलवारा।
पुलिस उपायुक्त जोन- 4 निशातपुरा, छोला मंदिर, गांधी नगर, बैरागढ़, खजूरी सड़क, चूनाभट्टी और कोलार।
भोपाल के ये अन्य थाने SP ग्रामीण के दायरे में…
बैरसिया, गुनगा, नजीराबाद, ईटखेड़ी, सूखी सेवनिया, बिलखिरिया और परवलिया सड़क।
इंदौर: इस तरह चार जोन में बंटा
पुलिस उपायुक्त जोन – 1 मल्हारगंज, सदर बाजार, एरोड्रम, आजाद नगर, तेजाजी नगर, गांधीनगर, राऊ, राजेंद्र नगर।
पुलिस उपायुक्त जोन – 2 थाना परदेसीपुरा, एमआइजी, विजय नगर, लसूडिया, खजराना, कनाडिया, तिलक नगर।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन – 3 कोतवाली, एमजी रोड, तुकोगंज, संयोगितागंज ,पलासिया, छोटी ग्वालटली, हीरा नगर, बाणगंगा।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन- 4 जूनी इंदौर, रावजी बाजार, भंवरकुआं, अन्नपूर्णा, चंदन नगर, द्वारकापुरी, सराफा, पंढरीनाथ, छत्रीपुरा।
इंदौर के ये थाने SP ग्रामीण दायरे में – महू, मानपुर, किशनगंज, बड़गौंदा, खुड़ैल, सांवेर, चंद्रावतीगंज, हातौद, क्षिप्रा, गौतमपुरा, देपालपुर, सिमरौल और बेटमा।
13 दिसंबर को PM के सामने इनोवेशन पर प्रेजेंटेशन
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री 13 दिसंबर को बनारस जाएंगे, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक लेंगे। इसमें राज्यों के इनोवेशन और डेवलपमेंट के कामों का प्रेजेंटेशन होगा। दरअसल, प्रधानमंत्री ने पिछले माह लखनऊ में पुलिस अफसरों की बैठक में कमिश्नर सिस्टम को लेकर तारीफ की थी। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश के प्रेजेंटेशन में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को भी शामिल करेंगे।
1 दिसंबर को थी अहम बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी विवेक जौहरी के साथ प्रस्तावित ड्राफ्ट पर मंत्रालय में 1 दिसंबर को बैठक की। करीब आधे घंटे चली बैठक में दोनों अफसरों ने नए सिस्टम के ड्राफ्ट में किए प्रावधानों की सिलसिलेवार जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राफ्ट को फाइनल करने के लिए एक बैठक और की जाएगी, ताकि कमी ना रह जाए। अब गुरुवार को मुख्यमंत्री ने ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है।
अधिकारों पर भी प्रस्ताव तैयार
गृह विभाग ने दंड संहिता की धारा 107/16, 144,133, पुलिस एक्ट, मोटर व्हीकल अधिनियम, राज्य सुरक्षा अधिनियम, शासकीय गोपनीयता, अनैतिक देह व्यापार, राज्य सुरक्षा जिला, किडनैप आदि मामलों में कार्रवाई के अधिकार पुलिस को देने का प्रस्ताव तैयार किया है।
मुंबई की तर्ज पर क्राइम ब्रांच, ट्रैफिक सिस्टम
भोपाल-इंदौर में मुंबई की तर्ज पर क्राइम ब्रांच, ट्रैफिक के लिए अलग-अलग DCP नियुक्ति होंगे। इनके अधीन एसपी स्तर के दो-दो अधिकारी तैनात रहेंगे। क्राइम ब्रांच को संगीन अपराधों की विवेचना और छानबीन का काम सौंपा जाएगा। इसी तरह, शहर की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने का जिम्मा ट्रैफिक डीसीपी के पास रहेगा।
नगर निगम सीमा के सभी थाने शामिल होंगे
बता दें कि गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व में बताया था कि दोनों शहरों के नगर निगम सीमा में आने वाले थाने इसमें शामिल होंगे। देहात के थाने नहीं रहेंगे, लेकिन देहात के जिन थानों में शहरी क्षेत्र आता है, उन्हें शामिल किया जाएगा। दोनों जिलों में अलग-अलग पुलिस आयुक्त रहेंगे।
CM ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 नवंबर को भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा की थी। इसके अगले दिन सोमवार को पुलिस मुख्यालय ने ड्राफ्ट तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया था।