फायर सेफ्टी के लिए लगवाएं फायर एक्सटिंग्विशर, जानें हैंडल करने का तरीका !

खबरहादसे बता के नहीं आते:फायर सेफ्टी के लिए लगवाएं फायर एक्सटिंग्विशर, जानें हैंडल करने का तरीका

मामला नोएडा के सेक्टर 46 स्थित गार्डेनिया ग्लोरी सोसायटी का है। यहां करीबन 1500 से भी ज्यादा परिवार रहते हैं, लेकिन सोसायटी के फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त पड़े हैं।

ये सिर्फ नोएडा की इसी एक बिल्डिंग का हाल नहीं है। बल्कि ज्यादातर इमारतों की यही कहानी है। बिल्डर एक बार फायर एक्सटिंग्विशर लगवाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। उसकी नियमित तौर पर जांच नहीं की जाती। उसकी गैस चेक और चेंज नहीं की जाती। लोगों को फायर एक्सटिंग्विशर चलाने की ट्रेनिंग नहीं दी जाती। यहां तक कि ये भी चेक नहीं किया जाता कि बिल्डिंग के फ्लैट् में लगे फायर सेफ्टी अलार्म काम कर भी रहे हैं या नहीं।

हादसे कभी बता के नहीं होते। ऐसे में आज  …… में जानेंगे कि फायर एक्सटिंग्विशर कैसे चलाया जाता है और इसके रख-रखाव का प्रोसेस क्या है।

सवाल: फायर एक्सटिंग्विशर क्या है और बिल्डिंग में फायर एक्सटिंग्विशर लगाना क्यों जरूरी है?
जवाब: 
फायर एक्सटिंग्विशर घर या बिल्डिंग में आग लगने पर आपके बचाव के लिए होता है। इसे अग्निशमन यंत्र भी कहा जाता है। घर में आग लगने की स्थिति में यदि आपके आसपास फायर एक्सटिंग्विशर है और आपको उसे चलाना आता है तो आप एक बड़े हादसे को होने से रोक सकते हैं।

फायर एक्सटिंग्विशर कई तरह के होते हैं, जिनका अलग-अलग काम होता है। नीचे लगे क्रिएटिव से इनके प्रकार और इनकी उपयोगिता के बारे में समझते हैं।

फायर एक्सटिंग्विशर के बारे में डिटेल में समझते हैं…

वॉटर एक्सटिंग्विशर: पेपर, कपड़ा और लकड़ी में लगी आग को इसके जरिए बुझाया जाता है। सभी प्रकार के वॉटर एक्सटिंग्विशर पर लाल रंग का लेवल होता है।

फोम एक्सटिंग्विशर: पेट्रोल-डीजल या अन्य ज्वलनशील चीजों में लगी आग को बुझाने के लिए फोम एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल किया जाता है। पेपर और कपड़ों में लगी आग को बुझाने के लिए इसी का इस्तेमाल किया जाता है। इस पर क्रीम कलर का लेवल होता है।

पाउडर एक्सटिंग्विशर: इसका इस्तेमाल ज्यादातर बड़ी इमारतों में किया जाता है। इससे लकड़ी, पेपर, कपड़ा, इलेक्ट्रिक अप्लायंसेस, तेल या अन्य ज्वलनशील चीजों में लगी आग पर काबू पा सकते हैं। इस पर नीले रंग का लेवल होता है।

कार्बन डाइऑक्साइड एक्सटिंग्विशर: इसका यूज जहां पर बिजली के ज्यादा अप्लायंसेस हों या किसी कंपनी के सर्वर रूम में लगी आग को बुझाने के लिए किया जाता है। इस पर काले रंग का लेवल होता है।

वेट केमिकल एक्सटिंग्विशर: खाने के तेल से लगने वाली आग को बुझाने के लिए यूज किया जाता है। कई बार इसका इस्तेमाल कपड़े, लकड़ी और पेपर मिल में लगी आग को बुझाने के लिए भी किया जाता है। इस पर पीले रंग का लेवल होता है।

फायर एक्सटिंग्विशर के रख-रखाव में बरतें ये सावधानियां

  • घर और ऑफिस में फायर एक्सटिंग्विशर के साथ स्मोक डिटेक्टर या फायर अलार्म जरूर लगाएं।
  • अपने आस-पास लगे फायर एक्सटिंग्विशर की तारीख जरूर चेक करें। अगर वह एक्सपायर हो गया है तो संबंधित अथॉरिटी को इसकी सूचना दें। जैसे अपनी सोसायटी के मेंटेनेंस ऑफिस को।
  • फायर एक्सटिंग्विशर की लेवलिंग करना जरूरी है।
  • समय समय पर उसकी सर्विसिंग और आग बुझाने वाले गैस या केमिकल को रीप्लेस किया जाना जरूरी है।
  • फायर एक्सटिंग्विशर का कब और कैसे इस्तेमाल करना है, इस बारे में ट्रेनिंग लें और आसपास के लोगों को भी दें।
  • बिल्डिंग कमेटी को हर 6 महीने में फायर फाइटिंग प्रैक्टिस करानी चाहिए।

सवाल: फायर एक्सटिंग्विशर को यूज करने का सही तरीका क्या है?
जवाब: 
इसके लिए P.A.S.S टेक्नीक का यूज करते हैं।

P.A.S.S टेक्नीक का फुल फॉर्म- pull, aim, squeeze, sweep है। एक-एक स्टपे फॉलो करें।

सवाल: फायर एक्सटिंग्विशर किन जगहों पर होना चाहिए?
जवाब: 
इन्हें ऐसी जगहों पर लगाना चाहिए, जहां यह सामने नजर आए और इमर्जेंसी में तत्काल हाथ की पहुंच में हो। हालांकि इसका बच्चों की पहुंच से दूर रहना जरूरी है, लेकिन इसे किसी बहुत ऊंची और बंद जगह पर न रखें।

सवाल: बिल्डिंग या बड़े भवन में फायर एक्सटिंग्विशर न लगाने पर क्या कोई जुर्माना देना है?
जवाब: 
भारत में फायर सेफ्टी को लेकर कड़े कानून हैं। इस संबंध में लापरवाही बरतने की सजा तीन साल कैद से लेकर 3 लाख रुपए जुर्माना तक हो सकती है। हालांकि इस संबंध में हर राज्य में अलग कानून है।

फायर सेफ्टी टिप्स

  • समय-समय पर फायर अलार्म चेक करें कि वह एक्टिव है या नहीं।
  • आग लगने पर तुरंत 101 नंबर पर कॉल करके सूचना दें।
  • जितना जल्दी हो सके, उस जगह से बाहर निकलने की कोशिश करें।
  • आग लगने पर लिफ्ट यूज न करें, केवल सीढ़ियों का ही यूज करें।
  • अगर आपके कपड़ो में आग लगी है तो भागें नहीं, इससे आग भड़केगी।
  • कपड़े की आग बुझाने के लिए जमीन पर लेट जाए और उलट पलट करें। या किसी कम्बल, कोट से ढककर आग बुझाएं।
  • धुएं से घिरे होने पर अपनी नाक और मुंह को गीले कपड़े से ढंक लें।
  • अगर आप धुएं से भरे कमरे में फंस जाएं और बाहर निकलने का रास्ता न हो तो दरवाजे को बंद कर लें और सभी दरारों-सुराखों को गीले तौलिए या चादरों से सील कर दें, जिससे धुआं अंदर न आ सके।
  • भारी धुंआ और जहरीली गैस सबसे पहले छत की तरफ इकट्ठा होती है, इसलिए अगर धुआं हो तो जमीन पर झुककर बैठें।

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