MP-MLA Court: एमपी-एमएलए कोर्ट से क्यों घबराते हैं दागी नेता?
MP-MLA Court: एमपी-एमएलए कोर्ट से क्यों घबराते हैं दागी नेता? सजायाफ्ता हो चुके हैं ये ‘माननीय’
Supreme Court on MP-MLA Court: सत्ता को अपनी दबंगई चलाने का प्रतीक समझने वाले नेताओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा चाबुक चला है. देशभर में एमपी-एमएलए कोर्ट में सांसद-विधायकों के खिलाफ चल रहे मुकदमों की निगरानी के लिए SC ने गाइडलाइन जारी कर दी है.
एमपी-एमएलए कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2018 में देशभर मे स्पेशल कोर्ट स्थापित की गई थी. बाद में इन अदालतों को एमपी-एमएलए कोर्ट के रूप में बदल दिया गया. सांसद-विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सुनवाई इन्हीं अदालतों में ही होती है. इन अदालतों की निगरानी खुद सुप्रीम कोर्ट करती है.
इतने मुकदमे पैंडिंग
शीर्ष न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में सांसदों/ विधायकों के खिलाफ 5175 मुकदमे पैंडिंग हैं. इनमें से 2116 यानी कि करीब 40 प्रतिशत केस पिछले 5 साल से ज्यादा वक्त से पैंन्डिंग हैं.
नंबर वन पर है यूपी
सांसद-विधायकों के खिलाफ सबसे ज्यादा 1377 केस यूपी में लंबित हैं. इसके बाद बिहार का नंबर आता है, जहां पर नेताओं के खिलाफ 546 केस पैंडिंग चल रहे हैं. वहीं महाराष्ट्र में 482 सांसद-विधायकों के खिलाफ लंबित चल रहे हैं.
आजम खान
मुख्तार अंसारी
पूर्वांचल का बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) एमपी-एमएलए कोर्ट ने इसी साल गैंगस्टर एक्ट के मामले में 10 साल की सजा सुनाई. इसके साथ ही मुख्तार मुख्तार अंसारी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.
रमाकांत यादव
आजमगढ़ से पूर्व सपा सांसद रमाकांत यादव भी एमपी-एमएलए कोर्ट से दंडित हो चुके हैं. उन पर वर्ष 2019 में सदर कोतवाली में मारपीट, बलवा और गाली-गलौज का मामला दर्ज हुआ था. इसके बाद मामले को सुनवाई के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट भेज दिया गया था.