ग्वालियर : मतदाता सूची में 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक

 मतदाता सूची में 30 से 39 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक
MP Election 2023: ग्वालियर जिले के कुल 16 लाख 25 हजार 768 मतदाताओं में युवा मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। कुल मतदाताओं में 30 से 39 वर्ष के 4 लाख 18 हजार 108 मतदाता हैं।
  1. जिले में 18 से 19 वर्ष के 48 हजार 11 मतदाता हैं, जो विधानसभा चुनाव में पहली बार मताधिकार का उपयोग करेंगे

ग्वालियर ग्वालियर जिले के कुल 16 लाख 25 हजार 768 मतदाताओं में युवा मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। कुल मतदाताओं में 30 से 39 वर्ष के 4 लाख 18 हजार 108 मतदाता हैं। जिले में 18 से 19 वर्ष के 48 हजार 11 मतदाता हैं, जो विधानसभा चुनाव में पहली बार मताधिकार का उपयोग करेंगे। मतदाता सूचियों के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत गत 4 अक्टूबर को प्रकाशित हुई मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाताओं की आयु वर्गवार यह स्थिति सामने आई है। इसी प्रकार 20 से 29 वर्ष के 3 लाख 76 हजार 520 और 40 से 49 वर्ष के 3 लाख 34 हजार 597 मतदाता हैं। 50 से 59 वर्ष के मतदाताओं की संख्या एक लाख 14 हजार 558 हैं। वहीं 60 से 69 वर्ष आयु के एक लाख 33 हजार 254 है और 70 से 79 वर्ष आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 60 हजार 273 है। जिले में 80 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या 17 हजार 505 है।

16,25,768 मतदाताओं को 6 विधायक चुनने का अधिकार

ग्वालियर जिले के 16 लाख 25 हजार 768 मतदाताओं को 6 विधायक चुनने का अधिकार है। जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र ग्वालियर ग्रामीण, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, भितरवार व डबरा (अजा.) से यह विधायक चुने जाएंगे। जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले के कुल मतदाताओं में 8 लाख 59 हजार 446 पुरूष मतदाता, 7 लाख 66 हजार 263 महिला एवं 59 अन्य (थर्ड जेंडर) मतदाता हैं। ग्वालियर जिले में पुरूष व महिला मतदाताओं का अनुपात 892 है, अर्थात एक हजार पुरूष मतदाताओं पर 892 महिलाएं हैं।

औद्योगिक विकास की काफी जरूरत

शहर को अब औद्योगिक विकास की काफी जरूरत है। इस कमी की जिम्मेदार सरकार और राजनेताओं की कमजोर इच्छाशक्ति है। देश की राजधानी से इतना नजदीक होने के बावजूद भी मालनपुर, बानमोर में औद्योगिक विकास उस स्तर का नहीं हुआ जैसा होना चाहिए था।इसके अलावा शहर की जर्जर सड़कें और शहर का ट्रैफिक यह सबसे ज्यादा परेशानी का सबब बनते हैं।कमाल की बात है कि हमारे यहां टूटी सड़कों का पेंचवर्क हो जाए बस इसे ही विकास का नाम दे देते हैं ।खुद ही सोचिए सड़कों पर पेंचवर्क और बिल्डिंग पर आकर्षक लाइट लगाना क्या विकास होता है ? अब तो उम्मीद है कि आगामी सरकार और जन प्रतिनिधि जमीनी स्तर पर उतर कर काम करेंगे।

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