bhind. वाटर प्रोजेक्ट …. 38 महीने में 240 किमी पाइप लाइन बिछाई, ऐसे तो बाकी 164 किमी बिछाने में 2 साल और लगेंगे
शहर में पानी की पाइप लाइन बिछाने का कार्य कर रही टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड काफी धीमी गति से कार्य कर रही है। कंपनी को यह कार्य दो महीने में पूर्ण करना था लेकिन 38 महीने गुजरने के बाद भी टाटा प्रोजेक्ट सिर्फ 59 फीसदी लाइन बिछा पाई है। जबकि 41 फीसदी लाइन बिछना अभी शेष है। वहीं कंपनी यदि इसी रफ्तार से कार्य किया तो अगले दो साल तक शहर की सड़कें बदहाल रहेगी। कारण लाइन बिछाए जाने और उनकी टेस्टिंग की वजह से नगरपालिका उनका निर्माण नहीं करा पाएगी।
बता दें कि अमृत योजना के तहत शहर में पानी की नवीन भूमिगत पाइप लाइन बिछाई जा रही है। एमपीयूडीसी (मध्यप्रदेश अर्बन डवलपमेंट कंपनी) ने इस कार्य की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को दी है। टाटा को शहर में कुल 404 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाना है। इसके लिए टाटा ने सितंबर 2018 में कार्य प्रारंभ कर दिया था, जिसमें दिसंबर 2020 तक पूरा करना था।
लेकिन पिछले 38 महीनों में टाटा सिर्फ 240 किलोमीटर ही पाइप लाइन बिछा पाई है। यानि औसतन एक महीने में छह किलोमीटर लाइन बिछाई गई है। जबकि अभी 164 किलोमीटर लाइन ओर बिछाई जाना है। इसी रफ्तार से यदि पाइप लाइन बिछाई गई तो 27 महीने का समय ओर लगेगा।
एक साथ एक वार्ड में पूरा नहीं किया जा रहा काम
शहर में टाटा कंपनी एक बार में एक वार्ड में काम पूरा नहीं कर रही है। बल्कि एक साथ कई वार्डों में खुदाई कर रही है। स्थिति यह है कि शहर के हाऊसिंग कॉलोनी में पिछले छह महीने से अलग- अलग गलियों में खुदाई चल रही है। पिछले एक सप्ताह से हाऊसिंग कॉलोनी में नगरपालिका क्वार्टर के सामने, शहीद चौक से बद्रीप्रसाद की बगिया की ओर सड़क खोद दी गई है। इसीप्रकार से नयापुरा क्षेत्र में भी लाइन बिछाए जाने का कार्य चल रहा है।
ओवरहेड टैंक भी अधूरे
197 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट में टाटा कंपनी को शहर में पानी की पाइप लाइन बिछाए जाने के साथ सीडब्लूआर (क्लीयर वाटर रिर्जववायर) और ओवरहेड टैंक का निर्माण भी कर रही है, इसके तहत चंबल कॉलोनी और सुंदरपुरा में सीडब्लूआर का निर्माण चल रहा है। यह दोनों 35 और 20 फीसदी बन पाए हैं। इसीप्रकार से आईटीआई पर निर्माणाधीन ओवरहेड टैंक 80 फीसदी, यदुनाथ नगर का 65 फीसदी, पुरानी गल्ला मंडी का 65 फीसदी, सुंदरपुरा का 40 फीसदी, हाजी नगर का 40 फीसदी, 17 बटालियन का 21 फीसदी, वैक्सीनेशन का 20 फीसदी बनकर तैयार हो पाए हैं। जबकि शास्त्री कॉलोनी का ओवरहेड टैंक मात्र 5 फीसदी बन पाया है।
एक साल में 25 से ज्यादा नोटिस दे चुकी नपा
शहर में खुदी पड़ी सड़कों की मरम्मत के लिए नगरपालिका पिछले एक साल में टाटा कंपनी को 25 से ज्यादा नोटिस थमा चुकी है। बावजूद टाटा कंपनी लाइन बिछाने के लिए सड़क खोदने के बाद समय से उसकी मरम्मत नहीं करा रही है। आलम यह है कि लाइन बिछाए जाने के बाद हाइड्रो टेस्ट के नाम पर महीनों सड़क खुदी पड़ी रहती है, जिससे इन खुदी सड़कों पर दिनभर धूल उड़ती रहती है, साथ ही गंदगी का आलम रहता है।
26 फीसदी खुदी पड़ी सड़कें
नगरपालिका से प्राप्त जानकारी के अनुसार टाटा प्रोजेक्ट शहर में 240 किलोमीटर पाइप लाइन बिछा चुकी है। लेकिन अब तक रेस्टोरेशन 177 किलोमीटर का किया गया है। जबकि 63 किलोमीटर की सड़कें अब तक खुदी पड़ी है, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खास बात तो यह कि टाटा कंपनी शहर में खोदी गई सड़क का समय से रेस्टोरेशन करने के बजाए खोदने में जुटी हुई है, जिससे लोगों की मुसीबत कम होने का काम नहीं ले रही है। कई मोहल्लों में तो खुदाई की वजह से निकलने तक के लिए जगह नहीं बचती, कई बार हादसे भी हो चुके हैं, इसके बाद भी नपा अफसर कंपनी को सिर्फ नोटिस देने की कार्रवाई करते रहते हैं।
अब तक 59 फीसदी लाइन बिछाई
टाटा कंपनी को लगातार रेस्टोरेशन के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्हें मार्च 2022 तक काम पूरा करना है। लगभग 59 फीसदी लाइन बिछाई जा चुकी है। काम समय पर पूरा करने के लिए उनसे कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी। – दीपक अग्रवाल, इंजीनियर नगरपालिका, भिंड