पैक्ड फूड खाते हैं तो सावधान !
पैक्ड फूड खाते हैं तो सावधान ! खाना नहीं, केमिकल खा रहे हैं आप, हो सकती है गंभीर बीमारी
ग्वालियर। बदलते वक्त के साथ-साथ खान-पान का तरीका भी बदलता जा रहा है। व्यस्त दिनचर्या के कारण हर किसी के जीवन में रेडी टू ईट फूड या पैक्ड फूड ने हमारे खानपान में घुसपैठ कर ली है। पर हकीकत यह है कि ऐसे फूड्स न सिर्फ शरीर के लिए हानिकारक हैं, बल्कि इनसे कई तरह की बीमारियों की आशंका भी बनी रहती है। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसे खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकते हैं। कई बार खाना बनाने से बचने के लिए लोग इंस्टेंट या रेडी टू ईट फूड अपनाते हैं।
यहां तक कि ऐसा फूड बच्चों के टिफिन का भी हिस्सा बनता जा रही है। भले ही इस तरह के फूड ने जिंदगी को आसान बनाया है, मगर इससे खान-पान की आदतें भी बिगड़ गयी हैं। एक शोध के मुताबिक कुछ खाद्य पदार्थों में ऐसे तत्व शामिल होते हैं, जिनके कारण लोग उनके आदी भी बन जाते हैं। यही कारण है कि एक बार इन चीजों का स्वाद लेने के बाद वे बार-बार इन्हें खाने लगते हैं।
कभी-कभी पैक्ड फूड खाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन इन्हें आदत में शामिल करना ठीक नहीं है। रोज-रोज इन्हें खाने से बचें और खरीदने से पहले न्यूट्रिशनल फैक्ट्स और इंग्रीडिएंट्स को चेक करें, यह बेहद जरूरी हैं।
ध्यान रखें ये बातें
● ध्यान रखें कि इसमें ट्रांस फैट्स न हो।
● डिब्बाबंद फूड का डेट चेक करें।
● पैक्ड केक और कुकीज खाने से बचें।
● हाइ कैलोरी फूड जैसे चिप्स और कैंडी के लेबल पर ध्यान दें।
● लो फैट फूड आइटम में फैट की मात्रा 3 ग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
● जिस पैक्ड फूड में नमक या सोडियम अधिक हो, उसे न खरीदें।
● पैकेट के लेबल पर ***** ग्रेन या ***** व्हीट ही लिखा हो।
● कितनी कैलोरी मिल रही है, इस बारे में पूरी जानकारी रखनी चाहिए।
हो सकती हैं लीवर संबंधी बीमारियां
रेडी टू फूड ईट फूड आयटम्स का लगातार सेवन करने से किडनी, लीवर, कब्ज, हार्ट से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं क्योंकि इसमें कई तरह के केमिकल का उपयोग किया जाता है। जो लंबे वक्त तक खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखता है। पर यह शरीर के लिए काफी हानिकारक होता है।
रेडी टू ईट फूड में ये केमिकल होते हैं यूज
रेडी टू ईट फूड लंबे समय के लिए पैक किए जाते हैं। इनमें एडिटिव्स और प्रिजर्वेटिव डाल कर खाने की लाइफ बढ़ाई जाती है। कई तरह के केमिकल्स सोडियम नाइट्रेट, मोनोसोडियम ग्लूटामेट, कैल्सियम, सोर्बेट, आर्टिफिशियल कलरिंग फूड, बीएचटी और ट्रांसफैट आदि डाले जाते हैं। ये सब प्रिजर्वेटिव्स पोटेटो चिप्स और वेजिटेबल ऑयल में डाले जाते हैं। ये खाने के रंग और फ्लेवर को भी बदल डालते हैं। जिसे ज्यादातर लोग और बच्चे पसंद करते हैँ और उन्हें इसके स्वाद की आदत लग जाती है। ऐसे में यह सेहत को प्रभावित करने वाला होता है।
इनकी सबसे अधिक डिमांड
पैक्ड फूड में वेजिटेबल, वेज नूडल्स, शाही पनीर, उपमा, दाल फ्राई, राजमा मसाला, पालक पनीर, आलू मटर, करी चावल, इडली पेस्ट, डोसा पेस्ट, पंजाबी छोले की सबसे अधिक डिमांड रहती है।
बच्चों को हाथ से बना फ्रेश फूड ही दें
कामकाजी महिलाएं घर के बने भोजन के स्थान पर रेडी टू ईट आइटम बच्चों को देने लगी हैं। जो बच्चों की सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता होता है। इस तरह के फूड की जगह बच्चों को हाथ से बना फ्रेश फूड ही दिया जाना चाहिए।