मिलावट पर कोर्ट की फटकार, कहा, पब्लिक सर्वेंट हो खुराफात बंद करो

 मिलावट पर कोर्ट की फटकार, कहा, पब्लिक सर्वेंट हो खुराफात बंद करो
Gwalior Court News: आप पब्लिक सर्वेंट हो, यह खुराफाती काम बंद कर दो। आंखों पर पट्टी बांधकर बैठ जाते हो। यह ही नहीं पता कहां, क्या हो रहा है, कहां नकली मावा बिक रहा है, कहां नकली दूध बिक रहा है।
  1. कोर्ट ने की खाद्य सुरक्षा विभाग तल्ख टिप्पणी
  2. कोर्ट ने कहा आंखों पर पट्टी बांधकर बैठ जाते हो। यह ही नहीं पता कहां, क्या हो रहा है, कहां नकली मावा बिक रहा है, कहां नकली दूध बिक रहा है

 ग्वालियरआप पब्लिक सर्वेंट हो, यह खुराफाती काम बंद कर दो। आंखों पर पट्टी बांधकर बैठ जाते हो। यह ही नहीं पता कहां, क्या हो रहा है, कहां नकली मावा बिक रहा है, कहां नकली दूध बिक रहा है। यह बात हाईकोर्ट की युगल पीठ के जस्टिस रोहित आर्या ने मिलावट के मामले में लगी याचिका की अवमानना के केस में सुनवाई के दौरान भिंड के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को फटकार लगाते हुए कही। उन्होंने सुनवाई के दौरान भिंड जिले की रिपोर्ट पर नजर डाली तो मालूम हुआ कि वहां पोटाश, लिक्विड डिटर्जेंट, रिफाइंड, पाम आइल और आरएम केमिकल से मिलावटी दूध और मिल्क प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं। नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने ग्वालियर चंबल संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए साथ ही अतिरिक्त महाधिवक्ता एमपीएस रघुवंशी को निर्देश दिए कि जिलों के कलेक्टरों को जांच और निरीक्षण के बारे में स्पष्ट रूप से बता दिया जाए। हाईकोर्ट को यह पूरा मिलावटी दूध और मिल्क प्रोडक्ट हर हालत में ब्लाक करना है। इस मामले में अगली सुनवाई अब 9 नवंबर को होगी।

जिले के प्रत्येक कलेक्टर अपने अधीनस्थ अधिकारियों की कई टीम बनाकर दूध तथा दुग्ध से बने पदार्थों की मैन्यूफैक्चरिंग, विकय केंद्र, दुकान आदि पर सर्च कार्रवाई कराएं। द्यऐसे परिसर, जिनमें दूध या दुग्ध पदार्थों के अपमिश्रण की सामग्री जप्त होती है उन्हें शीघ्र सील्ड किया जाकर यदि लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन है उन्हें निलंबित किया जाए। द्यप्रत्येक जिले के कलेक्टर का यह भी दायित्व होगा कि जो भी खाद्य अधिकारी सैंपल एकत्रित करता है उन्हें बिना किसी देरी के नियमानुसार खाद्य प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा जाए। द्यकलेक्टर को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे अपमिश्रित दूध से बने दुग्ध पदार्थ के थोक तथा खेरीज निर्माताओं/विक्रेताओं के विरूद्ध सख्त और शीघ्र कार्रवाई की जाए। द्यप्रत्येक जिले के पुलिस अधीक्षक को यह भी निर्देशित किया गया है कि जब भी कलेक्टर/ सक्षम अधिकारी/ खाद्य निरीक्षक खाद्य के संबंध में जप्ती, सैंपलिंग एवं अन्य कार्रवाई हेतु पुलिस की मांग की जाती है तब तत्काल उन्हें बिना किसी देरी के पुलिस फोर्स उपलब्ध कराएं।
यह था याचिका का मामला

उमेश कुमार बोहरे ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में ग्वालियर चंबल संभाग में सक्रियता से चल रहे मिलावट के कारोबार को लेकर याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस संबंध में दिशा निर्देश भी जारी किए थे, लेकिन मुख्य सचिव ने कुछ नहीं किया। इसके बाद इस मामले में अवमानना दायर की गई।

आर्डर निकलने के बाद कार्रवाई

हाईकोर्ट ने भिंड के फूड सेफ्टी आफिसर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इतने वर्षो में आपने जो भी सैंपल किए हैं उसमे सिर्फ यही कहा है कि मानक के अनुरूप हैं। जैसे ही इस मामले में आर्डर जारी हुआ वैसे ही कार्रवाई शुरू हो गई। यह तो झूठ बोलने की पराकाष्ठा है। कोर्ट ने उन केमिकलों के बारे में भी बात करते हुए चिंता जताई जिनकी मदद से यह पूरा जहर तैयार किया जा रहा है।

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