ग्वालियर : 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया PWD इंजीनियर !

3 लाख के बिल का भुगतान करने 75 हजार मांगे, ठेकेदार से 15 हजार रुपए लेते ईई पकड़ा

लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री (ईई) पीके गुप्ता को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ लिया है। आरोपी ने ठेकेदार से कलेक्टर भिंड के बंगले में नवंबर माह में की गई बिजली फिटिंग के 3 लाख के बिल का भुगतान करने के एवज में 75 हजार रुपए की रिश्वत मांग की थी।

आरोपी 55 हजार रुपए पहले ले चुका था, आज 20 हजार रुपए और लेने ठेकेदार के मेला स्थित कार्यालय पर पहुंचा था। यहां ठेकेदार ने ईई को जैसे ही 15 हजार रुपए दिए तो लोकायुक्त पुलिस ने उसे दबोच लिया। लोकायुक्त एसपी आरएस यादव से सोमवार को बिजली ठेकेदार महेंद्र सिंह बैस ने शिकायत की थी।

पकड़े जाते ही बीपी बढ़ने व अटैक का किया नाटक

पकड़े जाते ही कार्यपालन यंत्री ने लोकायुक्त अफसरों के सामने बीपी बढ़ने व अटैक आने का नाटक किया। इस पर लोकायुक्त अफसरों ने एंबुलेंस व डॉक्टर को बुलाया। लोकायुक्त कार्रवाई के दौरान एंबुलेंस वहीं पर खड़ी रही और डॉक्टर ने आरोपी इंजीनियर का परीक्षण भी किया।

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 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया PWD इंजीनियर, ठेकेदार की शिकायत पर लोकायुक्त की कार्रवाई
ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार शाम को कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता को रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्यपालन यंत्री दो लाख 72 हजार के बिल में 75 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था।
Gwalior News: 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया PWD इंजीनियर, ठेकेदार की शिकायत पर लोकायुक्त की कार्रवाईपीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया
  1. पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री 15 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया
  2. कार्य का भुगतान कराने के लिए 55 हजार पहले ले चुका था
  3. ठेकेदार ने की थी लोकायुक्त से शिकायत, रंगे हाथ दबोचा गया

 ग्वालियर। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में इलेक्ट्रिकल एंड मेंटेनेंस अनुभाग के कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता को लोकायुक्त ने 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्यपालन यंत्री दो लाख 72 हजार के बिल में 75 हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था। उसने ठेकेदार से 55 हजार रुपये कुछ दिन पहले रिश्वत में लिए थे, बाकी के 20 हजार रुपये वसूलने के लिए दबाव बना रहा था। इसको लेकर ठेकेदार ने लोकायुक्त में शिकायत की। लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार शाम को कार्यपालन यंत्री पीके गुप्ता को मेला ग्रांउड में रंगे हाथों पकड़ लिया। कार्रवाई करने वालों में डीएसपी राघवेंद्र ऋषिश्वर, विनोद सिंह कुशवाह, इंस्पेक्टर राघवेन्द्र तोमर, कवीन्द्र सिंह चौहान, आराधना डेविस और अन्य 12 सदस्यीय दल शामिल रहे।

बिल में 25 प्रतिशत कमीशन मांगी थी

शिकायतकर्ता महेन्द्र सिंह बैस निवासी ठाकुर मोहल्ला गौसपुरा ग्वालियर बिजली में सरकारी ठेकेदार हैं। महेन्द्र सिंह ने बताया कि भिंड कलेक्टर के बंगले पर बिजली फिटिंग के काम का टेंडर निकला था। यह काम चार लाख 27 हजार का था। इसका ठेका उन्होंने 20 प्रतिशत कम में ले लिया। साढ़े तीन लाख के काम में दो लाख 72 हजार का काम पूरा होने पर बिल पास कराने के लिए लगा दिया। इसको लेकर लोक निर्माण विभाग में इलेक्ट्रिकल एंड मेंटेनेंस के कार्यपालन अधिकारी पीके गुप्ता ने बिल पास करने के एवज में 25 प्रतिशत कमीशन की मांग की।

महेन्द्र बैस का कहना है कि उन्होंने इतनी राशि देने से इन्कार किया तो कार्यपालन यंत्री ने बिल पास करने से इन्कार कर दिया। कार्यपालन यंत्री ने कहा कि सब इंजीनियर और एसडीओ में से किसी को भी रिश्वत देने की जरूरत नहीं है, आप तो मुझे 25 प्रतिशत दे दो। इस तरह से दबाव बनाकर महेन्द्र बैस से 75 हजार की मांग की, जिसमें से 55 हजार रुपये चार दिन पहले कार्यपालन यंत्री ने वसूल लिए। बाकी के जो 20 हजार रुपये रिश्वत के बचे थे, उनके लिए वह दबाव बनाने लगा कि जब तक बाकी की राशि नहीं मिलेगी, तब तक बिल पास नहीं होगा।

इस तरह से पकड़ाया

महेन्द्र बैस बताते हैं कि उनके पास ग्वालियर व्यापार मेला में बिजली का काम है, इसलिए मेला परिसर में ही कार्यालय बना रखा है। रिश्वत को लेकर जब कार्यपालन यंत्री का दबाव अधिक बढ़ा तो लोकायुक्त में शिकायत कर दी, क्योंकि तीन लाख की राशि में 25 प्रतिशत कमीशन देने के बाद कुछ बच ही नहीं रहा था।

लोकायुक्त ने आवाज रिकार्ड करने के लिए कहा

बैस का कहना है कि सोमवार को कार्यपालन यंत्री मेला ग्राउंड में मेरे कार्यालय ही पैसा वसूलने आ गया तो यहीं पर मैंने उससे लेनदेन की पूरी बातचीत रिकार्ड कर ली। मंगलवार की सुबह से ही कार्यपालन यंत्री फोन कर पैसा मांगने लगा तो मैंने उसे शाम को पैसा ले जाने के लिए कहा। इसके बाद वह शाम को आ धमका। मैंने लोकायुक्त की टीम को बुला लिया, जैसे ही कार्यपालन यंत्री ने पैसा लिया पकड़ा गया।

पीडब्ल्यूडी का कार्यपालन यंत्री 55 हजार रुपये पहले ले चुका था और 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। वह बिल पास करने के एवज में ठेकेदार से रिश्वत मांग रहा था।

कविन्द्र चौहान, इंस्पेक्टर लोकायुक्त।

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