घर में ऐसे 10 उपकरण, जहां लग सकता है करंट, जरूर बरतें 7 सावधानियां

घर में ऐसे 10 उपकरण, जहां लग सकता है करंट, जरूर बरतें 7 सावधानियां
पंखे से लगा करंट, 4 बच्चों की मौत….

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 19 नवंबर को दर्दनाक हादसा हो गया। यहां के बारासागर थाना क्षेत्र के लालमन खेड़ा गांव में 4 बच्चों की करंट लगने से मौत हो गई।

दरअसल माता-पिता खेत में गए हुए थे। बच्चे घर में अकेले थे। तभी घर में रखे फर्राटा पंखे में बिजली का करंट उतर आया। जिससे एक के बाद एक-एक चारों बच्चे करंट की चपेट में आ गए।

शैतानी करना तो बच्चों की फितरत होती है इसलिए बच्चे वाले घर में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। फिर रही बात करंट की, तो करंट चाहे बच्चे हों या बड़े-बुजुर्ग किसी को भी लग सकता है। लेकिन इससे सावधानी बरतकर दुर्घटना से बचा जा सकता है।

……………. में आज समझेंगे कि घर में रखें इलेक्ट्राॅनिक सामान से खुद की और बच्चों की सुरक्षा कैसे करें। साथ ही जानेंगे कि जिन घरों में बच्चे हैं, वहां बिजली से संबंधी क्या सावधानियों बरतनी चाहिए, जिससे इस तरह के दर्दनाक हादसों से बचा जा सके।

सवाल: बिजली के उपकरण तो लगभग हर किसी के घर में होते हैं। ऐसे में किन वजहों से करंट लगने का खतरा रहता है?
जवाब: 
जीं, बिल्कुल। घर, दुकान, कारखाना लगभग सभी जगह बिजली के उपकरण तो होते हैं। लेकिन इनसे जरा सी लापरवाही होने पर बड़ी दुर्घटना होने का खतरा रहता है। ऐसी तमाम वजहें हैं, जिनकी वजह से आमतौर पर करंट लगता है। इन्हें नीचे लगे ग्राफिक से समझते हैं।

सवाल: करंट लगने पर क्या मौत भी हो सकती है। अगर हां, तो कैसे?
जवाब:
 जी हां, करंट लगने पर मौत भी हो सकती है। असल में करंट लगने पर दिल का सही तरह से काम नहीं कर पाता है। जिससे हार्ट न तो खून पंप करता है न ही वहां खून रुकता है। इसे एट्रियल एवं वेंट्रिकुलर फेब्रिलेशन कहते हैं। जोकि मौत का कारण बनता है।

कई बार पेशेंट कोमा में भी चला जाता है, उसके बाद सांस बंद हो जाती है। इसे कार्डियो पल्मोनरी अरेस्ट भी कहते हैं।

करंट लगने से 10 तरह का खतरा हो सकता है

  • गंभीर रूप से जलना
  • सांस लेने में तकलीफ
  • घबराहट होना
  • बेहोश होना
  • कार्डिएक अरेस्ट
  • सुन्न या लकवा मारने जैसी स्थिति होना
  • डिहाइड्रेशन
  • खून का थक्का बनना
  • देखने, सुनने और बोलने में परेशानी होना
  • मांसपेशियों में दर्द और संकुचन

नोट: बच्चे, बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिला। इन्हें करंट लगने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

सोर्स- डॉ. बालकृष्ण श्रीवास्तव, इंचार्ज मेडिकल ऑफिसर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, मिसरोद (भोपाल)

बिजली से चलने वाली चीजें जैसे कूलर, पंखा, टेबल फैन, वॉशिंग मशीन, फ्रिज जैसी किसी भी चीज में कभी भी करंट उतर सकता है, यानी बिजली का झटका लग सकता है। इन झटकों से बचने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसे नीचे लगे क्रिएटिव से समझते हैं-

छोटे बच्चों को करंट लगने का डर ज्यादा

12 साल से कम उम्र के बच्चों को बिजली के झटके लगने का खतरा घर के अंदर ज्यादा रहता है। जमीन पर घुटनों के बल चलते हैं, किसी भी चीज को छू लेते हैं, नंगे तारों, प्लग को मुंह में डाल लेते हैं।

  • सबसे पहली बात 12 साल से छोटे बच्चों को घर में अकेला छोड़कर न जाएं।
  • बच्चों को बिजली की तारों और किसी भी इलेक्ट्रॉनिक चीज को छूने न दें।
  • घर के सभी स्विच और इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड पर कवरगार्ड लगवाएं।
  • एक्सटेंशन बोर्ड को ऊंचाई पर ही रखें।
  • टूटे व कटे हुए तारों को बदलें और बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  • बच्चों को बताएं कि इन चीजों से करंट लग सकता है, इनसे दूर रहें।

अगर आपके सामने किसी को करंट लगा हैं, तो इमोशनल होकर तुरंत बचाने न जाएं, वर्ना आप भी करंट की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में करंट लगे व्यक्ति को बचाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें।

किसी को करंट लगे तो बचाने से पहले ध्यान रखें 5 बातें

  1. हाथ सूखे होने चाहिए।
  2. सूखे कपड़े पहने हो।
  3. जूते-चप्पल सूखे होने चाहिए।
  4. गीली जगह पर न खड़ें हों।
  5. बचाने के लिए लकड़ी की सूखी और लंबी छड़ी लें।

करंट लगे व्यक्ति को बचाने का तरीका

  • सबसे पहले घर की मेन पावर सप्लाई को तुरंत बंद कर दें।
  • करंट लगे व्यक्ति को पावर बंद होने तक न छुएं।
  • अब व्यक्ति को उठाने की कोशिश करें।
  • शरीर के जिस अंग में करंट लगा है वहां साफ पट्टी बांधें।
  • तुरंत डॉक्टर को बुलाएं या एंबुलेंस को फोन करें।
  • अगर सांस नहीं ले पा रहा है तो एंबुलेंस के आने तक CPR देकर होश में लाने की कोशिश करें।
  • जल्द से जल्द उसे हॉस्पिटल ले जाएं।

सवाल: करंट लगने पर डॉक्टर चेकअप ही करते हैं या फिर टेस्टिंग भी करते हैं?
जवाब:
 ये तो करंट लगे पेशेंट की स्थिति पर निर्भर करता है। डॉक्टर पेशेंट में पहले ये चेक करते हैं कि कोई बाहरी या अंदरूनी चोट तो नहीं है।

क्योंकि बिजली के झटके से मांसपेशियों, दिल, दिमाग समेत कई अंगों नुकसान हो सकता है।

डॉक्टर पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री और फिजिकल फिटनेस के आधार पर टेस्ट कराने को कह सकते हैं। जैसे-

  • सीटी स्कैन ( शरीर के विभिन्न अंगों में सॉफ्ट टिश्यूज़, ब्लड वेसल्स को देखने के लिए)
  • यूरिन टेस्ट (मांसपेशी के एंजाइम के लिए जो मांसपेशियों की चोट का संकेत देता है)
  • एक्स-रे (फ्रैक्चर या क्रेक तो नहीं, ये देखने के लिए)
  • ईसीजी (दिल की सेहत की जांच करने के लिए)
  • ब्लड टेस्ट (ब्लड शुगर लेवल और ब्लड की मात्रा की चेक करने के लिए)

चलते-चलते…

करंट क्यों लगता है, इसके पीछे की साइंस को समझते हैं-

हम सबने बचपन से सुना है सभी चीजें परमाणु यानी Atom से बनी हैं। परमाणु तीन चीजों से बना है – इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन। इस इलेक्ट्रॉन में निगेटिव चार्ज होता है।

जो चीजें अच्छी सुचालक यानी गुड कंडक्टर होती हैं, वो इलेक्ट्रॉन को आसानी से बाहर जाने नहीं देती। इसीलिए इलेक्ट्रॉन Atom में दौड़ते रहते हैं और उस चीज में करंट भी दौड़ता रहता है।

जो चीजें बिजली की खराब सुचालक यानी बैड कंडक्टर होती हैं, वो इलेक्ट्रॉन को बाहर जाने से रोक नहीं पाती हैं। इसीलिए कई बार उसमें इलेक्ट्रॉन जमा हो जाते हैं। पॉजिटिव चार्ज निगेटिव चार्ज को अपनी ओर खींचते हैं। जैसे- कंघा अपनी तरफ कागज के टुकड़ों

खींचता है।

जब किसी चीज में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ती है तब उसमें निगेटिव चार्ज भी बढ़ता है। फिर कोई भी इंसान किसी ऐसी चीज को छूता है तो उसके शरीर के पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन सामने वाली चीज के इलेक्ट्रॉन को अपनी तरफ खींचने लगते हैं। इन इलेक्ट्रॉनों की हाई स्पीड के कारण ही करंट लगता है।

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