40 परसेंटाइल अंक वाले भी बन जाएंगे बड़े डॉक्टर, 49 सीटें खाली !

नई नीति लेकिन ऐसे हालात: दो दिन अतिरिक्त काउंसिलिंग में सिर्फ 7 एडमिशन 

-40 परसेंटाइल अंक वाले भी बन जाएंगे बड़े डॉक्टर, 49 सीटें खाली

भोपाल. प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पीजी की सीटें नहीं भर पा रही हैं। इस बार भी 49 सीटें खाली रह गईं। कॉलेजों में नॉन क्लिनिकल सीट भरने केंद्र सरकार ने जीरो परसेंटाइल वालों को एडमिशन देने नई नीति बनाई लेकिन फिर भी पूरी सीटें नहीं भर पाईं। इस बार तो माइनस 40 परसेंटाइल लाने वाले को अंतिम एडमिशन का मौका मिला है। सीएलसी राउंड के बाद 98 सीट खाली थीं। फिर काउंसिलिंग हुई तो 42 सीट भर पाई। विभाग ने 23 को खत्म होने वाली काउंसिलिंग को 2 दिन बढ़ाकर 25 अक्टूबर तक कर दिया। अंतिम दो दिन में 7 डॉक्टरों ने नॉन क्लिनिकल सीट में एडमिशन लिया। जीरो परसेंटाइल से नीचे के विद्यार्थियों का सिलसिला शुरू हुआ तो ये -40 तक पहुंच गया।

175 सीटें तक रह जाती थीं खाली

चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नए नियमों के बाद भले ही 49 सीटें खाली रह गईं हों, लेकिन ये पिछले वर्षों की अपेक्षा कम हैं। पहले 150 से 175 सीट खाली रह जाती थीं। नॉन क्लिनिकल में नियमों में बदलाव के बाद पहली बार इतनी अधिक संख्या में सीट भर पाई हैं। स्ट्रे वैकेंसी राउंड तक 137 सीट खाली रह गई थी।

2 साल पहले कटऑफ को 15% किया था कम …

पीजी सीटों पर एडमिशन के लिए केंद्र सरकार ने मॉप-अप राउंड में कट ऑफ मार्क्स जीरो कर दिया। यह पहला मौका था जब मेडिकल काउंसिलिंग में सभी श्रेणी में जीरो कट ऑफ किया गया। आदेश के बाद परीक्षा में बैठने वाले सभी छात्र एडमिशन प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए पात्र हो गए। दो साल पहले भी कट ऑफ को 15 फीसदी कम किया था। इधर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मालवीय का कहना है कि नॉन क्लिनिकल ब्रांच में अपेक्षाकृत कम होते हैं। निजी कॉलेजों में ज्यादा फीस भरकर पढ़ने के बजाए स्टूडेंट्स ड्रॉप ले लेते हैं।

पीजी सीटों को भरने काउंसिलिंग को दो दिन आगे बढ़ाया गया था। दो दिन में 7 नॉन क्लिनिकल सीटों में एडमिशन हुए हैं, 49 सीटें अभी भी खाली हैं।

डॉ. एके श्रीवास्तव, डीएमई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *